सूरतगढ़ 19 अगस्त- राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए जूझ रहे राजस्थान के लोगों की आवाज को बुलंद करने की कड़ी में प्रयासरत मायड़ भाषा राजस्थानी लोककला रंगमच के कलाकारों द्वारा राजस्थानी भाषा में रामलीला के मंचन की रिर्हसल करणी माता मंदिर परिसर में जोरशोर से जारी है। रिर्हसल के दौरान हास्य कलाकार नगेन्द्रसिंह शेखावत ने पहुंचकर राजस्थानी रामलीला में अभियन कर रहे कलाकारों को अभिनय के गुर बताए। शेखावत ने कहा कि मंच पर अपना अभिनय प्रदर्शित करने से पहले कलाकार को दिए गए पात्र को पूरी तरह से आत्मशात कर लेना चाहिए। शेखावत ने कला के 9 रसों के प्रदर्शन कर उपस्थित जनों का मनमोहा। गौरतलब है कि नगेन्द्रसिंह शेखावत सूरतगढ़ की राजनीति में सक्रिय भागीदारी निभाते हुए राजस्थानी फिल्मों में भी अपने अभिनय के जौहर दिखा चुके हैं। उन्होंने गौरी व राजू राठौड़ राजस्थानी फिल्मों में अभिनय किया है। रिर्हसल के दौरान राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति छात्र मोर्चा संयोजक डां. गौरीशंकर निमिवाल ने अपने उदबोधन में कहा कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने पर ही राजस्थान के नौजवानों की बेरोजगारी दूर होगी। उन्होंने राजस्थानी रामलीला के मंचन को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाने वाला कार्य बताया। इसी अवसर पर नोहर से पधारी जननेता चौधरी शांति देवी ने कलाकारों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि वे अपना प्रयास जारी रखें। वह दिन शीघ्र ही आएगा जब राजस्थानी भाषा भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल होगी। कार्यक्रम में देवीलाल ने भी अपने विचार रखे। संस्था अध्यक्ष ओमसाबणियां ने सबका आभार व्यक्त किया। इस मौके पर ईमिलाल प्रजापत, धन्नाराम स्वामी, निदेशक अमरिश जबरियां, रमेश सिंह, मोहनी शर्मा, रविना, मनोजकुमार स्वामी आदि सहित रामलीला के कलाकारों ने शिरकत की व रामलीला की रिर्हसल का भी प्रदर्शन किया तथा आहवान किया कि राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति को आगे बढाने के लिए हमें निरन्तर प्रयासरत रहना चाहिए। नगेन्द्र सिंह शेखावत की सूरतगढ़ में शीघ्र प्रर्दशित होने वाली राजस्थानी फिल्म राजू राठौड़ को सपरिवार देखने का आहवान किया गया।