सूरतगढ़ में घर से बाहर खतरा ही खतरा क्यों है
- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़. 22 जून 2017.
सूरतगढ़ शहर का हर गली और मोहल्ला खुदा हुआ पड़ा है।घर से बाहर निकलना खतरा ही खतरा है।आप खुद बचें और अपने बच्चों को भी बचाएं।
सीवरेज के कारण शहर के अनेक गली मोहल्ले सड़कें खुदे हुए हैं तथा वहां किसी प्रकार का सूचना पट नहीं है और जो खुदाई वाले स्थान है उनके चारों तरफ कोई अवरोधक भी नहीं लगाए हुए हैं।जहां पर मिट्टी डाली गई वहां जोर रह गई और सड़कें बरसाती पानी से धंसी पड़ी है।
शहर में वर्षा के कारण नाले लबालब और सड़कें पानी से भरी हुई।मोहल्ले पानी से भरे हुए पड़े हैं। किसी गड्ढे का किसी नाले का चेहरा दिखाई नहीं पड़ रहा। ऐसे में चाहे पैदल निकले चाहे दुपहिया चौपहिया वाहनों पर निकलें किसी भी समय दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।
शहर में भयानक कीचड़ भरा हुआ है फिसल करके भी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।यह स्थिति दिन की बताई जा रही है।जब दिन में निकलना कठिन है,तब रात्रि में निकलना और भी ज्यादा खतरनाक है। कोई बहुत जरूरी कार्य हो तो ही रात में बाहर सावधानी से और टॉर्च आदि ले कर के ही निकलें।आज 22 जून को शहर के कई मार्गों का मोहल्लों का अवलोकन किया जिसमें यह खतरनाक हालात सामने आए हैं।
आवासन मंडल का भी जिक्र कर दें वहां पर हालत बहुत बुरी है।किसी भी सड़क पर निकल नहीं सकते।आवासन मंडल में यह हालत अतिक्रमणों से भी आई है, जहां मकानों के आगे 15- 20 फुट तक अतिक्रमण किए हुए हैं और केवल सड़क बची हुई है,बाकी सारे स्थान कब्जे में है।
आवासन मंडल की समस्त सड़कें भी भयानक कीचड़ में लथपथ है और वहां पैदल तथा वाहनों से निकलना मुश्किल है।
बीकानेर रोड पर सैकड़ों की तादाद में नए गड्ढे बन चुके हैं। शहर की यह हालत नाजुक है।