- करणीदानसिंह राजपूत -
सूरतगढ़,3 नवम्बर 2015.
गुरूशरण छाबड़ा अपने विद्यार्थी जीवन और उसके तुरंत बाद भी आँदोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया था।
सन् 1969-70 में श्रीगंगानगर जिले में कृषि भूमि की नीलामी रूकवाने के लिए किसानों का ऐतिहासिक जेल भरो आँदोलन हुआ था जिसमें गुरूशरण छाबड़ा ने भी प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी थी। छाबड़ा उस समय भरतपुर जेल में रखे गए थे। श्रीगंगानगर की जेलें ही नहीं राजस्थान की जेलों में भी किसानों को रखने की जगह नहीं रही थी। उस समय मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा की सरकार थी जिसने कृषि भूमि केवल नीलामी से देने की कार्यवाही शुरू की थी।
उस समय का एक चित्र यहां दिया जा रहा है जिसमें छाबड़ा जी नारा लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।