मंगलवार, 21 मार्च 2017

संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ



संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश
तूं चलते जाना निर्भय
बिना रूकेे बिना झुके
विचलित करने को
राह बदलने को
भटकाने को
बीच राह में
मखमली चट्टाईयों के
मोड़ बनाऐ होंगे
मगर,तूं कांटों भरे कंकड़ीले पथ पर
सीधे बढ़ते जाना
जो पहुंचाएगा
जन जन के बीच

संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश

जन जन के दुख पीड़ाओं को
झेलना तूं
कभी इनकार न करना
तेरा नाम दान सार्थक करना,

संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश

तूं पाए जो संघर्ष का फल
और जो मिले पुण्य प्रताप
उसे कभी अपना मत कहना
उसे दान करते रहना
तूं मालिक मत बनना
उसकी मालिक जनता को
अर्पण करते चलना

संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश

सत्ता के ऊंचे ऊंचे पद
विशाल अट्टालिकाएं
लोभ लालच मोह के
फंदों में राजनेता
धनपति जनपथ से
भटकाने को ना जाने कैसे कैसे
स्वांग भरेंगे,मीठे बोलेंगे।
तूं सबको छोड़ता
आगे बढ़ते रहना


संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश

 ये देश हमारा गौरवशाली
 इसको बनाने में
तेरे से पहले असंख्य दे गए कुर्बानी
किसी ने आह तक नहीं की
फांसी का फंदा चूमा हंसते
गोली सीने में खाई
या झेली यातनाएं काला पानी
तूं कांटों वाले कंकड़ीले राह
पर चलने का एहसान मत जता देना।

संघर्ष का पथ ही है असली जनपथ
हीरा रतन जननी जनक दे गए संदेश

सत्यम् शिवम् सुंदरम् को
अपने भीतर रखते
सत्यमेव जयते को
सदा याद करते
तूं चलते जाना निर्भय
बिना रूकेे बिना झुके
बस बोलते जाना
उदघोष करते जाना
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
सत्यमेव जयते
सत्यमेव जयते

़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़

जननी माँ हीरा जनक पिता रतनसिंह  जी को समर्पित।
़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़

कविता-   

  
करणीदानसिंह राजपूत,


राजस्थान सरकार द्वारा अधिस्वीकृत पत्रकार,
 
23 करनाणी धर्मशाला,
सूरतगढ़. मो.       94143 81356

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8-1-2015.
update  18-10-2016.
up date 21-3-2017.!

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