सूरतगढ़, कीड़ा नगरी उस जगह को कहा जाता है जहां पर धरती में लाखों कीड़े रहते हैं। कीड़ा नगरी को नष्ट करना या वहां मकान दुकान आदि बनाना भी कीड़ा नगरी को नष्ट करने में ही माना जाता है। कीड़ा नगरी पर मकान अथवा दुकान या किसी भी प्रकार का अन्य निर्माण करना मतलब वहां लाखों कीड़ों की मौत। संभव है कि इतने कीड़ों के जीवन को बचाने के लिए यह मान्यता गढ़ी गई हो कि उजाडऩे वाला व्यक्ति और उसका परिवार संकट में घिरे हुए रहेंगे। कीड़ा नगरी को सींचने का कर्म वर्षों से हो रहा है। कीड़ा नगरी स्थल पर आटा,दलिया, या अन्य अन्नाज व शक्कर कीड़ों को खाने के लिए डालने की परंपरा आज भी है।
कीड़ा नगरी को उजाडऩे पर संकट की बात को सही अथवा गलत माना जाए या नहीं, लेकिन आशंका पर सोचा जाए तो सब कुछ सामने आता है कि कीड़ा नगरी पर आवास या व्यावसायिक निर्माण कराने वाले परेशान रहे हैं या फिर परिवार जन असामयिक मौतों जैसे भयानक खतरों को झेलते रहे हैं। जीवन पर और सम्पति पर इस प्रकार के उतार चढ़ाव आए हैं कि करोड़ों की सम्पति जीर्ण शीर्ण हो रही है या उनके दुबारा निर्माण नहीं हो रहे हैं।
एसबीबीजे के पीछे का इलाका जहां पर मोदी सिनेमा होता था। वहां पर बड़े बड़े नोहरे इस समय खाली पड़े हैं और उनमें घास फूस ऊग रहे हैं। मालिक चाहते हुए भी दुबारा निर्माण नहीं करवा पा रहा।
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