करणी प्रेस इंडिया
मंगलवार, 22 मार्च 2011
सोने सरीखी धरती...
तूँ के खोजे सोने रे कण ने, आ धरती सोने बरगी, माथो ऊँचो कर देख, आ मायड़ राजस्थान री धरती.....
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