मंगलवार, 12 अक्तूबर 2021

वृक्ष मित्र परिवार:सूरतगढ़ को जगाता:हरियाला बनाता: पेड़ लगाता:

 

* करणीदानसिंह राजपूत *
विकास की ओर अग्रसर सूरतगढ़ में भी ऊंचे शानदार भवनों के सीमेंट कंक्रीट के फैलते जंगल में आज जहां से गुजरें वहां आंखों के आगे एक नाम छा जाता है' वृक्ष मित्र परिवार'।





शहर की सड़कों सरकारी कार्यालयों के समीप, परिसरों में और अनेक सामाजिक धार्मिक संस्थाओं मंदिर परिसरों में पौधे जो बन रहे हैं पेड़। पौधों पेड़ों के सुरक्षा कवच पर एक नाम दिखता है। मै इसी नाम वृक्ष मित्र की चर्चा कर रहा हूं जिसने सूरतगढ़ की सूरत बदल दी। इस संस्था के सदस्यों ने शहर में जाग पैदा कर दी और यह प्रमाणित कर दिया है कि आदमी चाहे वह सब कर सकता है। पेड़ ही पेड़। पेड़ों की कतारें। पौधा रोपण आसान नहीं और उनको सींचना तो बहुत कठिन। ऐसी जगह भी हैं जहां दूर तक पानी नहीं। लागि ऐसी लगन सब हो गए मगन। इस लगन का परिणाम आज दिखाई दे रहा है और आने वाले कुछ सालों में भरपूर छाया और प्राणवायु देगा। और उस समय लोगों के मुंह से निकल पड़ेंगे आशीष के दो शब्द!
वृक्ष मित्र संस्था ने आम नागरिकों को प्रेरित किया है वहीं जनप्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों, संस्थाओं को भी साथ में खड़ा किया है। प्रशासनिक अधिकारियो कर्मचारियोंं को साथ लिया है तो वहीं पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को भी साथ लिया है। 
' साथी हाथ बढाना साथी रे' की गूंज सी सुनाई पड़ती है। सूरतगढ़ शहर में। मेरे सूरतगढ़ में। ०0०
12 अक्टूबर 2021.
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार ( राजस्थान सरकार के सूचना एव़ जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़. (राजस्थान.)
94143 81356.
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