शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

राजनीति में ललित किशोर चतुर्वेदी जैसे स्पष्टवादी और नारीशक्ति के पक्षधर होने चाहिए



*  ललित किशोर चतुर्वेदी जयंती  2 अगस्त पर विशेष*


संस्मरण लेख - करणीदानसिंह राजपूत.


ललित किशोर चतुर्वेदी जी का नाम और काम राजस्थान में उच्च शिक्षा के प्रसार, राजनीति और समाज में नारी की उन्नति और विकास में सर्वाधिक रुचि वाला और राजनीति में स्पष्टवादी होने का मिलता है। उनका संदेश था कि राजनीति में महिलाएं आगे बढ़कर इतना कार्य करें कि पुरुषों  से आगे निकल जाएं।

ललित किशोर चतुर्वेदी के कुछ विचार घटनाओं के साथ मैं यहां प्रस्तुत कर रहा हूं जो उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हैं।

सूरतगढ़ में सन् 1977 में राजकीय महाविद्यालय खुलवाने में उस समय के विधायक गुरूशरण छाबड़ा और उच्च शिक्षा मंत्री ललित जी की महत्ती भूमिका रही।

वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और 10 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट प्रस्तुत करते हुए सूरतगढ़ के राजकीय महाविद्यालय का नाम स्वर्गीय गुरु शरण छाबड़ा के नाम से करने की घोषणा की। गुरुशरण छाबड़ा जनता पार्टी के कार्यकाल में सूरतगढ़ से विधायक चुने गए थे और उन्होंने राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ़ में खोलने के लिए संघर्ष किया था।

 तत्कालीन भैरों सिंह शेखावत ने विश्वास दिला दिया था कि जब भी सरकारी महाविद्यालय खोले जाएंगे तब सूरतगढ़ को प्राथमिकता दी जाएगी लेकिन महाविद्यालय खोलने से पहले अनेक शर्तों का पालन करना जरूरी था।

ललित किशोर चतुर्वेदी की भी अभिलाषा रही कि सूरतगढ़ में हर हालत में राजकीय महाविद्यालय खोला जाए। एक दिन रविवार को जयपुर से फोन आया के ललित किशोर चतुर्वेदी जी ने एक उपनिदेशक को सूरतगढ़ भेजा है। उसके पास में एक फार्म है जिसके सभी खाने भरे जाने जरूरी है इसलिए तुरंत मीटिंग बुलाएं,9:30 बजे उपनिदेशक आपके सूरतगढ़ में होगा।  सूरतगढ़ के प्रमुख नागरिकों की एक बैठक सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई। मैं भी उस बैठक में उपस्थित था, समाजसेवी के नाते और कॉलेज खुलवाने में अग्रणी कार्यकर्ता के रूप में।

इस बैठक में उपनिदेशक ने विभिन्न कार्य बताने के बाद कहा कि महाविद्यालय में 20% लड़कियों का प्रवेश अनिवार्य है। इसकी गारंटी दें। बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु था। इस बिंदु के पूर्ण होने से ही महाविद्यालय खोलना था। यह बिंदु नारी शिक्षा और नारी कल्याण से भी जुड़ा हुआ था। माननीय ललित किशोर चतुर्वेदी के निर्देश पर जब यह कार्यवाही शुरू हुई तब हम लोगों ने इसकी महत्ता को स्वीकार किया और 20% लड़कियों की प्रवेश की गारंटी दी। इस राजकीय महाविद्यालय के खुलवाने में सन 1972 में हमने गुरूशरण छाबड़ा के नेतृत्व में कई महीनों तक आंदोलन किया था। यह कार्यवाही ललित किशोर जी चतुर्वेदी के कार्यकाल में संपन्न हुई जिसमें महत्वपूर्ण बिंदु नारी शिक्षा और नारी उत्थान का जोड़ा हुआ था।

आज सूरतगढ़ के इस राजकीय महाविद्यालय में शहर और आसपास के हजारों छात्र और छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है। इस राजकीय महाविद्यालय का नाम अब स्वर्गीय गुरूशरण छाबड़ा के नाम पर किया गया है इसकी स्थापना के लिए जब भी कार्यक्रम होंगे माननीय ललित किशोर चतुर्वेदी भी याद आते रहेंगे।


 ललित किशोर जी जब भी श्री गंगानगर जिले के दौरे पर आते थे और सूरतगढ़ से गुजरना होता तब हर हालत में सूरतगढ़ के कार्यकर्ताओं से मिलने की कोशिश रहती थी। 

सूरतगढ़ के नारी उत्थान केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती राजेश सिडाना और विभिन्न कार्यों में संस्था के संरक्षक उनके पति इंजीनियर एम.एल.सिडाना के सनसिटी रिसोर्ट परिसर में कार्यकर्ताओं की और महिला कार्यकर्ताओं की बैठकें भी होती रहती थी। 

ललित किशोर चतुर्वेदी 14 अक्टूबर 2012 में सनसिटी रिसोर्ट में पहुंचे। तब राजनीति में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई जिसे मैंने उस समय स्थानीय सप्ताहिक ब्लास्ट की आवाज में प्रकाशित किया था।

 सूरतगढ़ की अनेक महिलाएं और लड़कियां ललित किशोर चतुर्वेदी से मिली थी और राजनीति में उनकी स्थिति  भाग लेने के तरीके पर वर्णन करते हुए चतुर्वेदी जी को अनेक प्रकार की जानकारियां दी। मैं उस समय उपस्थित था। मैंने उनसे आग्रह किया कि आप महिलाओं के लिए जो संदेश देना चाहते हैं,वह संदेश दें।

  माननीय ललित किशोर चतुर्वेदी ने कहा कि राजनीति में महिलाओं और लड़कियों को इतनी तेजी व शक्ति के साथ कार्य करना चाहिए कि पुरुष पीछे रह जाएं। उन्होंने कहा कि समाज के अंदर जितनी ताकत महिलाओं में होगी समाज उतना ही आगे बढ़ेगा और यही स्थिति राजनीति की है। राजनीति में भी महिलाओं की भूमिका जितनी शक्तिशाली होगी वह राजनीति भी उसी शक्ति से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आने वाला समय महिलाओं का है, छात्राओं का लड़कियों का है इसलिए शिक्षा ग्रहण करते हुए आगे बढ़ना बहुत जरूरी है। 

माननीय चतुर्वेदी जी ने एक महत्वपूर्ण बात उस समय उजागर की। उन्होंने कहा कि नारी के स्वास्थ्य की रक्षा भी बहुत जरूरी है। नारी उत्थान केंद्र की अध्यक्ष श्रीमती राजेश सिडाना सूरतगढ़ से अस्वस्थ महिलाओं को जयपुर में हमारे पास भेजती हैं। उनको वहां रखना और एस.एम.एस में स्वास्थ्य परीक्षण तथा इलाज करवाकर उन्हें वापस भेजा जाता है। यह महत्वपूर्ण बात श्रीमती राजेश सिडाना की ओर से मुझे नहीं बताई गई। मुझे आश्चर्य हुआ कि यह बात माननीय ललित किशोर चतुर्वेदी जी ने बताई। मैंने राजेश सिडाना से उसी समय पूछ लिया तब उन्होंने कहा कि हां यह बात सच है। सिडाना ने कहा हमने सूरतगढ़ क्षेत्र की अस्वस्थ महिलाओं को कई बार जयपुर भिजवाया। वहां पर एस एम एस हॉस्पिटल में माननीय ललित किशोर चतुर्वेदी जी की टीम के द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण करवाए गए व इलाज करवाए गए। महिलाएं स्वस्थ होकर सूरतगढ़ लौटी। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही है। 


ललित किशोर चतुर्वेदी जी राजनीति में स्पष्टवादी व्यक्ति जाने माने जाते रहे हैं। राजनीति में अनेक प्रकार के लोग शामिल हो गए हैं जिन्हें स्पष्टवादिता सुहाती नहीं। 

सूरतगढ़ में कार्यकर्ताओं के साथ उसी दिन14 अक्टूबर 2012 को एक बैठक हुई जिसमें उन्होंने राजनीति में हो रही उथल-पुथल व कार्यकर्ताओं की पूछ नहीं होने की बात कही और कुछ प्रमुख नेताओं पर स्पष्ट आरोप भी लगाए। यह बैठक सनसिटी रिसोर्ट में हुई जिसमें पूर्व विधायक अशोक नागपाल, विधायक बनने से पूर्व राजेंद्र भादू,विजेंद्र पूनिया, प्रयागचंदअग्रवाल,शरणपालसिंह मान,श्याम मोदी आदि मौजूद थे।

मैं बड़े दावे के साथ कह सकता हूं कि ललित किशोर चतुर्वेदी जैसा स्पष्टवादी व्यक्ति राजनीति में होना बहुत जरूरी है।

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फोटो- सूूरतगढ में 14 अक्टूबर 2012 को ललित किशोर चतुर्वेदी महिला कार्यकर्ताओं के साथ और प्रमुख नेताओं के साथ। 


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