बुधवार, 30 अगस्त 2017

सरकारी ड्यूटी पर Facebook चलाना संकट में डाल देगा: सरकारी वेतन लेना काम नहीं करना हरामखोरी है

- करणीदानसिंह राजपूत-

 सरकारी नौकरी में ड्यूटी समय में फेसबुक पर पोस्ट डालना अपने कमेंट्स डालना पूर्ण रुप से हरामखोरी है। पोस्ट और कमेंट पर डालते हैं तब उसका समय भी नोट होता है। किसी भी शिकायत पर ऐसे सरकारी कर्मचारी और अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही हो सकती है और वह पोस्ट और कमेंट को लेकर संकट में भी पड़ सकते हैं। मनमाने पोस्ट डालने और कमेंट डालने पर कोई भी ऐसे हरामखोरी करने वालों की शिकायत कर सकता है।

 सरकार से वेतन लेते हैं तो अपनी ड्यूटी भी पूरी सरकार के पक्ष में करनी चाहिए। ऐसे कर्मचारी भी है जो सरकारी ड्यूटी काल में किसी अन्य स्थान पर किसी आयोजन में समारोह में कार्यक्रमों में उपस्थित रहते हैं। ऐसे नेता गिरी करने  वाले सरकार से वेतन लेने वाले और काम नहीं करने वालों की यह नीति हरामखोरी कहलाती है और ऐसा कार्य करने वाला खुद हरामखोर कहलाता है।  कुछ दिन पहले एक समाचार आया था कि राजस्थान सरकार द्वाराअपने दफ्तरों में स्मार्टफोन का इस्तेमाल रोका जाएगा क्योंकि सरकारी कर्मचारी मोबाइल फोन पर सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने कमेंट करने या फिल्में आदि देखने में अपना समय बर्बाद करते हैं और सरकारी कार्य में उनकी रुचि नहीं होती जिससे कार्य पेंडिंग चलते रहते हैं।

इस संकट में फंसने के बजाय अपनी आदत में सुधार कर लेना बेहतर है।

यह उनसे कहा जा रहा है, जो सरकारी ड्यूटी समय में फेसबुक पर लगे रहते हैं या गैर सरकारी संगठनों के कार्यक्रमों में हाजिर रहते हैं। यह खबर न भ्रामक है और न झूठी है।

 सावधान रहें।

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