बुधवार, 19 जुलाई 2017

मात्र बयानों से कैसे हो पाक सफाया-कविता: कविराज मुंशीराम कम्बोज

अमरनाथ के संघ के ऊपर जो हुई गोलाबारी

आंतक की निंदा करते हैं हम सब बारी बारी  

👍 ब्यानवीरो का बयां सुना तो मेरा मन हरसाया।

 मात्र बयानों से कैसे हो पाक का यारो सफाया।

 भारत
मां का सीना छलनी हुआ है कितनी बारी।

 आतंक की  निंदा करते हैं,हम सब बारी बारी।

👍सबक सिखाने की चर्चा,हम सुन चुके कई बार,

क्या देश को कुछ बताएंगेये देश के खेवनहार

तोड़ क्यों  नही देते हो तुम शत्रु की नाडी नाडी

आंतक की निंदा करते हैं हम सब बारी बारी।

👍कश्मीर सुलगता देखा हमने, धधका कोना कोना,

दिए ब्यान,कुछ किया क्यों नही,यही है भाई रोना।

भारत बोला सबक सिखाओ,यही है रायशुमारी।

आंतक की निंदा करते हैं,हम सब बारी बारी।

अमरनाथ का तीर्थ हो या अन्य कोई शिवाला।

दुश्मन से नही,भारतवासी कोई भी डरने वाला।

पाक हमेशां लेता आया, हमसे राड उधारी।

आतंक की निंदा करते हैं,हम सब बारी बारी।

बातों और बयानों से होते देखे बड़े धमाके।

कितने सिर लाये हो भैया,जाना जरा बताके।

हैं हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई,भारत की फुलवाड़ी।

आतंक की निंदा करते हैं, हम सब बारी बारी।

मुंशी मेरे मुख मण्डल पे, छाई रही उदासी।

बिना वजह मरते देखे हैं,जब से भारतवासी।

पाकिस्तान की मार मार के,कर दो हालत माडी।

आतंक की निंदा करते हैं, हम सब बारी बारी।

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कविराज मुंशीराम कम्बोज,

गांव मानेवाला,

सूरतगढ़ ,श्रीगंगानगर, राजस्थान।

मो 9783792692,7568915504



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