शनिवार, 23 जनवरी 2016

कांग्रेस के धनपति नेताओं के पास न समय है न संघर्ष का मादा :


अपने अपने व्यवसायों में लगे हुए हैं भाजपा के विरूद्ध मोर्चा कौन खोले?
जनता ही अन्न पैदा करे,पीसे,पकाए और कांग्रेसी नेताओं के मुह में डाले:
- करणीदानसिंह राजपूत -
राजस्थान में भाजपा की वसुंधरा राजे की मुख्यमंत्री वाली सरकार के 2 साल पूर्ण होने पर जयपुर में समारोह आयोजित होने पर कांग्रेस के जयपुर से लेकर ठेठ ग्राम तक के नेताओं ने खूब पेट कूटे तथा हाय तौबा मचाई। एक दो दिन तक पेट कूटा गया और उनके समाचार अखबारों में छपे व चेनलों पर आए। इस एक दो दिन के बाद कांगे्रस के नेताओं की कहीं आवाज तक सुनाई नहीं पड़ी। पेट कूटने में इतने थक गए कि अभी तक वह थकावट नहीं उतरी है।
असल तस्वीर यह भी है कि कांग्रेस के नताओं के पास में खूब धन दौलत है लेकिन उनके पास संघर्ष के लिए मादा यानि ताकत नहीं है जो वे लोग सड़कों पर उतर जाएं। इसकी चेतावनी जरूर समय समय पर देते रहते हैं लेकिन भाजपा उसे केवल भभकी मानती है। कांग्रेस के नेताओं के पास में समय भी नहीं है कि वे संघर्ष कर सकें। वे अपने समय का सदुपयोग जनता के लिए नहीं करते बल्कि अपने व्यवसायों को बढ़ाने में और अधिक धन कमाने में लगाते हैं।
अपने आसपास के कांग्रेसी नेताओं पर नजर डाल कर देखलें ओर ज्यादा ही प्रमाण चाहिए तो किसी को मुद्दों पर संघर्ष करने का कह कर देखलें कि क्या जवाब मिलता है?
कांग्रेस के छोटे नेताओं को भी देख लें जो कहीं पर पार्षद हैं या कहीं पर सरपंच पंच या पंचायत जिला परिषद के डायरेक्टर हैं। उनमे अधिकांश भाजपा के दुमछल्ले बने मिलेंगे। भाजपा जो चाहे वह इनसे लिखवा लेती है और ठेकेदारी में चुग्गा डाल कर अपना पिछलग्गू बना लेती है।
ऐसे में कांग्रेस के नेताओं के जो प्रेस वक्तव्य आते हैं वे एक दिन बाद रद्दी बन जाते हैं।

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