शनिवार, 17 अक्तूबर 2015

कोचिंग संस्थाएं लैटर हेड पर आरएएस की विज्ञप्ति जारी क्यों नहीं करती?


कोचिंग संस्थाएं लैटर हेड पर हर कार्य की विज्ञप्तियां जारी करती रही हैं तब आरएएस चयन सूची की विज्ञप्ति जारी करने में डर क्यों?
राजस्थान प्रशासनिक व अधिनस्थ सेवाओं का सन 2012 की परीक्षा का मुख्य परिणाम 17 जुलाई को घोषित होने के बाद कोंचिंग संस्थाओं ने चयन संख्या के साथ अपने अपने दावे प्रचारित करने शुरू कर दिए। इन दावों में केवल संख्या ही बताई जाती रही। ऐसा प्रचारित किया गया कि सूरतगढ़ संपूर्ण राजस्थान में पहले नम्बर पर रहा है। जब दावों पर सवाल उठने लगे और जानकारियां विस्तृत मांगी जाने लगी कि अभ्यर्थी ने कब से कब तक संस्था में प्रशिक्षण लिया तब वहां अध्यापन करने वालों को ,कराने वाले को और संस्थाओं को भी चिढ़ होने लगी। संस्थाओं की ओर से फेस बुक आदि पर अध्यापन कराने वाले टीम के नाम बताए जाने लगे जबकि नाम तो उन लोगों के पूछे जा रहे हैं जो आरएएस में चुने गए व संस्थाएं उनकी संख्या के दावे कर रही है। इन अध्यापन कराने वाली टीमों में वे नाम भी हैं जो आरएएस की परीक्षाएं देते देते थक गए और चुने नहीं जा सके। उनके अवसर भी पूरे हो गए। अगर उनकी कोचिंग में ही सार था तब वे स्वयं क्यों नहीं चुने जा सके। स्पष्ट है कि अभ्यर्थी की व्यक्तिगत मेहनत अधिक पावरफुल रही। यहां बिंदु यह नहीं है कि कौन रह गया। बिंदु यह है कि जब कोचिंग संस्थाएं अपने हर कार्य की प्रेस विज्ञप्तियां जारी करती रही है और उनके अनुसार आयोजन होते रहे हैं तथा आयोजन की सफलताओं के समाचार छपते रहे हैं तब आरएएस के चयन का अति महत्वपूर्ण समाचार कोचिंग संस्थाएं विज्ञति के रूप में जारी करने से क्यों डर रही हैं? विज्ञप्ति में उनके नाम दे दिए जाएं जिन्होंने संस्था से कोचिंग ली और कब ली? संस्थाओं के पास में तो हरके अभ्यर्थी का संपूर्ण रिकार्ड है। उन्होंने कब प्रशिक्षण लिया था उसके शुल्क की रसीदें तक कटी हुई है।
आखिर नाम सहित विज्ञप्ति जारी करने में कोई तो भय है जिसके कारण सब ओट में रखा जा रहा है। संस्थाओं को डर है कि नाम दे दिया जाए व बाद में संबंधित व्यक्ति खंडन करदे तब क्या होगा? विज्ञापन में भी नाम और फोटो छपवाने में भय। लेकिन यह सच को तो नहीं होना चाहिए। किसी भी कोचिंग संस्था में सच में कोचिंग ली है तब संस्था धड़ले से नाम व फोटो सहित विज्ञप्ति जारी कर सकती है और ये जारी की जानी चाहिए।
आरएएस अधिकारी जो कार्यरत हैं,जो अभी चुने गए हैं व जो कोचिंग चलाते हैं उन सभी के सामने एक सवाल है।
सूरतगढ़ से कौन कौन अभ्यर्थी आरएएस में चुने गए?
उत्तर का ऑपशन है। अ- जिसमें संख्या दी गई। ब- जिसमें नाम दिए गए।
इसका सही उत्तर क्या होगा? सही उत्तर वह होगा जिसमें नाम दिए गए होंगे। वह उत्तर गलत होगा जिसमें संख्या दी गई होगी। कोचिंग संस्थाएं चलाने वाले और वहां अध्यापन करने कराने वाले इतना तो जानते ही हैं। जब साँच को आँच नहीं तो संस्थाओं को असली सूची जारी करनी चाहिए और वह अवधि भी जब कोंचिंग ली दी गई।

सूरतगढ़ से सच्च में कितने आरएएस चयन हुए? झूठ की संख्या चलाई गई:

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