मंगलवार, 23 जून 2015

बनवारीलाल काल की अंतिम बैठक की रिपोर्ट महाघोटाला?



पार्षदों को आजतक नहीं दी गई नकल:

सूरतगढ़ 23 जून।
नगरपालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल के कार्यकाल में बोर्ड की अंतिम बैठक की कार्यवाही प्रोसिडिंग गंभीर रहस्य बनी हुई है। उसका ऐजेंडा क्या था और उसमें क्या लिखा गया? वह बैठक और उसकी कार्यवाही महाघोटाला आरोपों में घिरी हुई है जिसकी नकल आजतक पार्षदों को नहीं दी गई है।
नियमानुसार तो बैठक की कार्यवाही की नकल बिना मांगे ही पार्षदों को 48 घंटों में दे दी जानी चाहिए लेकिन नगरपालिका सूरतगढ़ में कभी भी नियम का पालन नहीं हुआ।
बनवारीलाल की अध्यक्षता वाली अंतिम बैठक में आखिर क्या है जिसको पार्षदों को नहीं दिया गया। उस समय जो पार्षद थे उनको नकल मिल जानी चाहिए थी।
बनवारलाल मेघवाल के कार्यकाल की उक्त बैठक का महत्व अन्य प्रकार से भी है। उस समय प्रदेश में कांग्रेस का राज बदल कर भाजपा की सरकार बन गई थी लेकिन नगरपालिका में कांग्रेस का ही बोर्ड था। बनवारीलाल की अध्यक्षता वाली बैठक में विधायक भी सदस्य बन चुके थे। इस बैठक के बाद पालिका चुनाव हुए तो भाजपा का बोर्ड बन गया व श्रीमती काजल छाबड़ा अध्यक्ष बन गई। काजल छाबड़ा की अध्यक्षता में नए बोर्ड की पहली बैठक हुई तब पिछली बैठक की पुष्टि करने से नए सदस्यों ने इन्कार कर दिया था। नए पार्षदों का कहना था कि हम सदस्य ही नहीं थे न हमारी उपस्थिति में बैठक हुई तब हम पुष्टि क्यों करें? इसके बाद पुष्टि के प्रस्ताव पर चर्चा ही नहीं हुई। उसी बैठक में गंभीरता वाली गड़बड़ होने की शंका है जिसके कारण पार्षदों को उसकी नकल नहीं दी गई।
उच्च स्तरीय जाँच में ही असलीयत सामने आ सकेगी।






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