शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014

अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का गड़बड़झाला:

सूरतगढ़ में अग्रेजी स्कूलों के विरूद्ध काला दिवस मनाया:
अभिभावकों ने व समर्थकों ने काली पट्टियां लगा कर उपखंड कार्यालय पर धरना दिया:









सूरतगढ़, 25 अप्रेल। सूरतगढ़ में अग्रेजी स्कूलों के विरूद्ध काला दिवस मनाते हुए अभिभावकों व समर्थकों ने काली पट्टियां लगा कर उपखंड कार्यालय पर धरना दिया। संयोजक महेन्द्र सिंह शेखावत ने चेतावनी दी है कि  इस आंदोलन को विस्तार दिया जाएगा तथा लूट बंद करवाई जाएगी।


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एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लगाई जाने की मांग
राज्य सरकार द्वारा फीस निर्धारण कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अभिभावक फीस जमा करवाएं


सूरतगढ़, 13 अप्रेल 2014. अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों की मनमानी के खिलाफ जागरूक अभिभावकों की बैठक करनाणी धर्मशाला मे हुई। बैठक में संघ के संयोजक महेन्द्र सिंह शेखावत ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि अंग्रेजी माध्यम के नाम पर लूटा जा रहा है। 

नियमानुसार सीबीएसई संबंद्वता वाले विद्यालयों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लगानी चाहिए, जबकि विद्यालय प्रबंधक कमीशन के लालच में दिल्ली, नोएडा व अन्य स्थानों के निजी प्रकाशकों की अनाधिकृत पुस्तकें लगा रहे हैं। जिनका मूल्य एनसीईआरटी की पुस्तकां की तुलना में 8 से 10 फीसदी ज्यादा है।
शेखावत ने कहा कि तीन दिन पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी ने जिले के समस्त निजी विद्यालयों के लिए आदेश जारी किये हंै कि सीबीएसई सम्बद्वता प्राप्त विद्यालय एनसीईआरटी एवं राज्य बोर्ड सम्बद्वता वाले विद्यालय बोर्ड द्वारा अधिकृत पुस्तकें ही लगाएं। निजी प्रकाशकों की पुस्तकें नहीं लगाई जानी चाहिए। जिला शिक्षा अधिकारी ने इसके लिए सभी विद्यालयों से तीन दिन में पुस्तकों की सूची मांगी है।
अभिभावक राजेश जनवेजा, विनय तिवाड़ी, मांगीलाल छींपा, अमित कपूर ने कहा कि विद्यालय प्रबंधन स्कूल यूनिफॉर्म, टाई, बेल्ट, जूते, जुराब विशेष दुकान से खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। जिस प्रकार सरकारी विद्यालयों का ड्रेस कोड सभी स्थानों पर लगभग एक है, उसी भांति निजी विद्यालयों का डे्रस कोड भी एक जैसा ही होना चाहिए और ये सामग्री बाजार में स्वतंत्र रूप से उपलब्ध होनी चाहिए।
अभिभावक राकेश राठी, कमल मित्तल, जितेंद्र कुमार, आकाशदीप, राजेश शर्मा ने कहा कि निजी विद्यालय फीस भी मनमानी वसूल कर रहे हैं। इनका फीस निर्धारण अवैध है। इनका किस्तों में फीस वसूलना गलत है। नियमानुसार फीस प्रत्येक माह के हिसाब से जमा करवाई जानी चाहिए। बैठक में एनसीईआरटी की पुस्तकों का प्रदर्शन किया गया। एनसीआरटी की कक्षा 1 से 12 तक मूल्य सूची उपलब्ध करवाई।
 बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक राज्य सरकार द्वारा फीस निर्धारण कमेटी अपनी रिपोर्ट नहीं देती है, तब तक कोई अभिभावक फीस जमा नहीं करवाएगा। एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू नहीं होने तक अभिभावक इन विद्यालयों द्वारा बताई गई किताबें नही खरीदेगें।
बैठक में संघ की कार्यकारिणी में राजेश जनवेजा, मांगीलाल छींपा, भीम जोशी, अमित कपूर, अशोक सोनी, विकासदीप गाबा, राकेश राठी, महावीर भोजक, ओमराजपुरोहित, अमित कल्याणा को लिया गया।
बैठक में अजय स्वामी, तरसेम चौहन, गोवर्धन शर्मा, जगदीश चंद स्वामी, विजय स्वामी, राजेश पटावरी, कृष्ण छींपा, गोविंद भार्गव, सुनील अग्रवाल, जितेंद्र कुमार, हेमंत चांडक, महावीर तिवाड़ी सहित अनेक अभिभावक उपस्थित थे।

बैठक के बाद संयोजक महेन्द्र सिंह शेखावत के नेतृत्व में उपखण्ड अधिकारी भवानी सिंह पंवार को ज्ञापन सौंपा गया। उपखण्ड अधिकारी ने आश्वासन दिया कि जांच कमेटी गठित करके कार्यवाही की जाएगी। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र ही ठोस कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलन किया जाएगा। 


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मनमानी दरों की पुस्तकें खास दुकानों से खरीदने के निर्देश:
टाई बेल्ट और अन्य पुस्तकों का भी दबाव:

खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत

सूरतगढ़ 4 अप्रेल 2014. सरकारों के नियमों और निर्देशों के बावजूद अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने अपनी मनमर्जी के नियम कानून पुस्तकें,टाई,बेल्ट तथा अन्य पुस्तकें खरीदवाने के बना रखे हैं जिनसे अभिभावकों को अधिक रूपया खर्च करने को मजबूर होना पड़ रहा है। स्कूल संचालक और प्राचार्य आदि अभिभावकों को सूची देते हैं साथ में खास दुकान से खरीदने की हिदायत भी देते हैं। ऐसा सब होते रहने का एक कारण यह भी है कि शिक्षा अधिकारी खुद कभी जांच नहीं करते।
उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ को फिलहाल 2 स्कूलों की शिकायतें मिली हैं जो अभिभावकों ने की है। 



अंग्रेजी माध्यम के हर्ष कान्वेंट सिटी स्कूल की शिकायत अभिभावक महेन्द्रसिंह शेखावत ने की है जो स्वयं उच्च शिक्षित और एक महाविद्यालय में प्राचार्य हैं।
शेखावत की दो पुत्रियां हर्ष कान्वेंट सिटी स्कूल में कक्षा यूकेजी और थर्ड में पढ़ रही हैं। नए सत्र 2014 में स्कूल संचालक की ओर से पुस्तकों की सूची रेट लीस्ट के साथ दी गई और नेशनल एजेंसी से खरीदने की हिदायत भी दी गई। शेखावत ने लिखा है कि पुस्तकों के रेट बहुत अधिक हैं तथा वे निजी प्रकाशक की हैं। स्कूल सी.बी.एस.ई. दिल्ली से संबद्धता का प्रचार करता है। नियमानुसार पुस्तकें सी.बी.एस.ई.पाठ्यक्रम के अनुसार ही होनी चाहिए।  इसके अलावा स्कूल प्रबंधन टाई बेल्ट व अन्य पुस्तकें खरीदने का भी दबाव डालता है।
स्कूल के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई है ताकि सभी अभिभावकों को राहत मिल सके।
नियोपर्ल एकेडमी की शिकायत अभिभावक मांगीलाल छींपा ने की है। उनकी बेटी कक्षा फस्ट में है। इस स्कूल प्रबंधन ने पुस्तकों की सूची पकड़ाई और महालक्ष्मी पुस्तक भंडार से खरीदने की हिदायत भी दी। विक्रेता ने बिल नहीं दिया और काफी समय तक जद्दोजहद के बाद में कच्चा बिल दिया। स्कूल प्रबंधन के इस रवैये के विरूद्ध शिकायत में कहा गया है कि जांच की जाए ताकि अभिभावकों की परेशानी देर हो सके तथा स्कूलों की मनमर्जी बंद हो सके। दोनों अभिभावकों ने शिकायतों की प्रतियां शिक्षा मंत्री,राजस्थान सरकार जयपुर,जिला कलक्टर श्रीगंगानगर और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सूरतगढ़ को भी दी है।

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सूरतगढ़ के अन्य अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में भी इसी प्रकार की मनमानियां चल रही हैं तथा उनकी जांच भी प्रशासन को तुरंत ही करनी चाहिए। यह मनमानियां हिंदी माध्यम स्कूलों में भी चल रही हैं।
स्कूलों की बाल वाहिनियों में बच्चों को भेड़ बकरियों की तरह ठूंस ठूंस कर लाना ले जाना और चालक परिचालक नियमानुसार नहीं होने से हर समय हादसा होने का खतरा भी रहता है। कुछ हादसे हो भी चुके हैं। 
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अभिभावकों की बैठक हुई: अंग्रेजी स्कूलों में हो रही व्यापक लूट उजागर हुई
सूरतगढ। 6 अप्रेल। अभिभावकों की करनाणी धर्मशाला में बैठक हुई जिसमें पुस्तकों के नाम पर हो रही लूट सामने आई। पुस्तकों पर कीमतें 175 के करीब जो सामान्य रूप में 25-30 तक की ही हो सकती है। इन कीमतों को आधार मानी जाए तो कॉलेज शिक्षा की बड़ी बड़ी एक एक पुस्तक 1500 के करीब होनी चाहिए।
अंग्रेजी स्कूलों के विरूद्ध इस अभियान में अभिभावकों को जोड़ा जाएगा तथा सरकार से सख्त कार्यवाही करवाई जाएगी। इसके लिए अभी महेन्द्रसिंह शेखावत को संयोजक बनाया गया है। ---------------------------




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