शुक्रवार, 1 नवंबर 2024

सूरतगढ़ के लोगों का पहले रक्तदान का इतिहास:सिटीजन चैम्बर ने करवाया था।

 



* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 1 नवंबर 2024.

सूरतगढ़ के नागरिकों ने सूरतगढ़ सिटीजन चैम्बर के आह्वान पर 14 मार्च 1999 को पहली बार रक्तदान कर इतिहास रचा। यह इतिहास 31 अक्टूबर 2024 को सिटीजन चैम्बर के अध्यक्ष चिरंजीलाल चौधरी ने मुझ करणीदानसिंह राजपूत को समाजसेवी रतनलाल चौपड़ा की उपस्थिति में मिलने पर बताया। यह मिलना करीब आठ नौ साल बाद हुआ और बातचीत में रक्तदान सेवा का विषय शुरु हो गया। अब तो रक्तदान को महावीर इंटरनेशनल सूरतगढ़ ने व्यापक रूप दे दिया है। यहां मैत्री ब्लड बैंक भी खुल गया है। 

* एक बार यहां सूरतगढ़ सिटीजन चैम्बर के इतिहास को बताते हैं ताकि नये लोग नये पाठक भी जान सकें। 

* पहली बार रक्तदानी अनेक शंकाएं और भय से बस में सवार हुए और श्रीगंगानगर के तपोवन ब्लडबैंक में रक्तदान हुआ। 

बस सुभाष चौक से रवाना की गई जिसको आज के प्रसिद्ध प्रवीण भाटिया ने झंडी दिखाकर रवाना किया था। एक उत्सव जैसा अवसर। नारे लगाए। लड्डू खिलाए गये। कुछ लोग माणकसर तो कुछ गंगानगर तक साथ गये।  

कहानी रोचकता लिए हुए है कि प्रवीण भाटिया की एक दिन पहले ही शादी हुई थी। वे संस्था से जुड़े हुए थे। उनके ब्याह में भी कुछ सदस्य खुद चिरंजीलाल चौधरी बाराती शामिल हुए थे। भाटिया जी झंडी दिखाने में शामिल हुए। इसके बाद इस संस्था ने अनेक रक्तदान शिविर लगाए और यहां सूरतगढ़ में भी शुरुआत की। रक्तसंग्रह के लिए तपोवन ब्लड बैंक की मोबाइल टीम आती।

सिटीजन चैम्बर में उस समय जो कार्यकारिणी में समाज सेवा में जुड़े थे। पदों का मालुम नहीं लेकिन उनके नाम भी इस इतिहास में बहुत महत्व रखते हैं।

राजेश चड्ढा ( अब आकाशवाणी से वरिष्ठ उदघोषक सेवा निवृत्त),गुरदर्शन सिंह सोढी ( अब कांग्रेस नेता), देवेंद्र कलेर,प्रसन्ना कुमार सामंता ( लेक्चरार राजियासर में हैं ),डा.विशाल छाबड़ा ( अब श्रीगंगानगर में निवासी हैं। शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं।),अशोक शर्मा (एकाउंट्स से जुड़े हैं और अभी सूरतगढ़ के उपकोषागार के प्रभारी बताए हैं), विक्रम सिंह राजस्थान लेखा शाखा से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। स.अमरसिंह ( अभी छबड़ा थर्मल में सर्विस में हैं),पवन छाबड़ा ( यहां आईटीआई में प्राचार्य थे बाद में पदोन्नति हो गई)। 

💐 समाजसेवा में सदा साथ रहने वाले इंजीनियर रमेशचंद्र माथुर भी उस कार्यक्रम में शामिल थे। कार्य

क्रम में और लोग व सदस्य होंगे। चिरंजीलाल चौधरी को जो याद आए वे बताए। चौधरी सात आठ साल बीमार रहे और अभी यह मिलना हुआ। इस अवसर पर अमृत चौपड़ा ने मेरा और चिरंजीलाल का फोटो खींचा। ०0०

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