* करणीदानसिंह राजपूत *
सूरतगढ 27 सितंबर 2024.
इंदिरा सर्कल से राठी स्कूल तक सड़क किनारे के मकानों के आगे के हिस्सों में तोड़ने के लिए लगाए लाल क्रोस के चिन्हों पर शहर में हड़कंप मचा है। किसी के पास सही सूचना नहीं है और सा.नि.वि. की ओर से कोई विस्तृत सूचना प्रकाशित नहीं कराई गयी कि ये लाल निशान आखिर क्यों लगाए गये हैं?
* वरिष्ठ वकील और दो बार विधायक रहे स. हरचंद सिंह सिद्धु ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता से 26 सितंबर 2024 को मिलकर एक पत्र दिया है और इसे विभाग की दादागिरी लिखते हुए जानकारी चाही है कि इस सड़क का प्लान कब किसने बनाया है? जब प्लान तैयार किया गया तो किन किन संस्थाओं और सरकारी एजेंसियों को विश्वास में लिया गया या सा.नि.वि ने अपने स्तर पर ही यह फाईनल कर लिया? सिद्वु ने लिखा है कि वांछित फीस जमा करवाई जाकर उक्त सूचना अविलंब उपलब्ध कराई जावे ताकि उच्च न्यायालय की शरण ली जा सके।
👍 सिद्धु ने एक और पत्र भी अधिशासी अभियंता को दिया है। दूसरे पत्र में लिखा है कि सन् 1727 में सैन जी मंदिर से कुम्हार मौहल्ला आबाद हो चुका था। सरकार के महकमा खास ने इस क्षेत्र के लोगों को पट्टे जारी किये थे। सैन मंदिर के सामने वाला क्षेत्र जाबता का बाड़ा था।
* अब सानिवि इस क्षेत्र में प्लान लागू करना चाहता है जो कि अवैध एवं गैरकानूनी है।
** सिद्धु ने लिखा है कि सन् 1960 में कुम्हार मोहल्ला के दक्षिण मुख्य मार्ग से नगरपालिका ने अपनी एक कालोनी का नक्शा पास करवा कर करीब 200 प्लाट अनुसूचित जाति ( उस समय का शब्द हरिजनों) को आवंटित किए थे। उस कालोनी के बीच में मुख्य मार्ग मौजूद था इसलिए अब बिना कानूनी प्रक्रिया ( यानि भूमि आवाप्ति की कार्यवाही) के मकानों को ध्वस्त करना गैरकानूनी एवं अवैध है। सानिवि दादा गिरी से सड़क प्लान के नाम पर मकानों को गिराएगा तो इसका विरोध होगा।
* सिद्धु ने दोनों पत्रों की प्रतियां स्थानीय विधायक डुंगरराम गेदर को भी भिजवाई है। ०0०
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