बुधवार, 26 जून 2024

कांग्रेस धरना प्रदर्शन अभियान पर भाजपा दोहरी हार की बेहोशी में.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ में कांग्रेस पार्टी विधानसभा सीट सूरतगढ़ (2023) और लोकसभा श्रीगंगानगर सीट (2024) जीतने के बाद भाजपा की दो ईंजन सरकारों भारत की नरेंद्र मोदी सरकार और राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकारों के विरुद्ध विभिन्न विभागों पर धरना प्रदर्शन कर दबाव डालती हुई जनता से संपर्क को बढाने और मजबूत करने में लगी है।

* विधायक डुंगरराम गेदर की भावी चुनावी राजनीति के तहत कांंग्रेस के सूरतगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया के नेतृत्व में जनसमस्याओं पर पुलिस, जलदाय विभाग, नगरपालिका, सार्वजनिक निर्माण विभाग पर धरना प्रदर्शन हो चुके हैं और आगे भी जारी रहेंगे। भाजपा छोड़कर वापस कांंग्रेस में गये पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह भादू व अन्य पदाधिकारी भी इनमें शामिल हो रहे हैं जिससे धरना प्रदर्शन को शक्ति मिल रही है।

* कांंग्रेस का आगामी ध्येय नगरपालिका सूरतगढ़ पर 2024 के चुनाव में अधिकार करना है और चुनाव में  5 महीने ही बाकी हैं।

45 वार्डों की नगरपालिका के विगत 2019 के चुनाव में कांंग्रेस ने 22 और भाजपा ने 12 वार्डों में ही जीत प्राप्त की थी। अध्यक्ष के चुनाव में कांंग्रेस को 30 पार्षदों ने साथ दिया और भाजपा का एक वोट कम हो गया था। अध्यक्ष ओमप्रकाश कालवा ने विवादों के बाद कांग्रेस छोड़ कर भाजपा की सदस्यता ले ली। 

* 2019 का चुनाव कांंग्रेस ने पूर्व गंगाजल मील के नेतृत्व में लड़ा और भाजपा ने उस समय के विधायक रामप्रताप कासनिया के नेतृत्व में लड़ा था।

* अब स्थिति यह है। मील कांंग्रेस छोड़कर भाजपा में गये लेकिन कहीं नजर नहीं आ रहे। नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल भी कांंग्रेस छोड़कर भाजपा में गये लेकिन नजर में नहीं है।

* भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 में सूरतगढ़ सीट 50 हजार से अधिक मतों से हारने और लोकसभा चुनाव 2024 में श्रीगंगानगर लोकसभा सीट हारने के बाद से घायल और गहन बेहोशी हालत में पड़ी है। नगर मंडल,मोर्चे, प्रकोष्ठों के स्थानीय, यहां सूरतगढ़ में निवासी जिला और प्रदेश पदाधिकारियों ने पिछले 5 सालों में जनता के कामकाज में निष्क्रियता रखी और दूर रहे। सूरतगढ़ में नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा हैं और जिलाध्यक्ष शरणपालसिंह मान हैं जो विधानसभा 2023 और लोकसभा 2024 चुनावों की हार के बाद से शक्तिशाली नहीं रहे हैं। 

* सूरतगढ़ में कांंग्रेस पार्टी से नगरपालिका पार्षद लड़ने की तैयारियों में लोग लग चुके हैं। भाजपा की ओर से सुस्ती है। भाजपा के लोग नगरमंडल से जिलाध्यक्ष तक बदलाव और सूरतगढ़ में नये नौका खेवनहार एवं नेतृत्व घोषणा के इंतजार में हैं। नगरपालिका चुनाव से पहले यह परिवर्तन होने की संभावनाएं हैं।०0०

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