बुधवार, 17 अप्रैल 2024

श्रीगंगानगर सीट:क्या कांग्रेस यह सीट भाजपा से छीन लेगी?

 

* करणीदानसिंह राजपूत *

लोकसभा चुनाव 2024 में एक बड़ा सवाल चल रहा है कि क्या कांग्रेस पार्टी भाजपा से यह सीट छीन लेगी? लोगों की हालात पर नजरें लगी है कि इस सीट पर क्या भाजपा कमजोर और कांग्रेस मजबूत हो गई है कि उलटफेर हो जाएगा?इस सीट पर 2019 में निहालचंद मेघवाल 4 लाख से अधिक मतों से जीते थे। इसबार 2024 में निहाल चंद की टिकट काट कर अनूपगढ़ की प्रियंका बेलाण को दी गई है जिनकी मुख्य टक्कर कांग्रेस के कुलदीप इंदौरा से है। दोनों की टक्कर में कौन भारी है? भाजपा भारी है या कांग्रेस भारी है?

👌 सन् 2023 के चुनाव पर अध्ययन करें तो अभी कांग्रेस भारी है। श्रीगंगानगर लोकसभा सीट में विधानसभा सीटें 8 हैं। विधानसभा चुनाव में भाजपा इन आठ सीटों में से केवल तीन सीटें ही जीत पाई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का भाषण भी पीलीबंगा में हुआ था लेकिन आसपास भी असर नहीं हुआ और पीलीबंगा सूरतगढ़ हनुमानगढ़ रायसिंहनगर सीटें भाजपा हार गई। विधानसभा चुनाव को 4 महीने ही बीते हैं और इतने समय में कोई बड़ा बदलाव दिखाई नहीं पड़ रहा। 

👌 भाजपा के हालात को आखिरी समय में बहुत बड़ी ताकत मिल सकती है कि सभी ईमानदारी और लग्न से काम करें और अपने घरों से बाहर निकलें। अभी तक ऐसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है।

 👌👌 नेता कार्यकर्ता पदाधिकारी,विधानसभा चुनावों के टिकटार्थी और लोकसभा चुनाव के टिकटार्थी सभी सीट पर जीत के लिए ईमानदारी से काम करने के लिए घरों से बाहर निकलें तब भाजपा से कांग्रेस यह सीट छीन नहीं सकती।

 👍ईमानदारी से काम करेंगे तो निहालचंद मेघवाल की 4 लाख से अधिक मतों की जीत कायम रह सकेगी और प्रियंका बेलाण भी इतने मत या अधिक ले सकेगी। भाजपा के ये सभी लोग पदाधिकारी अभी किस स्थिति में जीत के लिए सीढी के किस पायदान पर खड़े हैं? यह स्थिति जनता से कभी छुपा कर नहीं रखी जा सकती। कौन कौन अपने घरों से निकले हुए हैं?कौन सभाओं में फोटो खिंचवाने के लिए शामिल हुए? कौन कितने दिन से कितना समय दे रहे हैं? कौन अभी भी घरों से बाहर नहीं निकले हैं? यह समीक्षा तो श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के जिला अध्यक्षों तथा प्रदेश अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने निरंतर की होगी? जनता की नजरें हर जगह हर नेता पर रहती है। भाजपा की कमजोरी रही है कि सभी को घरों से बाहर निकाल नहीं पाई। इसके लिए ईमानदारी से काम ही नहीं हुआ। 👌जिन नेताओं को भाजपा में शामिल किया था वे लोग भी क्या साथ में लग गये।*

👍 19 अप्रैल को मतदान है। जब परिणाम आएगा तब सभी को मालुम होगा कि जनता ने किसको साथ दिया। लेकिन भाजपा नेताओं और कांग्रेस नेताओं को अपने अपने मन में मालुम है कि कितनी ईमानदारी से काम किया है? अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए काम किया या अपनी जमीन तैयार करने के लिए चेहरा दिखाया सभाएं की भागदौड़ की?

17 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकार,

सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356

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