बुधवार, 29 नवंबर 2023

चीन के नये वायरस से बच्चों में निमोनिया के नये लक्षण: भारत में अलर्ट

 



भारत में चिकित्सालयों में व्यवस्था: सूरतगढ़ में व्यवस्था प्रदर्शन


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ 29 नवंबर 2023.

 चीन के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित लियाओनिंग प्रांत और बीजिंग के बच्चों में निमोनिया के नए और हैरान करने वाले लक्षण मिले हैं।

 बच्चों को तेज खांसी, बुखार और फेफड़ों में सूजन की समस्या हो रही है, जिससे इलाके के सभी अस्पताल लगभग भर गए हैं। इस बीमारी के प्रकोप को देखते हुए चीन के सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला ले लिया गया है।

निमोनिया में पीड़ित बच्चों को बलगम वाली खांसी, तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन की शिकायत होती है। वहीं, दूसरी ओर चीन के इस रहस्यमयी निमोनिया में बच्चों को बिना बलगम वाली खांसी के ही तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन की शिकायत हो रही है।  


जानलेवा साबित हो जाते हैं मामले


निमोनिया यूं तो आम बुखार की ही तरह है, जिसे एंटीबैक्टीरियल और एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन यह जानलेवा भी साबित हो सकती है। डॉक्टरों के मुताबिक, फेफड़ों में तरल पदार्थ भरने लगता है, जो मवाद बन जाता है और यह धीरे-धीरे पूरे फेफड़े  में भर जाता है, जिससे पीड़ित सांस लेने में असक्षम हो जाता है। यह बीमारी ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाती है।


ऐसे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) भी अलर्ट हो गया है और उसने चीन से इस बीमारी की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इतना ही नहीं, WHO ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है, जिसके बाद कई अन्य देशों में भी इस बीमारी को लेकर डर फैल गया है। 

 

यह वायरस काफी समय से चीन में फैल रहा था।  यह चर्चा में तब आया, जब डब्ल्यूएचओ ने चीन से बीमारी के लक्षण और मामलों पर कड़ी नजर रखने को कहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को लेकर चीन से रिपोर्ट पेश करने को कहा है और साथ ही कहा है कि चीन में हाल ही में फैले सभी वायरस की लिस्ट जमा की जाए।


अब तक की जांच में डब्ल्यूएचओ ने इसे किसी तरह की महामारी घोषित नहीं किया है। दरअसल, किसी भी बीमारी को बिना जांच-पड़ताल किए महामारी घोषित करना गलत और जल्दबाजी मानी जाती है।


WHO ने जारी की गाइडलाइन


 इस वायरस को खतरे को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों के लिए गाइडलाइन भी जारी की है। सभी देशों ने इन गाइडलाइन को देखते हुए अपने-अपने देशों में तैयारी शुरू कर दी है। लोग अपने घरों और दफ्तरों के पास साफ-सफाई रखें और किसी भी तरह की गंदगी फैलाने से बचें। शरीर में किसी भी तरह के बुखार के लक्षण दिखने पर खुद कोई दवाई न लें। बुखार का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें। जरूरत लगने पर तुरंत मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करें। बच्चों और बुजुर्गों के सभी सामानों को साफ-सुथरा रखें। खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल या हाथ से ढक लें।


क्या यह बीमारी दूसरे देशों में फैल सकती है?


चीन में फैल रही यह बीमारी कई देशों को कोविड-19 के शुरुआती दौर की तरह लग रही है, जो पहली बार 2019 में वुहान शहर में रहस्यमयी निमोनिया के तौर पर ही उभरा था। हालांकि, माइकोप्लाज्मा (निमोनिया) एक सामान्य रोगाणु है, जो कुछ सालों में ताजा प्रकोप का कारण बनता है। यह संभावना है कि इस सर्दियों में दुनिया भर के देशों को विभिन्न प्रकार के रोगजनकों का सामना करना पड़ेगा।


रहस्यमयी बीमारी को लेकर भारत हुआ अलर्ट


हाल ही में भारत ने कोविड महामारी के कारण कई तरह की परेशानियों और चुनौतियों का सामना किया था। एक लंबे समय के बाद भारत की स्वास्थ्य सुविधाएं पहले की तरह बहाल हुई हैं। ऐसे में पड़ोसी देश में रहस्यमयी बीमारी फैलने से भारत पहले ही सतर्क हो गया है। हालांकि, भारत के यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री ने हाल ही में एक बैठक के दौरान कहा था कि देश में इस रहस्यमयी बीमारी के फैलने का खतरा काफी कम है, लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्रालय बारीकी से स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए मंत्रालय ने कहा कि इस संक्रमण से लड़ने के लिए भारत पहले से ही तैयार है। अब तक इस बीमारी को लेकर भारत के पास जो भी जानकारी है, उसका मुकाबला करने के लिए भारत के पास पर्याप्त वैक्सीन और दवाइयां हैं। फिर भी भारत ने अपने सभी अस्पतालों को तैयार रहने के लिए कहा है।

सलाह दी गई है कि बच्चों और किशोरों में बीमारी के मामलों पर बारीकी से नजर रखें और जांच सैंपल तत्काल प्रभाव से लैब भेजे जाए। साथ ही, कहा है कि सांस संबंधी किसी भी तरह की परेशानी होने पर बारीकी से इलाज किया जाए और बच्चों और बुजुर्गों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए।०0०

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