गुरुवार, 30 मार्च 2023

उपखंड कार्यालय का घेराव 31 को:नेता हवाई या धरती जुड़ा, मालुम होगा।

 


* करणीदानसिंह राजपूत *

सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान के तहत 29 मार्च को बंद करने के बाद  31 मार्च 2023 को उपखंड कार्यालय के घेराव की घोषणा की गई थी। अभियान समिति की ओर से यह घोषणा थी।

* अभियान समिति को यदि मालूम नहीं है कि उपखंड कार्यालय कितने खुलता है और कितने बजे बंद होता है तो यह पहले मालूम कर लेना चाहिए। 

** घेराव करने की घोषणा है तो यह घेराव कार्यालय बंद होने तक होना बहुत जरूरी है।


👍 सूरतगढ़ जिला बनाओ अभियान समिति पहले तीन चार कार्यक्रमों में घोषणाओं के अनुरूप कार्य नहीं कर पाई थी। जो कार्य हुआ वह भी छात्रों युवकों के सक्रिय होने से हुआ। छात्रों ने यह सब बाद में सामने भी रखा।


नेताओं की तरफ से कहा जाता रहा  कि मेन पावर नहीं है मतलब आदमी नहीं है इसलिए अभियानों में कमी रही। सवाल है कि मेन पावर किनको जुटानी थी? मेन पावर नेताओं को जुटानी थी और नेता अपनी अपनी गाड़ियों में सवार होकर आए मगर आदमी नहीं लाए। नेता काम करे तो उनकी आवाज के साथ लोग आएं।

यह कड़वी दवा है।


* अब उपखंड कार्यालय का घेराव करना है तो इसके लिए मेन पावर का प्रबंध करने के लिए यदि नेताओं ने प्रयास किया है तो 31 मार्च को घेराव के समय सब कुछ सामने आ जाएगा। घेराव कितने बजे शुरू होगा  और नेतागण कब कब आते हैं और कब तक ठहरते हैं? यह सब 31 मार्च को मालूम होगा। 

*  नेताओं की घोषणाएं और उस पर कार्य करने में बहुत अंतर दिखाई देता रहा है।  सबसे पहले तो यही है कि सारे नेता अगर एकजुट है तो 2-2, 3- 3 के ग्रुप में खुसर पुसर करने की जरूरत नहीं होती।  जब राय बनी हुई होती है तो बाद में अलग अलग  खुसर पुसर की आवश्यकता नहीं रहती। 

* नेताओं में खोखला पन नहीं है त़ उपखंड के घेराव में नेताओं को पहले मोर्चे पर सबसे आगे रहना होगा। उसके बाद में महिलाएं और तीसरी कड़ी के अंदर छात्रों को रहना होगा।

 * उपखंड के घेराव में नेतृत्व नेताओं के हाथ में हो और सब नेता एक दूसरे से आगे बढ़कर के काम करें यह सब हर नेता की पावर दिखाएगा।०0०

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