रविवार, 7 जून 2020

मोदी जी हम लोकतंत्र सेनानी आपके क्या लगते हैं? हम लोकतंत्र सेनानी कौन हैं? * करणीदानसिंह राजपूत *


आपने लोकसभा में 26 जून 2019 के दिन पर भाषण दिया था कि आपातकाल में जिन लोगों ने कुर्बानियां दी जिसके कारण लोकतंत्र बच सका। ऐसे कुर्बानियां देने वालों का सम्मान किया जाना चाहिए।
आप यह भाषण किसको और किस लिए दे रहे थे?
लोकसभा में बोले गये भाषण का एक एक शब्द स्वयं के लिए और प्रधानमंत्री बोले तो संपूर्ण देश के लिए होता है। आपने यूं ही गपशप में तो यह भाषण नहीं दिया। पूरी जानकारी रखते हुए ही दिया।
आपने बोला तो निश्चित मानें कि आपातकाल
में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए कुर्बानियां देने वालों ने सच्च में बहुत कुछ किया था और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
आपने बोला तो सम्मान देने का सोचा भी होगा?
देश का प्रधानमंत्री सोचे तो वह सोच छोटी तो हो नहीं सकती। यह भी नहीं हो सकता कि लोकसभा में बोले और भूल गए।ऐसा कोई कैसे सोच सकता है कि प्रधानमंत्री बोल कर भूल गए हों।
आपने सोचा भी होगा कि लोकतंत्र की रक्षा करने वालों का सम्मान किस तरह से किया जा सकता है? यह भी मालूम किया होगा कि लोकतंत्र सेनानी कौन ही,कहां हैं,किस तरह से उनका जीवन है? आपसे विशेषकर देश के प्रधानमंत्री से तो कुछ भी छुपा हुआ नहीं रह सकता? आपने सम्मान का भी सोचा ही होगा कि किस तरह से सम्मानित किया जाए कि जो इतिहास में भी लिखा जाए और आने वाली
पीढियां उसे पढ सके। लोगों को और विदेश में भी लोग जानें कि भारत में देशभक्त लोगों की बड़ी पूछ होती है। देश का प्रधानमंत्री भी उनकी खोजखबर रखता है। देश के प्रधानमंत्री के दिल में लोकतंत्र रक्षकों के प्रति स्थान है।
आपके लोकसभा में दिए भाषण से मैं यही मानता हूं।
आपने मन में सोचते हैं और वही संकल्प लेकर कार्य करते हैं। लोकतंत्र सेनानियों का सम्मान कैसा होगा?कब प्रदान करेंगे सम्मान?
यह घोषणा 26 जून 2020 को करने का ही कहदें ताकि उस काले दिन की कालिमा से छुटकारा और सेनानियों के दिलों में आपका आदर्श स्थापित हो सके।
यदि आप सम्मान प्रदान करने का मन बना चुके हैं या मन बनाने वाले हैं तो आपकी सोच और संकल्प को कोई भी किसी भी शक्ति से रोक नहीं सकता। आपके नजदीकी और किसी की रोक से आप रूक भी नहीं सकते।
आप लोकतंत्र सेनानियों सम्मान करने के प्रति जो भाव रखते हैं वे प्रगट करें ताकि कोई भी यह नहीं पूछे कि हम लोकतंत्र रक्षा सेनानी आपके क्या लगते हैं और हम कौन हैं?
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सामयिक लेख- दि .7 जून 2020.
आप पत्रकार किसी भी अखबार में और किसी भी भाषा में अनुवाद कर प्रकाशित कर सकते हैं। संवाददाता भेज सकते हैं। कोई भी पाठक
सोशल मीडिया पर,किसी भी ग्रुप में और जानकारों को भेज सकते हैं।
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करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
आपातकाल बंदी,
सूरतगढ़( राजस्थान)
94143 81356.
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