सोमवार, 2 मार्च 2020

प्रिय सुंदर रूप दिखाना.कविता-करणीदानसिंह राजपूत.




प्रिय,

दो मार्च से तुम्हारे

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की

शुरुआत है।


तुम बोलोगी मै चुप रहूंगा,

एक सप्ताह यानि कि

8 मार्च महिला दिवस तक

तुम्हारी हर बात सुनुंगा।


तुम्हारी जो ईच्छा हो

चाट पकौड़ी खाने की

वह पूरी होगी हर शाम

चाहे घर या सड़क आम।


बहना को बुलाना हो

बुला लेना रोकूंगा नहीं

तुम दोगी उसे गिफ्ट

टोकूंगा नही।


कुछ खरीदना हो

तो खरीद लेना

मेरा बटुआ खाली 

अपना पर्स खोलना।


प्रिय ,कुछ मेरी भी मानना

मुझे तुम्हारा गीत सुनाना

घूमर नाच भी दिखलाना

सुंदर रूप भी दर्शाना।


हिन्दुस्तानी साड़ी में तुम

सज धज कर आई

जैसे बरसों पहले

वैसा ही रूप दिखाना।

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करणीदानसिंह राजपूत,

सूरतगढ़।

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