दिल्ली-क्या मोदी और शाह की वजनदार कूद केजरीवाल को उड़ा देगी? * सामयिक- करणी दान सिंह राजपूत *
देश की राजधानी कहीं जाने वाली दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर निर्णायक घड़ी आ गई है। दिल्ली में
8 फरवरी को मतदान होगा और 11 फरवरी को निर्णय होगा कि सरकार किस दल की बनेगी?
अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्य मंत्री के सामने नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री और अमितशाह देश के गृहमंत्री हैं जो पावर के हिसाब से बहुत भारी हैं। मोदी और शाह ने चुनाव के प्रचार में शानदार बदलाव के लिए दिल्ली को खूब हिलाया है। इनके प्रचार का असर भी माना जा रहा है लेकिन क्या यह असर सत्ता परिवर्तन करा देगा?
मोदी और शाह ने राष्ट्रीय मुद्दों को उठा कर केजरीवाल पर खूब प्रहार किए हैं और केजरीवाल ने विकास के नाम पर दिल्ली में जो बदलाव किए हैं, उनके नाम पर वोट मांगे हैं।
दिल्ली चुनाव का परिणाम जो भी आएगा वह जनता का फैसला होगा और सभी के लिए स्वीकार्य भी होगा।
यदि केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जीत जाती है तो यह मानना ही पड़ेगा की आम आदमी की आवश्यकता और सुविधाओं को देखना ही पड़ेगा। उनको साधारण और हंसी आरोप में किनारे पर नहीं धकेला जा सकता।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सत्ता कायम रहती है तो अन्य राज्यों में भी वह कदम भाजपा कांग्रेस पार्टियों को तत्काल ही लागू करने होंगे जहां उनकी राज्य सरकारें हैं।
अभी किसी से बात की जाती है तो वह केजरीवाल सरकार की सुविधाओं को अच्छी बताता है।केजरीवाल ने जो सुविधाएं दी हैं वे व्यवस्था परिवर्तन हैं। सब कुछ जनता के पैसे से ही हुआ है।
बिजली, पानी, स्कूल, सीसीटीवी कैमरे महिलाओं को मैट्रो में निशुल्क यात्रा,मोहल्ला क्लिनिक आदि से आमजन प्रभावित तो हुआ है।
यदि जनता का निर्णय केजरीवाल यानि आम आदमी पार्टी के पक्ष में जाता है तो अन्य राज्यों में आम आदमी पार्टी की ओर लोगों का आकर्षण फिर से बढेगा।०००