पुस्तकालयों का महत्व मंदिर मस्जिद गुरूद्वारों से कम नहीं- मनोज स्वामी राजस्थानी साहित्यकार
- करणीदानसिंह राजपूत-
सूरतगढ़। चक 18 एसपीडी के पंचायत घर में सार्वजनिक पुस्तकालय की स्थापना समारोह पूर्वक की गई। यह शुभ दिन 7 जनवरी 2018 था।
पुस्कालयों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मनोजकुमार स्वामी ने कहा कि पुस्तकालयों का महत्व मंदिर मस्जिद गुरूद्वारों से कम नहीं आंका जा सकता। पुस्तकें समाज की पथ प्रदर्शक और सबसे बड़ी व सच्ची दोस्त होती हैं।
कवि हृदय राजेश चड्ढा ने कहा कि पुस्कालयों से निकलने वाले ही जिन्दा हैं। उन्होंने शब्द की महिमा का वर्णन करते शब्द को ब्रह्म बताते कहा कि पढें जरूर चाहे किसी भी भाषा में लिखा पढ़ें।
साहित्यकार प्रहलाद राय पारीक ने बताया कि किताबें सबसे बड़ी प्रेरक होती है।
व्याख्याता राजेन्द्र छींपा ने कहा कि पढ़ने की रूचि का विकास सही मायने में पुस्तकालयों से ही होता है।
वकील विष्णु शर्मा ने कहा कि पुस्तकों पर आए संकट को दूर करना हमारा कर्तव्य है।
कार्यक्रम की अध्यक्ष संरपच श्रीमती विनोद कुमारी भाटी ने कहा कि यह गांव में नया फूल खिलाने का प्रयास है जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है।
पंच निकूराम मूड व रामकुमार छींपा, सुखराम मंचासीन थे।
संयोजन कर रहे सेलेब्रिटी ख्याली सहारण ने अपने जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंग पुस्तकों के महत्व चर्चा करते हुए अपने अदाज में खूब मनोरंजन किया।
साहित्यकारों ने पुस्तकें भेंट की।