रविवार, 19 अप्रैल 2015

वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत,पत्रकार मुरलीधर उपाध्याय को भी आपातकाल पेंशन शीघ्र

आपातकाल 1975 के शांतिभंग में जेलों में बंदी रहे पत्रकारों व पूर्व विधायकों को भी पेंशन शीघ्र
सूरतगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत,पत्रकार मुरलीधर उपाध्याय,पूर्व विधायकों स.हरचंदसिंह सिद्धु व गुरूशरण छाबड़ा को भी मिलेगी पेंशन:
करणीदानसिंह राजपूत गुरूशरण छाबड़ा हरचंदसिंह सिद्धु मुरलीधर उपाध्याय




सूरतगढ़।
आपातकाल 1975 में केन्द्र की सरकार के अत्याचारों का विरोध करने वाले आपातकाल के लोकतंत्र सेनानियों को जो शांतिभंग कानून के तहत गिरफ्तार कर जेलों में ठूंस दिए गए थे, उनको भी पेंशन दिए जाने का विचार राजस्थान सरकार कर रही है। 

गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने पिछले दिनों विधानसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उत्तर दिया था कि इस संबंध में सरकार का विचार चल रहा है।  आपातकाल में हजारों लोगों को जेलों में बंद कर दिया गया था। उनके परिवार भी परेशान हुए व व्यवसाय आदि
बरबाद हो गए थे। सूरतगढ़ से मीसा व रासुका के बंदियों को पेंशन के आदेश हो गए व कुछ को शुरू हो गई व कुछ की जल्दी ही मिलने लगेगी।
सूरतगढ़ के 12 कार्यकर्ताओं को शांतिभंग में बंदी बनाया गया था।
पत्रकार करणीदानसिंह राजपूत को श्रीगंगानगर में 30 जुलाई 1975 को इंदिरागांधी के विरोध में नारेबाजी करने के आरोप में कोतवाली पुलिस ने बंदी बनाया था। उस समय सूरतगढ़ से साप्ताहिक भारतजन का संपादन प्रकाशन किया करते थे। इनके भाई स्व.गोपसिंह ने प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी जो राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बंदी बनाए गए थे।
गुरूशरण छाबड़ा पूर्व विधायक जो अब जयपुर में रहते हैं व पत्रकार मुरलीधर उपाध्याय पूर्व पार्षद जो अब आफसेट प्रेस व्यवसाय में हैं,ने सूरतगढ़ में गिरफ्तारी दी थी जिनको श्रीगंगानगर जेल में भेज दिया गया था। मुरलीधर उपाध्याय काफी वर्षों तक साप्ताहिक हिन्द ज्योति का संपादन प्रकाशन करते रहे थे। वकील स.हरचंदसिंह सिद्धु पूर्व विधायक को भी शांतिभंग में पकड़ा गया था।
स.गुरनामसिंह जो आजकल लाइनपार रहते हैं, मांगीलाल जैन और भगवानदास चिलाना जो अब घड़साना में व्यवसाय करते हैं,ने गिरफ्तारी दी थी। स्व.कुशालचंद चिलाना,स्व.श्यामलाल चिलाना, स्व. हरिराम चीनिया,स्व. भगवानदास धाणका ने भी प्रदर्शन कर गिरफ्तारी दी थी। इनको भी जेलों में बंद कर दिया गया था। स्व.कुशालचंद चिलाना व स्व.श्यामलाल चिलाना की पत्नियों का भी स्वर्गवास हो चुका है। भगवानदास चिलाना इनके भाई हैं। ये तीन एक ही परिवार से प्रदर्शन कर जेल गए। हरिराम चीनिया भी पत्रकार थे व काफी समय तक भारतजन के उप संपादक रहे थे। उनके पुत्र महावीर चीनिया भी पत्रकारिता में रहे हैं। अब पेंशन हरिराम चीनिया की पत्नी को मिलेगी। भगवानदास की पेंशन भी उनकी पत्नी को मिलेगी। इनके अलावा एक सोहनसिंह सोढ़ा हैं जो आपातकाल में बंदी रहे और वर्तमान में प्रोफेसर हैं तथा बीकानेर में रहते हैं।

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