शुक्रवार, 5 मई 2017

घग्घर डिप्रेशनों में से भू माफिया को भगा कर चारागाह और वन पनपाया जाए


सूरतगढ़,पीलीबंगा,रावतसर टिब्बी तहसीलों में अतिक्रमण है
भू माफिया के कब्जे हटाने पर यह क्षेत्र अपने आप वन और चारागाह में बदल जाएगा और कुछ सालों बाद वृक्षों से आमदनी शुरू हो जाएगी
विशेष- करणीदानसिंह राजपूत
घग्घर बाढ़ नियंत्रण विभाग की ढील और राजस्व विभाग के पटवारियों अधिकारियों की मिली भगत से घग्घर डिप्रेशनों की भूमि पर भू माफिया के अतिक्रमण कई सालों से हैं। डिप्रेशनों में घग्घर बाढ़ का पानी डाला जाता है और बाद में उसका उपयोग सिंचाई में करने के लिए एस्केपों से बहाया जाता है। अतिक्रमणों से यह कार्य प्रभावित होते रहे हैं।
घग्घर बाढ़ नियंत्रण खंड तो सरकार ने खत्म कर दिया व अब यह कार्य जल संसाधन विभाग ही देखता है।
घग्घर डिप्रेशनों की जमीन श्रीगंगानगर जिले में सूरतगढ़ तहसील में है। हनुमानगढ़ जिलें में पीलीबंगा,रावतसर और टिबी तहसीलों में है।
वर्तमान में यहां से सरकार को कोई लाभ नहीं है।
सरकार अतिक्रमण हटा देती है तो हजारों बीघा क्षेत्र में अपने आप वन क्षेत्र पनपेगा। घास झाडिय़ां आदि से पशुओं को खुला चारागाह मिलेगा। वन्य जीवों की सुरक्षा व संरक्षण होगा। वन बनने से वृक्षों की बढावर होगी जो दस पन्द्रह साल बाद सरकार को आमदनी देने लगेंगे। यह आमदनी करोड़ों रूपए की होगी जिसके लिए कोई खास रकम खर्च नहीं करनी होगी।
राजस्थान में वैसे भी वन क्षेत्र बहुत कम है। सरकार चाहे तो इस क्षेत्र को जल्दी विकसित करने के लिए वन विभाग के माध्यम से कार्य करवा सकती है।
भू माफिया के कब्जे कई सालों से हैं इसलिए वे साधारण चेतावनियों पर छोडऩे वाले नहीं है। इसके अलावा राजनैतिक पहुंच और प्रभाव भी रखते हैं सो जब जब कदम उठाए गए वे सफल नहीं हुए। वे कदम भी एक दो,एक दो के विरूद्ध ही उठाए गए। एक साथ सभी स्थानों पर से अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस बल के अलावा आरएसी की टुकडिय़ां पहले लगाई जाएं व मजिस्ट्रेट लगा कर कार्यवाही कर दी जाए तो सफलता मिल सकती है।

update 5-5-2017.

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