शनिवार, 5 अप्रैल 2014

दारू को दवा मानती वसुंधरा सरकार:दारू से चलती है राजस्थान सरकार:


टिप्पणी- करणीदानसिंह राजपूत

दारू गुजरात में बंद है और राजस्थान में खुला है। इसी दारू से राजस्थान सरकार यानि कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार यानि कि वसुंधरा राजे की सरकार जीवित है।
वसुंधरा राजे ने अपनी सुराज संकल्प यात्रा और उसके बाद भी सरकारी चिकित्सालयों में मिल रही दवाओं को जहर बताया था। वसुंधरा राजे जब मुफ्त दवाओं को जहर बतला रही थी,उस समय कांग्रेस की अशोक गहलोत की सरकार थी और मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत राजकीय चिकित्सालयों में दी जा रही थी।
उस समय दवाओं को जहर बताने वाली वसुंधरा राजे दारू को कैसे और क्यों बेच रही हैï? क्या दारू से सेहत बनती हैï? दारू दवा है?
राजस्थान के करोड़ों लोगों का स्वस्थ्य खराब करके, उनके पारीवारिक जीवन की सुख शांति खत्म करके,हजारों नारियों व बालिकाओं का भविष्य उजाड़ कर,राजस्थान में अपराधों को पनपा कर वसुंधरा राजे कितना बड़ा पाप कर रही है।
ठेके जहां भी हैं वहां से महिलाओं व बालिकाओं का राह गुजरना कठिन होता है। महिलाएं ठेके बंद कराने का आंदोलन करती हैं या धरना प्रदर्शन करती है तो उन पर मुकद्दमें बना दिए जाते हैं।
नवरात्रा में एक तरफ तो देवियों का पूजन,शक्ति की आराधना और दारू बंद कराने वाली महिलाओं शक्तियों पर मुकद्दमें। कैसा लगता है? यह सुन कर देख कर।
पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा 1 अप्रेल 2014 से जयपुर में आमरण अनशन पर हैं। उनकी मांग है कि राजस्थान में संपूर्ण शराबबंदी कानून बनाया जाए व लागू किया जाए। छाबड़ा का कहना है कि जब गुजरात में दारू बंद है तथा वहां दारू से एक रूपए की आय नहीं है और वहां की सरकार चल रही है,तब राजस्थान की सरकार दारू बिना क्यों और कैसे नहीं चल सकती?
जब मोदी मोदी हो रहा है। गुजरात के विकास के दावे करते हुए उनको प्रधानमंत्री के रूप में प्रस्तुत कर चुनाव लड़ा जा रहा है,तब राजस्थान में गुजरात सरकार की तरह दारू बंद क्यों नहीं किया जाता?
वसुंधरा राजे अपनी सरकार के लिए दारू को दवा क्यों मान रही है?


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