गुरुवार, 19 जनवरी 2012

प्राचीन सूरतेश्वर महादेव मंदिर सूरतगढ़: विशेष लेख व चित्र- करणीदानसिंह राजपूत:











सूरतगढ़ के गढ़ के सामने यह मंदिर सूरतगढ़ की स्थापना के समय का बताया जाता है:
मंदिर का भवन और गर्भगृह आदि सब जीर्ण शीर्ण हो चुके हैं-जिनके जीर्णाेद्धार की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

सूरतगढ़ के गढ़ के सामने बना है सूरतेश्वर महादेव का मंदिर। इस मंदिर की प्राचीनता का इतिहास यह बताया जाता है कि गढ़ के निर्माण के साथ ही इस मंदिर का निर्माण हुआ था। पहले यह एक ही मंदिर था और इसी में स्थापित शिव लिंग पर लोग दुग्ध व जल का अभिषेक किया करते थे। इसी का पूजन अर्चन होता था। यह क्षेत्र बीकानेर रियासत में था। बीकानेर के महाराजा सूरतसिंह के नाम पर प्राचीन ग्राम सोढ़ल का नया नाम रखा गया था। बीकानेर महाराजा की तरफ से ही मंदिर के रखरखाव आदि के लिए माफी की कृषि भूमि भी दी गई थी। कुछ वर्ष पहले पुजारी के अभाव व स्थानीय रख रखाव में और कुछ विवाद के कारण दूर रहने के कारण यह सार संभाल देव स्थान विभाग के अधीन करदी गई।
    मंदिर के जीर्ण हालत में जाते रहने के कारण श्रद्धालुओं को मानसिक पीड़ा भी होने लगी और इसके जीर्णाेद्धार की मांग की जाने लगी। इसके समाचार रपटें समाचार पत्रों में छपी। सामाजिक संगठनों व श्रद्धालुओं ने यह मांग देव स्थान विभाग से की। इसका सुखद परिणाम आया। देव स्थान विभाग ने इसके जीर्णाेद्धार के लिए बजट निश्चित किया। यह जीर्णाेद्धार सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से होगा।
    मंदिर में शिवलिंग और नन्दी की प्रतिमाएं पुरानी व क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इनको हरद्वार में विसर्जित किया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह के जीर्णाेद्धार के बाद नया शिवलिंग व नन्दी स्थापित होंगे व प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह कार्य यहां की समिति करेगी। इसके लिए श्रद्धालु जुट गए हैं। नई स्थापना के बाद में पुराने शिवलिंग व नन्दी की प्रतिमा को विर्सजन के लिए ले जाया जाएगा। अभी ये प्रतिमाएं शिव बगीची में ही एक पेड़ के नीचे विराजमान रहेंगी।
शिवलिंग व नन्दी की प्रतिमा को हटाए जाने से पूर्व पश्चाताप पूजा 18 जनवरी 2012 को यजमान महावीर प्रसाद सेखसरिया सूरतगढ़ ने की एवं यह पूजा पंडित जगदीश प्रसाद कौशिक हनुमानगढ़ जंकशन ने करवाई।
    मंदिर के जीर्णाेद्धार बाबत एक बैठक मंदिर प्रांगण में 19 जनवरी 2012 को हुई जिसमें देव स्थान विभाग के हनुमानगढ़ टाऊन स्थित कार्यालय के सेवागिर राजेन्द्रप्रसाद शर्मा भी उपस्थित थे। समिति के संयोजक दिलात्मप्रकाश जैन सहित इस बैठक में गणमान्य श्रद्धालुओं ने भी भाग लिया। यह कार्य जल्दी ही आजकल में ही शुरू हो जाएगा।

- करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़।
मोबाईल  94143 81356

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