गुरुवार, 29 अक्तूबर 2020

*म्युजिक की दुनियां में भारतीय संगीत पर काम करते सोनीबंधु दीपेश संमल और शिवम ऊंचाई छूते*

 



* करणीदानसिंह राजपूत *


संगीत की दुनिया में बढ़ते पाश्चात्य संगीत के बीच भारतीयता की सोच को लेकर सूरतगढ़ के युवा सोनी बंधु दीपेश संमल और शिवम भारतीय संगीत पर ऊंची सोच को लेकर काम कर रहे हैं।

दीपेश से मेरी म्युजिक वर्ल्ड और इंडियन म्यूजिक पर बातचीत होती है। दीपेश का मानना है कि म्युजिक में युवा क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकते हैं। म्युजिक में पिछले 30 -40 सालों में पाश्चात्य संगीत का प्रवेश और बढ़ावा होता रहा और इंडियन म्युजिक पीछे धकेला जाता रहा। युवा इस पर महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं और इंडियन म्युजिक इंडियन क्लासिकल और इंडियन फोक म्युजिक को प्रमोट करके बहुत बड़ा बदलाव ला सकते हैं। स्वयं दीपेश इसी पर काम कर रहे हैं।
दीपेश प्रशासनिक सेवा में जाने की इच्छा से पढ़ाई कर रहा था। मगर रुचि नहीं बन पाई। उसकी रुचि संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ते गई। उसने बताया की पिता कमल किशोर सोनी आकाशवाणी के सूरतगढ केंद्र पर में सुगम गीत गाते थे और उनकी रुचि से प्रभावित होते हुए फाइनल इतिहास के बाद संगीत की दुनिया में काम करने को कदम बढ़ाए।
पहले मुंबई में कुछ महीने रहकर सीखा और अब चेन्नई में ए आर रहमान फाउंडेशन से शिक्षा ले रहे हैं इसके लिए चेन्नई में ही अपना निवास बना रखा है। 






दीपेश का सग्गा छोटा भाई शिवम प्रशासनिक सेवा में ही जाने का इच्छुक है लेकिन संगीत में भी रुचि होने के कारण अपने भाई के कार्य में सहयोगी है। मिक्सिंग एंड मास्टरिंग साउंड इंजीनियरिंग का कार्य में सहयोग है। मेरी बात शिवम के साथ भी होती है।
दीपेश संमल केवल 25 वर्ष की आयु है और शिवम की आयु 21 वर्ष है लेकिन म्युजिक की दुनिया में ऊंची उड़ान के इच्छुक हैं।

दीपेश संमल ने बताया कि उनके एक सौ के करीब म्युजिक मिक्सिंग कार्य हो चुके हैं और निरंतर जोश बढ़ रहा है।
वर्तमान में दीपेश की स्थिति पियोनिस्ट फोर्थ ग्रेड, म्युजिक कंपोजर प्रोड्यूसर डायरेक्टर की है।
दीपेश ने बताया कि उनके संगीत को विभिन्न रूपों में यूट्यूब चैनल के musikpur लेबल पर सुना और देखा जा सकता है। 



दीपेश संमल ने बताया कि अभी 19 महीने हुए हैं जिसमें प्रगति से संतुष्ट हैं। 7 फरवरी 2019 को कार्य प्रारंभ किया जो यूट्यूब चैनल के musikpur लेबल पर लोग देख सुन रहे हैं और प्रभावित हो रहे हैं। श्रोताओं की बढती संख्या पर संतुष्टि है।
मैंने सूरतगढ़ आवास पर बातचीत के मध्य पियानो लैपटॉप आदि के साथ में कुछ उदाहरण देखें और सुनें।


हिंदुस्तान के हर क्षेत्र में धर्म धार्मिक कार्यक्रमों अनुष्ठानों मंत्र आदि को बहुत प्राथमिकता है।  हर कार्य हम शक्ति स्वरूप परमात्मा को ईश्वर को मानते हुए करते हैं।
इसी सोच के अनुरूप musikpur में मैंने महामृत्युंजय मंत्र गायत्री मंत्र शांति मंत्र आदि सुने जिनमें दीपेश और शिवम का कार्य है।
ओम का जाप मंत्र भी एक है जिसमें 1000 जाप हैं। 
अनेक लोग आज डिप्रेशन में है उनके लिए भी एक रीमिक्स तैयार किया है जिसमें खुद के गाने हैं यह म्युजिक बहुत प्रभावित करता है।
एक शार्ट फिल्म माहिया का बैकग्राउंड म्युजिक एक फिल्म सरप्राइस ट्रेलर का म्युजिक भी दिया हुआ है एक भारतनाट्यम नृत्य है जिसमें  भारतीय संगीत रेप सॉन्ग का मिश्रण करते हुए कार्य है।
दीपेश ने बताया कि संगीत सम्राज्ञी लता जी के 91 वर्ष में प्रवेश पर लता 91 में कार्यक्रम विभिन्न फिल्मों के संगीत से जोड़ते हुए रेप सॉन्ग तैयार किया। यह लता जी को भेंट किया गया।

दीपेश का यह भी कहना है कि सूरतगढ़ मैं एक  म्युजिक स्टुडियो बनाना चाहते हैं ताकि इस क्षेत्र की युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का मौका मिल सके। इसके अलावा जो लोग संगीत में रुचि रखते हैं वे लोग भी लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं बस रूचि रखने वाले लाभ उठा सकेंगे।००
करणीदानसिंह राजपूत,
स्वतंत्र पत्रकार,
सूरतगढ़( राजस्थान) भारत.
94143 81356.
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