गुरुवार, 18 मई 2017

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन बंगला और स्टाफ की सुविधा मिलेगी

राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जयपुर या किसी भी शहर में जिंदगीभर के लिए आवास मिलेगा और वे अपने साथ 9 जनों का स्टाफ रख सकेंगे। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने 'राजस्थान मंत्री वेतन (संशोधन) विधेयक' पर बुधवार 17 मई को हस्ताक्षर कर दिए।

बिल के तहत अब पूर्व मुख्यमंत्रियों को, जिन्होंने पांच वर्ष पूरे किए हों, को आजीवन केबिनेट मंत्री का दर्जा मिलेगा। घर, स्टाफ और टेलिफोन आदि सभी भत्ते भी मिलेंगे। राजस्थान सरकार ने पिछले महीने ही ये बिल विधानसभा में पेश किया था। पास होने के बाद इसे राज्यपाल की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था।
इस बिल को लेकर भाजपा के ही वरिष्ठ विधायक और दीनदयाल वाहिनी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने आपत्ति जताई थी कि इस बिल से सामंतशाही बढ़ेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर यह आरोप लगाए थे कि वे इस बिल के जरिए वर्तमान सिविल लाइंस स्थित सरकारी बंगला नम्बर 13 पर कब्जा करना चाहती हैं।
उन्होंने लिखा था कि बंगला नम्बर 13 पर सरकार के करोड़ों रूपया खर्च कर इसे एक आलीशान महल में बदल दिया गया है और बाहर से इसकी किले बंदी कर दी गई है। इस संपदा का बाजार मूल्य कम से कम 2000 करोड़ रुपए है।
इस पत्र में उन्होंने इस विधेयक के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्रियों को कानून बनाकर जीवनभर के लिए असामान्य सुविधाएं देने का कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह विधेयक जागीरदारी प्रथा को स्थापित किए जाने का प्रयास है।
तिवाड़ी ने राज्यपाल को ये बिल पास नहीं करने के लिए पत्र भी लिखा था। अपनी ही पार्टी में विरोध पर उतरे तिवाड़ी के व्यवहार को लेकर केंद्र स्तर से अनुशासनहीनता का नोटिस भी जारी किया गया था। जिसके जवाब में उन्होंने लिखा था कि मुझे जान का खतरा है, इस कारण पार्टी की बैठकों में नहीं जाता। भाजपा ने उनके सभी पद हटा दिए थे।

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