मंगलवार, 10 जनवरी 2017

सूरतगढ़ में साधुओं और युवकों को कौन बेच रहा है नशे की गोलियां


सूरतगढ़ 10 जनवरी।
 सूरतगढ़ में साधुओं साधु वेशधारियों और युवा लोगों को नशे की गोलियां आदि कौन बेच रहा है। बहुत ही गंभीर मामला है कि यहां साधु वेश धारियों का जमावड़ा इसलिए अधिक है कि उनको नशे की गोलियां आदि यहां आसानी से उपलब्ध हो रही है। दूसरे स्थानों के साधु वेशधारी अपराधी प्रवृत्ति के लोग भी यहां नशे की खरीद के लिए पहुंचते हैं। उनका जमावड़ा रेलवे स्टेशन के आसपास बस स्टैंड के आसपास पर कुछ अन्य स्थानों पर मौजूद देखा जा सकता है। इनके अलावा सूरतगढ़ में युवाओं को नशे की गोलियां कौन उपलब्ध करा रहा है? किस किस मोहल्ले में कौन-कौन व्यक्ति किस अपराधिक कार्य में लगा हुआ है?

 पुलिस के लिए बहुत ही गंभीर चिंतन का विषय है। देखना यह है कि पुलिस इस प्रकार के आपराधिक कार्यों में लगे लोगों पर कब कार्यवाही कर कानून के हवाले करती है। बीट सिपाही से यह छुपा हुआ नहीं है और ना पुलिस से छुपा हुआ है। इस पर तत्काल कार्यवाही की जा सकती है।
 साधु वेशधारी कब क्या अपराध कर जाएं?इसका कोई अनुमान नहीं लगाया सकता। अभी 3 वर्षीय एक बालिका को साधु वेशधारी उठा ले गया। गनीमत यह रही कि अन्य थाना  इलाके में वह बालिका बरामद हो गई। पुलिस को यह जानना जरूरी है कि वह साधु वेशधारी कब से सूरतगढ़ आ रहा था और क्यों आ रहा था?  यह इसलिए जरूरी है कि नशे के विरुद्ध पुलिस श्री गंगानगर जिले में अभियान चला रही है। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी के निर्देशन में जगह जगह नशे के विरुद्ध अभियान में  जनता को जागरूक किया जा रहा है। नशा पीड़ित लोगों को बचाने के लिए उभारने के लिए कार्यशाला भी आयोजित की जा रही है।

 ऐसी स्थिति में अगर नशे का व्यापार करने वाले खुले रहें। युवा पीढ़ी को तबाह करने का राष्ट्रद्रोही कार्य करें तो यह दशा आम जनता में अच्छा संदेश नहीं देगी। सूरतगढ़ में 9 जनवरी को प्रशासन को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें शहर में बढ़ रहे नशे पर  रोक लगाने की मांग थी। कांग्रेस के जिलाउपाध्यक्ष बलराम वर्मा जिला सचिव द्वारका पेड़ीवाल की अगुवाई में
 ज्ञापन को देने वालों में सेवादल के ब्लॉक अध्यक्ष धन्नाराम स्वामी नगर अध्यक्ष सतनाम वर्मा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष आकाशदीप बंसल राजस्थान जिला श्रीगंगानगर मेघवाल समाज के अध्यक्ष परसराम भाटिया वरिष्ठ वकील साहब राम स्वामी वकील प्रमोद सहाय आदि थे।  सभी ने सूरतगढ़ में नशे के बढ़ रहे व्यापार पर चिंता प्रकट की। इससे पूर्व शहर के मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से भी एक ज्ञापन दिया गया था जिसमें  नशे की गोलियां  बेचने वालों पर कार्यवाही की मांग की गई थी। मेडिकल स्टोर वालों ने स्पष्ट रूप से कहा कि मेडिकल स्टोरों पर नशा नहीं बिक रहा। यह दोनों ज्ञापन बहुत महत्व रखते हैं। कांग्रेस को इससे आगे बढ़कर लगातार ध्यान देना होगा कि पुलिस की कार्यवाही हो रही है या ज्ञापन को प्रशासन ने किसी फाइल में बंद कर दिया।  सूरतगढ़ के थाना अधिकारी और पुलिस उपाधीक्षक की यह पहली ड्यूटी बनाती है कि जब पुलिस नशे के विरुद्ध अभियान चला रही है तब सूरतगढ़ में नशे का व्यापार क्यों बढ़ रहा है? कौन लोग हैं जो अपराध बढ़ा रहे हैं और पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं? ऐसे अपराधी तत्वों को कौन लोग बढ़ावा दे रहे हैं और किन लोगों का संरक्षण नशा बेचने वालों को मिल रहा है ?
यह पुलिस का बहुत बड़ा दायित्व बनता है। जिला पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी को भी यह चिंतन और जांच करनी होगीकि सूरतगढ़ में साधुओं और साधु वेश धारियों को शहरी युवाओं को नशा कौन उपलब्ध करवा रहा है? यह नशे की खेप गली-मोहल्लों में बेचने वालों तक कौन पहुंचा रहा है और वह लोग कहां से नशे की गोलियां ले कर के आ रहे हैं?

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