रविवार, 7 अगस्त 2016

सूरतगढ़ के पूर्व तहसीलदार हर्षवर्धनसिंह राठौड़ का एसीबी कोर्ट श्रीगंगानर में चालान:


हर्षवर्धनसिंह वर्तमान में एसडीएम हैं तथा निलंबित हैं: पटवारी धर्मेन्द्र यादव भी चालान में शामिल:
वन विभाग की जमीन पर श्रीबिजयनगर निवासी इन्द्रजीत सिंह बिलंदी का नामांतरण कर दिया था:
- विशेष समाचार-


सूरतगढ़ के पूर्व तहसीलदार और वर्तमान में निलंबन पर चल रहे एसडीएम हर्षवर्धनसिंह राठौड़ का 5 अगस्त 2016 को श्रीगंगानगर की एसीबी कोर्ट में एसीबी चौकी प्रभारी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पृथ्वीसिंह ने चालान पेश किया। सूरतगढ़ तहसील के रघुनाथपुरा हलके में वन विभाग की 75 बीघा/ 17 हेक्टर/ जमीन पर श्रीबिजयनगर निवासी इन्द्रजीतसिंह बिलंदी का नामान्तरण कर दिया जाने का मामला है जिसमें उस समय के राजस्व तहसीलदार हर्षवर्धनसिंह राठौड़ व पटवारी धर्मेन्द्र यादव तथा बिलंदी को इस मामले में दोषी माना गया। चालान के वक्त राठौड़ व बिलंदी मौजूद थे।
ेदोनों की जमानतें उच्च न्यायालय से स्वीकृत थी। पटवारी भी मौके पर मौजूद था। पटवारी को कुछ दिन पहले ही पकड़ा गया था।
वन विभाग के सहायक वन संरक्षक के.जी.श्रीवास्तव की पकड़ में यह मामला जाँच में आया कि वन विभाग की जमीन पर इन्द्रजीतसिंंंंह बिलंदी ने बाग लगा रखा है। उसे नोटिस देकर पूछा गया तब उसने कागजात दिखलाए कि वह बाकायदा नामंतरण करवाए हुए है।

 बिलंदी के बाग को पुलिस बल की उपस्थिति में हटवा कर वन विभाग काबिज हुआ था। कर पुलिस बल की उपस्थिति में वन विभाग काबिज हुआ।
यह मामला एसीबी को सौंपा गया। एसीबी के तत्कालीन प्रभारी भवानीशंकर मीणा ने इसे आपराधिक प्रमाणित माना व प्रकरण दर्ज हुआ था।
हर्षवर्धनसिंह सूरतगढ़ में तहसीलदार के बाद पदोन्नति के एसडीएम बन कर टीबी,पीलीबंगा व छत्तरगढ में कार्य कर चुके हैं। एसीबी ने चालान की अनुमति मांगी तब सरकार ने छत्तरगढ़ से उनको निलंबित किया गया व निलंबन काल में जयपुर में उपस्थिति देने का आदेश हुआ। 


यह ब्लॉग खोजें