शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

घनश्याम तिवाड़ी के वसुंधरा सरकार व भाजपा पर सीधे हमले से प्रदेश भर में हलचल:


भाजपा राज में अराजकता व दुराचार के बढ़ते मामले शर्मनाक:
मंत्रियों पर सीएम की सुपर सलाहकार समिति हावी:मंत्री स्वतंत्र निर्णय लेने में लाचार:


- जयपुर का विशेष समाचार -
राजस्थान की भाजपा वसुंधरा राजे सरकार व भारतीय जनता पार्टी से कुछ सालों से टकराव की सी हालत में साइडलाइन चल रहे भाजपा के वरिष्ठ विधायक घनश्याम तिवाड़ी लगातार आक्रमण करने में लगे हुए हैं तथा अब 6 जुलाई को वसुंधरा राजे सरकार व भाजपा पर उनके आक्रमण से पूरे प्रदेश में हलचल मची है। तिवाड़ी का नया बयान वसुंधरा के लिए खतरा पैदा करने वाला है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में अराजकता व दुराचार के मामलों की बढोतरी शर्मनाक है। संपूर्ण प्रदेश में काम नहीं हो रहा है। मंत्री स्वतंत्र रूप से कोई निर्णय लेने में असमर्थ हैं। वसुंधरा का नियंत्रण है या फिर मंत्रियों पर सीएम की सुपर सलाहकार समिति के निर्णय चलते हैं। तिवाड़ी का आरोप गंभीर है कि सीएम की सुपर सलाहकार समिति के सदस्यों पर राज्य का करोड़ों रूपया खर्च हो रहा है। घनश्याम तिवाड़ी ने तो लाचारी में पड़े मंत्रियों को त्यागपत्र देने की सलाह तक दे दी है।
तिवाड़ी ने 6 जुलाई को दीनदयाल वाहिनी की जयपुर में बुलाई सभा में अपने तीखे प्रहार किए।
तिवाड़ी ने नई राजनैतिक पार्टी बनाने के संकेत दे दिए हैं।
दीनदयाल वाहिनी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में पार्टी के संविधान के प्रारूप को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके लिए 1 करोड़ रुपए के फंड जुटाने तथा पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की भी घोषणा के साथ ही तिवाड़ी ने यह भी ऐलान कर दिया कि उनकी वाहिनी प्रदेश में सैकिंड या या थर्ड फ्रंट नही बल्कि फस्र्ट फ्रंट बनेगी।
तिवाड़ी ने कहाकि अब सदस्यता तथा प्रशिक्षण अभियान चलेगा। जिसमें कार्यकर्ताओं को राजनीतिक पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वाहिनी के फंड के लिए पांच हजार सक्रिय सदस्यों से 2100-2100 रुपए लेकर पार्टी का फंड बनाया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में सभी जातियों के जनाधार वाले कार्यकर्ताओं  को तैयार किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर 25 सितंबर को सभी जिलों में जिला सम्मेलन होंगे तथा सार्वजनिक समारोह आयोजित करके पदाधिकारियो कंो शपथ दिलाई जाएगी। गौरतलब है कि तिवाड़ी लंबे समय से दीनदयाल वाहिनी के कार्यक्रमों के जरिए प्रदेश में घूमकर नई पार्टी की संभावनाएं तलाश करते रहे हैं।
मुख्यमंत्री व भाजपा पर जबरदस्त हमला
घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र खत्म होने से गवर्नेस समाप्त हो गया। मंत्री को अफसर से कम ज्ञान है। मंत्री अपनी योग्यता से नहीं सीएम की मर्जी से बनते हैं। अब तो मंत्री सरकार को बचाने और मनमाने निर्णय लेने के लिए होते हैं। स्वेच्छाचारिता से नियुक्तियां होती है। इसका प्रमाण यह है कि कला बोर्ड में 11 में से राजस्थान का एक भी नही है।
मंत्रियों पर सुपर सलाहकार समिति
मंत्री सार्वजनिक मंचों पर बार बार कहते रहे हैं कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मंत्रिमंडल के ऊपर सेवानिवृत्त अधिकारियों की सुपर कैबिनेट बन गई है। इस मुख्यमंत्री सलाहकार समिति का खर्च ही एक करोड़ 87 लाख रुपए पड़ रहा है। इससे गवर्नेंस समाप्त हो रहा है। प्रदेश में अराजकता व दुष्कर्म के बढ़ रहे मामलों से शर्म आती है।
संगठन के हालात ऐसे हैं कि जो पार्टी के 80 लाख पार्टी कार्यकर्ताओं में नहीं है उसे राज्यसभा का टिकट मिल जाए तो फिर उसे पार्टी का काम करने की क्या जरूरत है। तीन महीने में कार्यकारिणी गठित की जानी चाहिए थी लेकिन तीन साल गुजर गए।
विकास के नाम पर मंदिरों को तोड़ा जा रहा है तथा भ्रष्टाचार पकडऩे वाले अधिकारियों को हटाया जा रहा है। विधायक रीढ़ विहीन हो गए हैं।
दीनदयाल वाहिनी के सचिव अखिलेश तिवाड़ी
दीनदयाल वाहिनी के सचिव घनश्याम तिवाड़ी के पुत्र अखिलेश तिवाड़ी ने आरोप लगाया कि राज्य का बजट बनाने के लिए दिल्ली से अधिकारी आते हैं और बजट बनाकर चले जाते हैं। यह गैरकानूनी है। घनश्याम तिवाड़ी के बेटे ने कहा कि राजस्थान सरकार दाम दो काम कराओ, दाम के बदले काम योजना चला रही है। इस प्रकार की बातें कर 9 लाख को रोजगार दे दिया, 80 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हो गई। जनता को अपने साथ किया गया भद्दा मजाक प्रतीत हो रहा है। बाड़मेर, जैसेलमेर और बारां की घटनाएं तथा भीलवाड़ा दौरे में कार्यकर्ता और जनता का बहिष्कार किया जाना इस बात का सूचक है कि सरकार संवेदनहीन है और इसे जनता की, पार्टी के संगठन की, और लोकतांत्रिक संस्थाओं की कोई परवाह नहीं है।
अखिलेश तिवाड़ी ने तो नए दल की संरचना तथा उसके स्वरूप के बारे में बताते हुए कहा कि अलग से दल का गठन इसलिए जरूरी हो गया है,क्योंकि राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त हो गया है। नए दल में तीन-तीन जिलों के 11 संभाग बनाए गए हैं।
घनश्याम तिवाड़ी की पुस्तक /आरक्षण-मेरी भूमिका/ का लोकार्पण
दीनदयाल वाहिनी के इस सम्मेलन में घनश्याम तिवाड़ी की पुस्तक /आरक्षण-मेरी भूमिका/ का लोकार्पण भी किया गया।
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घनश्याम तिवाड़ी और भाजपा में शीत युद्ध चल रहा है।
6 जुलाई को दीनदयाल वाहिनी के प्रदेश पदाधिकारी सम्मेलन जयपुर के लिए भाजपा कार्यायल के बाहर भी पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन भाजपा कार्यालय के बाहर लगे घनश्याम तिवाड़ी के पोस्टरों को हटा दिया गया। इसका मतलब साफ है कि भाजपा मुख्यालय पर किसी भी रूप में तिवाड़ी के पोस्टर बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। हालांकि इसके साथ ही भाजपा कार्यालय से सभी पोस्टर  हटा दिए गए, ताकि उन पर ये आरोप नहीं लगे कि भाजपा कार्यालय से केवल तिवाड़ी के पोस्टर ही हटाए गए हैं।
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