रविवार, 10 जुलाई 2016

एसडीएम पोटलिया पर रिश्वत के आरोप व शिकायती दस्तावजों में गड़बडियां: शिकायती गोधाराम की जाँच जरूरी:


एसडीएम पोटलिया को रिश्वत के जाल में फंसाने के कुचक्र की परतें खुलने लगी:
रिश्वत का आरोप लगाने वाले गोधाराम की असलीयत सामने आने लगी: गोधाराम की जाँच भी जरूरी:
- करणीदानसिंह राजपूत -

सवाल.1-दलीप की कब्जेशुदा जमीन के आवंटन से पहले ही गोधाराम ने अपने पक्ष में कागजात कैसे और क्यों बनवा लिए?


सवाल.2-दलीप की जमीन के आवंटन की रिश्वत मांगने का आरोप एसडीएम पर कैसे और क्यों लगाया?
सवाल.3-गोधाराम ने दलीप की कब्जेशुदा जमीन खरीदने का इकरारनामा,हल्फनामा और मुखत्यार बनने के दस्तावेज तैयार करवाए जो आवंटन की फाइल में क्यों नहीं लगाए और वे प्रमाणित दस्तावेज केवल एसीबी को क्यों दिए? एसीबी तो आवंटन करने वाली एजेंसी नहीं थी? आवंटन अधिकारी एसडीएम के अलावा समिति है जिसमें इलाके का विधायक राजेन्द्रसिंह भादू,एक अनुसूचित जाति जनजाति की पैरवी करने के लिए आरक्षित से जीता हुआ विधायक जो यहां पर अनुपगढ़ की विधायक शिमलादेवी बावरी हैं, इलाके का प्रधान व सरपंच आदि हैं। अकेला एसडीएम आवंटन ही नहीं कर सकता फिर गोधाराम ने मुख्य फाइल में अपने तैयार करवाए दस्तावेज नहीं लगाए जो एसीबी को दिए। आखिर ये दस्तावेज समिति के सामने गोधाराम क्यों नहीं रखना चाहता था?सवाल.4- गोधाराम के दस्तावेज समिति के सामने आने पर जमीन का आवंटन ही नहीं हो पाता। ऐसे नियम है तथा दलीपसिंह व अन्य को जमीन नहीं मिलती। गोधाराम की सारी कार्यवाही बोल रही है कि गोधाराम जो कुछ कर रहा था उसमें कोई राज है? क्या गोधाराम अति वृद्धावस्था में चल रहे दलीप की जमीन हड़पने का कोई षडय़ंत्र रचने में था? कहीं दलीप भी गोधाराम का शिकार तो नहीं हो गया है?
सवाल.5 बड़ा महाकाय सवाल-आखिर एक ही बड़ा सवाल है जिसका जवाब तभी मिल सकेगा जब गोधाराम की भी जाँच की जाए। इस पूरे प्रकरण में कहीं न कहीं बड़ी गड़बड़ है जहां तक अभी कोई पहुंचा नहीं है। गोधाराम ने रिश्वत की राशि 3 लाख रूपए दलाल के पास पहुंचाने की सूचना 5 माह बाद एसीबी को दी और उसमें यह लिखा भी कि एसीबी को यह सूचना दिए बिना रिश्वत दी। रिश्वत की सूचना समय पर नहीं देना और बाद में देना व उसका भी स्पष्ट कहीं पर उल्लेख नहीं मिलता। क्या इस कहानी के पीछे किसी और का दिमाग काम कर रहा है जो गोधाराम को इस तरह से चला रहा है कि एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया हर हालत में रिश्वत में फंस जाए? लेकिन वह रिश्वत है कहंा?
सवाल.6-यह तो साफ हो रहा है कि गोधाराम के साथ कोई अन्य भी है वरना इतना बड़ा जाल जिसमें सरकार की एक एजेंसी को भी दस्तावेज दिए गए हैं कम नहीं है।
एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया भी इस कहानी से हैरत में होंगे
 
सवाल.7- एसीबी को जो कहानी गोधाराम बताई उसमें कहीं भी आवंटन समिति का उल्लेख ही नहीं किया। आखिर वह ऐसा क्यों करने में लगा रहा? गोधाराम पूरी कहानी में यह साबित करने में लगा रहा है कि एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया रिश्वत मांगने वालों से था? गड़बड़ है और जरूर है लेकिन वह लंबी जाँच से ही सामने आ सकेगी जब गोधाराम के विरूद्ध भी कोई जाँच चलेगी।
सूत्रानुसार एसडीएम रामचन्द्र पोटलिया अवकाश पर हैं और जब अवकाश से लौटेंगे तब उनसे बात होगी और जो भी कोई तथ्य सामने आऐंगे या मालूम पड़ेंगे हम देने का प्रयास करेंगे।
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::




::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::

यह ब्लॉग खोजें