बुधवार, 22 जुलाई 2015

आपातकाल1975 में शांतिभंग आरोप में जेलों में बंद को पेंशन की संभावना:


 भाजपा प्रदेश कार्यालय में राजस्थान प्रभारी अविनाश राय खन्ना की मंत्री युनसअली खान से बात हुई:
खबर- करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़,22 जुलाई 2015.
आपातकाल 1975 में शांतिभंग के आरोपों में जेलों में बंद यात्नाएं भोगने वालों को मीसा रासुका के बंदियों की तरह ही पेंशन दिए जाने की मांग प्रबल हुई है तथा संभाना है कि जल्दी ही इस पर राजस्थान की सरकार निर्णय सुनादे।
राजस्थान प्रदेश के नए प्रभारी बनाए गए श्री अविनाश राय खन्ना के जयपुर आगमन पर आपातकाल लोकतंत्र सेनानी संगठन के कई कार्यकर्ता खन्ना से मिले और कहा कि लोकतंत्र के लिए शांति भंग की धाराओं भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धाराओं 107, 151,116/3 में अनेक लोग बंदी रहे। जेलों में महीनों तक यात्नाएं भोगी लेकिन राजस्थान सरकार ने मीसा व रासुका वालों को तो पेंशन सुविधा दी लेकिन उनको टाल दिया जबकि वे भी जेलों में यात्नाएं सहन करने वालों में थे तथा उनके व्यवसाय कारोबार आदि नष्ट हो गए व बंद हो गए।

इसके बाद कार्यकर्ता भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंच गए जहां पर मंत्री युनिस अली खान कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे। वहां पर पुन: अविनाश राय खन्ना ने मंत्री से इस बाबत पूछा कि शांति भंग आरोपों में जेलों में बंद रहे लोगों को पेंशन सुविधा क्यों नहीं दी गई?
इस बाबत मंत्री ने बताया कि पेंशन क्यों नहीं दी गई यह तो मालूम नहीं है। लेकिन माननीय गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में एक रिपोर्ट तैयार हुई है और वह सकारात्मक है जिस पर जल्दी ही निर्णय होने की संभावना है। यह निर्णय संभवतया स्वतंत्रता दिवस पर हो सकता है। यह संभावना है।
इस प्रकार की सूचना मिली है जो खबर के रूप में लगा दी गई है। घोषणा का इंतजार है। जब भी होगी तब वह खबर भी लगाई जाएगी।
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