सोमवार, 3 जून 2013

प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने जब फाइल जॉर्ज फर्नान्डीज पर फेंक दी थी


महत्वपूर्ण घटना एक साक्षात्कार  में राजस्थान पत्रिका में 3 जून को संपादकीय पृष्ठ पर छपी है


खास टिप्पणी- करणीदानसिंह राजपूत


भारत के प्रधानमंत्री का आरोप होता है कि वे सदन और सरकार चलाने में प्रतिपक्ष से बेहतर रिश्ते चाहते हैं मगर प्रतिपक्ष इसमें सहयोग नहीं करना चाहता। यह आरोप या कथन बहुत गंभीर होता है और जनता को लगता है कि प्रतिपक्ष यानि कि एनडीए बाधा डालता है। इस विषय में

राजस्थान पत्रिका में 3 जून 2013 को संपादकीय पृष्ठ पर एनडीए के नेता सांसद यशवंत सिन्हा का एक साक्षात्कार छपा है जिसका शीर्षक है कोई भी पार्टी दूध की धुली नहीं। यह साक्षात्कार प्रसिद्ध पत्रकार विजय त्रिवेदी ने लिया था। इस साक्षात्कार में यशवंत सिन्हा ने सन 2004 की एक घटना उल्लेख किया है जिसमें वे व अन्य नेता प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के पास वित्त विधेयक पर चर्चा करने के लिए गए थे। प्रधानमंत्री को एक फाइल दी गई। प्रधामंत्री ने वो फाइल जॉर्ज फर्नान्डीज पर फेंक दी और कहा कि चर्चा सदन में करें।

सिन्हा ने साक्षात्कार में बतलाया है कि भारत के संसदीय इतिहास में 10 साल पहले प्रधानमंत्री द्वारा किए गए इस प्रकार के बर्ताव को वे आज तक नहीं भूले हैं। प्रधानमंत्री का यह व्यवहार तो वास्तव में ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा था। इस व्यवहार का आम लोगों को मालूम ही नहीं पड़ता,अगर यह साक्षात्कार नहीं छपता। इसके छपने से यह व्यवहार लोगों के सामने आया है।

इस साक्षात्कार में इस घटना का उल्लेख प्रारंभ में ही किया गया है।

इसकी कटिंग यहां प्रकाशित की जा रही है, जिसमें नेताओं के नामों सहित घटना का उल्लेख है।

 


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