बुधवार, 16 जनवरी 2013

महिलाओं से दुराचार: पूर्व विधायक हरचंदसिंह का अशोक गहलोत को कड़वा पत्र -खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत


दिल्ली गैंगरेप पर दुख व्यक्त मगर सूरतगढ़ की पिडि़ता 3 बार मिलने पर भी सबूत तक नष्ट:

अपनी सत्ता बचाने को सूरतगढ़ के विधायक को खुश रखने को जाट अधिकारी लगाने का आरोप

आपके जोधपुर क्षेत्र में बड़े लोग मंत्री विधायक मुंह काला करते रहे। आपके स्तर पर कार्यवाही नहीं हुई। मीडिया में मामला आने के बाद में कार्यवाही हुई।

सूरतगढ़, 16जनवरी 2013. पूर्व विधायक स.हरचंदसिंह सिद्धु ने राजस्थान में महिलाओं के साथ हो रहे दुराचार पर मुख्यमंत्री को रोष भरा कड़ा पत्र लिखा है। सिद्धु ने लिखा है कि दिल्ली की गैंग रेप पिडि़ता पर तो संवेदना अलग है और सूरतगढ़ की दुराचार की पिडि़ता से कोई संवेदना तक नहीं जो तीन बार खुद मिल कर आई फिर भी जांच सही नहीं की गई तथा पुलिस ने साक्ष्य नष्ट कर एफआर लगादी। सिद्धु ने आपे दो जनवरी को लिखे पत्र में यह भी लिखा कि सत्ता बचाने को विधायक को खुश रखने के लिए सूरतगढ़ में जाट अधिकारियों को लगा कर जातिवाद को बढ़ावा दिया गया।

    सिद्धु का पत्र गहरी भावनाओं से भरा हुआ रोष पत्र है।

आपके द्वारा दिल्ली गैंग रेप पर पीडि़ता के प्रति व्यक्त संवेदना टीवी पर देखी। वह देख कर यह पत्र लिखा जा रहा है,जो तकलीफ देह महसूस होगा मगर सत्य कहते और लिखते हुए भगवान को सामने रख कर लिखा जा रहा है कि आपकी संवेदना और व्यावहारिक जीवन में अंतर साफ दिखाई देता है।


    सूरतगढ़ की अनुसूचित जाति की महिला से दुराचार का मामला जिसमें नगरपालिका अध्यक्ष बनवारीलाल मेघवाल,ओम साबनिया और सिपाही रोहताश आरोपी हैं का प्रकरण पुलिस ने दर्ज तक नहीं किया था। अदालत के आदेश पर मामला दर्ज हुआ,मगर उसकी पुलिस जांच में सबूत लेकर नष्ट कर दिए गए। पुलिस ने मोबाइल सिम ली, रोहिताश से शादी किए जाने के फोटो नेगेटिव आदि लिए और उनको फर्द बनाकर जांच में शामिल नहीं किया। इसके अलावा तीनों आरोपियोंके साथ राजीनामे की वार्ता की सीडी में रिकॉर्ड आवाज की जांच तक नहीं करवाई। पुलिस ने एफआर लगा कर अदालत में पेश किया जो अदालत ने नामंजूर कर दुबारा जांच करने का आदेश दिया। इसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी बनवारीलाल मेघवाल को विधायक मील का संरक्षण है। पीडि़ता ने साक्ष्य नष्ट करने के आरोप में अनुसंधान अधिकारियों सीआई रिछपाल चाारण व अपर पुलिस अधीक्षक यादराम फासल श्रीगंगानगर के विरूद्ध प्रकरण दर्ज करने का आवेदन दिया मगर मामला दर्ज नहीं किया गया। पीडि़ता 3 बार आपसे जयपुर में मिली मगर आपकी संवेदनशीलता सोई हुई है।

    आप चिंतन कर नतीजा निकालें। सीकर में घटना घटित हुई। आपके जोधपुर क्षेत्र में बड़े लोग मंत्री विधायक मुंह काला करते रहे। आपके स्तर पर कार्यवाही नहीं हुई। मीडिया में मामला आने के बाद में कार्यवाही हुई। पुलिस प्रशासन स्वच्छंद हो गया है। लूट का आलम है। प्रशासन अपनी मनमर्जी कर रहा है। आपकी सरकार का बोझ थामे विधायक मनमर्जी से प्रशासन चलवा रहे हैं। उनके हाथ खीच लेने से सरकार धड़ाम से गिर जाएगी।

    महात्मा जी का कथन है कि साधन और साध्य दोनों ही पवित्र होने चाहिए,अन्यथा उद्देश्य निष्फल रहता है। महात्मा जी का साहित्य पढ़ा नहीं है तो अब पढ़ लो।

    अशोकजी, हकीकत कि जातिवाद को बढ़ावा आप खुद दे रहे हैं। आपने विधायक को खुश करने के लिए उसी कि जाति के ही अधिकारियों को पद स्थापित किया है। सूरतगढ़ में एडीएम जाट,एसडीएम जाट,डीएसपी जाट,बीडीओ जाट,दो थानेदार जाट,एक्सइएन जाट व डाक्टर जाट। क्या दूसरी जातियों के अधिकारियों पर से विश्वास खत्म हो गया है?

संगरिया, हनुमानगढ़,भादरा,पीलीबंगा,रायसिंहनगर आदि कहीं भी निगाह डालें। सभी स्थानों पर हालत समान है। थाने भ्रष्टाार के अड्डे बने हुए हैं।

    सिद्धु ने एक महिला द्वारा अपने पति की मौत का झूठा प्रमाणपत्र देकर विधवा पेंशन उठाने का प्रकरण जो थाना सूरतगढ़ में दर्ज हुआ का बयौरा दिया है कि इसमें सीआई रिछपालसिंह ारण और उपर पुलिस अधीक्षक यादराम फासल ने दस्तावेजी सबूत होते हुए भी एफआर लगा दी। अब पुन: अनुसंधान में जुर्म साबित हो गया।

    सिद्धु ने लिखा है कि दूरभाष की काल डिटेल पर राजेन्द्रसिंह राठौड़ को आरोपी बना कर जेल भेज दिया। इसी बिनाह पर करनीसिंह रायसरिया को जाति विशेष के आईजी के दबाव से जेल में बंद कर रखा है,जबकि कॉल डिटेल कोई अपराध का प्रमाण नहीं होता,केवल संपर्क करने का ही प्रमाण होता है।

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