सोमवार, 10 जुलाई 2017

आदमी हो तो सोचो: किसकी गलती है ओर सजा कौन भुगत रहा है: पशु मुकद्दमा करते तो क्या होता

 खुली सड़कों पर ही बची है जगह- फोटो करणीदानसिंह राजपूत

खुली सड़कों पर ही बची है जगह- फोटो करणीदानसिंह राजपूत

जरा बचके : कोई गौ वंश चपेट में आ गया तो लेने के देने देने पड़ जाएंगे- आदमी भी मौत के मुंह में जा सकता  है- राजपूत

सावधानी से चलो-करणीदानसिंह राजपूत

आदमी हो तो सोचो: किसकी गलती है और सजा कौन भुगत रहा है: पशु मुकद्दमा करते तो क्या होता?

गौ वंश का सड़कों पर आराम : ना जाने कब हो जाए दुर्घटना : दुर्घटना पर हो जाती है भीड़: पहले कोई करता नहीं उपाय
नगरपालिका प्रशासन की ड्यूटी में आता है कि वे इन असहाय गौ वंश की सुरक्षा करें और किसी स्थान पर रखें
इनको आवारा पशु भी क्यों कहा जाता है? ना किसी को छेड़ा ना कोई आवारागर्दी की, उल्टे इनके चारागाह और गुवाड़ पर तो आदमी ने कब्जे कर लिए।
करणीदानसिंह राजपूत
 11~10~2014
अपडेट 10-7-2017.
शहर में असहाय छोड़ा हुआ गौ वंश रात को सड़कों को आराम दायक मानता हुआ, उस पर विचरण करता है, खड़ा रहता है और सोता है।

 गौ वशं तो आराम करता है मगर उनके इस तरह से सड़कों के बीच में आराम करने और टहलने से वाहन चालकों की नींद हराम रहती है। ना जाने कब कोई गौ वंश चपेट में आ जाए या उसकी चपेट में पैदल चलता या वाहन चलाता नआदमी आ जाए,और लेने के देने पड़ जाए।

गौ वंश के चोट लग जाए तो उन हालातों में पुलिस मामलों से बचना कठिन होता है और भीड़ जो ना करे वो थोड़ा। आदमी की जान जाना वाहन का क्षतिग्रस्त हो जाना भी संभव। ऐसा हो भी रहा है।



यहां पर सवाल यह भी पैदा होता है कि आखिर गो वंश कहां जाए? ग्रामों में चारागाह नहीं रहे। जहां थे वहां प्रभावशाली लोगों ने खुद के अतिक्रमण करवा लिये और सांझे में बड़े बड़े नेताओं के परिवारों के भी कब्जे करवा दिए। वहां पर चरने की कोई जगह नहीं रही। खेती के लिए और बढ़ते शहरों के लिए जमीनें बिकती रहीं। शहर में भी गुवाड़ नहीं रहे। 

गो वंश को खासकर बैल को नाकारा मान कर खिलाना पिलाना बंद करके शहर में ला कर छोडऩा शुरू कर दिया 
गया। इन गौ वंश को शहर में भी जगह नहीं मिलती। तो ये सड़क को खुली पाकर पसर जाते हैं। 

शिक्षित लोग, प्रशासन आदि इन गौ वंश को आवारा कहते हैं। 

सवाल यह पैदा होता है कि आवारा कैसे हुए? इन्होंने तो किसी को छेड़ा नहीं कोई आवारागर्दी की नहीं। इनको तो लोगों ने ही असहाय हाल में छोड़ दिया। इनके लिए शासन प्रशासन ने क्या किया है? 

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