गुरुवार, 4 अप्रैल 2024

तिलक करें योद्धा रविंद्रसिंह भाटी का:बाड़मेर जेसलमेर रण में विजय का.

 


 * करणीदानसिंह राजपूत *

शिव विधानसभा का रण जीतने के बाद बाड़मेर जेसलमेर लोकसभा के बड़े युद्ध के लिए छत्तीस कौमों का साथ लेकर भाजपा सम्राज्य दिल्ली सिंघासन और कांग्रेस को ललकारने वाले योद्धा रविन्द्र सिंह भाटी का तिलक करें कि वे महानता से विजयश्री प्राप्त करें। बाड़मेर जेसलमेर रणक्षेत्र के निवासी आगे बढें। इस रण क्षेत्र के निवासी हैं या नहीं है, दूर निवास करते हैं तब भी जय भवानी का उदघोष करें। राजपुताना मतलब राजपूत प्रदेश से राजस्थान बनाए जाने के बाद राज की हिस्सेदारी में लगातार पीछे धकेले जाते रहे हैं और अब हालात बदलने के लिए रविन्द्र सिंह भाटी जैसे योद्धा आगे आए हैं जो और योद्धा तैयार करेंगे।


* राजस्थान लोकसभा चुनाव लड़ने की दमदार घोषणा करने वाले रविंद्रसिंह भाटी की सिंह गर्जना का भाजपा और कांग्रेस में भय व्याप्त है। दोनों दलों के उच्च स्तरीय नेताओं में जयपुर और दिल्ली के दिलों में भय और भाल पर चिंता की लकीरें खिंच चुकी है। अबकी बार 400 के पार का नारा भाटी के सिघनाद से हिचकोले खाने लगा है। आखिर क्यों डर रहे हैं भाजपा सम्राट? शिव विधानसभा का रण कौशल ऐसा रहा है कि उसे कोई समझ नहीं पाया है और उसी युद्ध कौशल से भाटी चुनौती देते हुए बाड़मेर जेसलमेर का युद्ध जीत जाएंगे। राजस्थान की 25 सीटों में से चुनाव से पहले ही एक सीट बाड़मेर जेसलमेर भाजपा के अधिकार से निकलती हुई चर्चा में है। भाजपा की एक कोर खंडित होने का स्पष्ट खतरा।

* इस युद्ध के लिए राजस्थान और राजस्थान के बाहर अन्य प्रदेशों के राजपूतों में जबरदस्त जोश है। युद्ध जीतने से पहले का उत्साह भरा है।

हर ओर भाटी की चर्चा है। महाराणा प्रताप मेमोरियल ट्रस्ट अयोध्या, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा,श्री राजपूत सभा,क्षत्रिय युवक संघ व सभी राजपूत संगठन,राजपूत कोर कमेटी सदस्य व अखंड राजपुताना सेवा संस्थान दिल्ली परिवार और अनेक क्षत्रिय संस्थाएं उनके पदाधिकारी भाटी के साथ खड़े हैं।

रविंद्र सिंह भाटी का जन्म 3 दिसंबर 1990 को राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले  के दुधोड़ा नामक गांव में एक राजपूत परिवार में हुआ था। पिताश्री शैतान सिंह जी भाटी शिक्षक है  एवं  माताश्री  अशोक कंवर है जो गृहिणी है। धर्म पत्नी का नाम धनिष्ठा कंवर है व दो बच्चे हैं।


प्राथमिक शिक्षा अपने जिले बाड़मेर के आदर्श विद्या मंदिर हरसानी एवं मयूर नोबल्स एकेडमी से पूर्ण की। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय (जे एन यू )उदयपुर  में दाखिला लिया और यहां से स्नातक की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वर्ष 2015 में राजस्थान की प्रसिद्ध विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर  में एलएलबी के लिए प्रवेश किया। राजनिति के साथ -साथ पढाई को भी प्राथमिकता दी। राजनीतिक करियर की शुरुआत वर्ष 2019 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष के चुनाव में निर्दलीय रूप से 1294 वोटों से ऐतिहासिक जीत के साथ छात्र संघ अध्यक्ष के रूप मे की थी जो जे एन यू के 57 साल के इतिहास में पहले स्वतंत्र छात्र संघ अध्यक्ष के रूप में जीत हासिल की । भाटी छात्र हितों को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। इसके अलावा जय नारायण विश्वविद्यालय के अध्यक्ष कुणाल सिंह भाटी के साथ अच्छी मित्रता होने के से उनके साथ छात्र हितों के लिए धरना प्रदर्शन और छात्र छात्राओं के लिए आवाज उठाते काफी बार नजर आए है। कई बार छात्रों के लिए जेल भी गए तो कई बार लाठिया खाई।वर्ष 2019 में जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों के नामांकन जारी हुए, तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  के द्वारा टिकट नहीं मिला, जिसके कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा और निर्दलीय चुनाव लड़ने के बावजूद 1294 वोटों के साथ भारी मतों से जीत हासिल की।यही जीत राजनीति मे प्रवेश करने के रूप मे यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही। कोरोना महामारी के कारण छात्र संघ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होने के कारण यह 2019 से 2022 तक जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष पद पर रहे। छात्र संघ अध्यक्ष के रूप मे एक खाश भूमिका निभाई। राजस्थान के हर कॉलेज यूनिवर्सिटी में हो रहे भ्रष्टाचार, तानाशाह प्रशासन, एवं फीस में राहत की मांग को लेकर भी संघर्ष रत चर्चा मे रहे । 

भाटी का मानना है कि शिव विधानसभा क्षेत्र के लोग आज भी कई सारी मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं, जिसमें रोजगार, बेहतर शिक्षा और भी कई सारी परेशानियां शामिल है। इन सबको देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन शिव विधानसभा क्षेत्र से टिकट स्वरूप सिंह खारा को दिया गया। इस कारण पार्टी से मोह भंग हो गया और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया। 3 दिसम्बर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम आए 3950 मतों से जीत हासिल की। कम उम्र 26 साल में शिव विधानसभा के विधायक के रुप में निर्वाचित हुए ।

भाटी  राजपूत  समाज में भी अच्छी छवि के योद्धा रूप में उभरे हैं। 

👍 रविन्द्र सिंह भाटी ने शिव विधानसभा से विधायक चुने जाने के बाद विधानसभा में अपनी मायड़ भाषा राजस्थानी में शपथ ली और महानता प्राप्त की।

💐 रविन्द्र सिंह भाटी बाड़मेर जेसलमेर रणक्षेत्र में विजयी होंगे। ०0०

4 अप्रैल 2024.

करणीदानसिंह राजपूत,

पत्रकारिता 60 वर्ष उम्र 78 वर्ष.

(राजस्थान सरकार से अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356.

******* 








यह ब्लॉग खोजें