बुधवार, 10 अगस्त 2022

सीएम पद शपथ के बाद नीतीश का वार: हम रहें या नहीं रहें, वे 2024 में नहीं रहेंगे.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद और  तेजस्वी यादव ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 

नीतीश ने आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की वहीं आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 

नीतीश कुमार ने शपथग्रहण के बाद प्रेसवार्ता में पहला बयान ही गोला दागने जैसा देकर सीधा वार किया है, बस प्रधानमंत्री मोदी का नाम नहीं लिया। नीतीश ने चैलेंज किया।

नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना। उन्होंने कहा, हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे। नीतीश का यह चैलेंज राजनीतिक तूफान लाएगा। यह भी कहा जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक  राज्यों में होने वाले चुनाव भी भाजपा के लिए चुनौती भरे होंगे। भाजपा 2024 के लिए जो बयान आसानी से दे रही है वैसा आसान होगा नहीं। राज्यों के चुनाव लोकसभा पर भी असर डालेंगे। भाजपा राज्यों में जीती तब भी लोकसभा चुनाव आसान नहीं होंगे।

👍 भारतीय जनता पार्टी इस चुनौती को चुपचाप तो सहन कर नहीं सकती। भाजपा ऊपर से लेकर नीचे तक क्या जवाब देगी यह चुनाव में ही उजागर होगा। भाजपा 2024 की योजना बना चुकी है। चुनौती और मैदान दो अलग अलग स्थल होते हैं। 

पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मैं 2020 में सीएम नहीं बनना चाहता था। 2024 में प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर बिहार CM नीतीश कुमार ने कहा कि नहीं, हमारी किसी भी पद के लिए कोई दावेदारी नहीं है।


नीतीश कुमार ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद कहा कि पिछले दो महीनों से हालात ठीक नहीं थे। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा को सपोर्ट दिया लेकिन वो हमें ही हराने में लगे थे। 


हमारी यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा को लगता था विपक्ष खत्म हो जाएगा लेकिन अब हम भी विपक्ष में हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राबड़ी देवी भी अपने परिवार के साथ राजभवन में पहुंची हैं। उनके साथ तेजस्वी की पत्नी भी मौजूद रहीं। बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं। राबड़ी देवी ने कहा कि पुराना सब माफ है।

शपथ ग्रहण से पहले पटना में BJP द्वारा नीतीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन में भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, “नीतीश जी के साथी अच्छे नहीं हैं। ‘अच्छा सिला दिया हम लोगों के प्यार का’ ये तो बड़ी गलत बात है। जब भी मिले कभी आभास नहीं हुआ कि वे छोड़ कर जाएंगे। लोकसभा के चुनाव में 40 सीट भाजपा जीतेगी। 

वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने जदयू और आरजेडी की सरकार को जनादेश की घर वापसी करार दिया है। उन्होंने कहा कि ये सरकार सिर्फ शपथ ही नहीं लेगी बल्कि 2017 से लेकर 2020 तक के लिए मिले जनादेश की घर वापसी हो रही है।


इसके अलावा भाजपा के दिग्गज नेता रवि शंकर प्रसाद ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि नीतीश कुमार गैर कांग्रेसी नेता रहे हैं। उनकी राजनीति गैर-कांग्रेसवाद के इर्द-गिर्द है। क्या यह विचारधारा अब खत्म हो गई? भ्रष्टाचार और गैर-कांग्रेसवाद से समझौता हो गया है? नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार और कांग्रेसवाद का पक्ष लिया। इसके लिए बधाई, लोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इसका जवाब देंगे।


जदयू का दावा- भाजपा पार्टी में कराना चाहती थी बगावत


बिहार में आरसीपी सिंह के मुद्दे पर भाजपा और जदयू के बीच दूरियां काफी बढ़ गईं। दअरसल जदयू ने भ्रष्टाचार के मामले में आरसीपी सिंह को नोटिस भेजा था। जिसके बाद सिंह ने जदयू से इस्तीफा दे दिया। जदयू का आरोप है कि भाजपा जदयू में आरसीपी सिंह के बहाने बगावत कराना चाहती थी।

पिछले कई दिनों की बिहार में सियासी उठापटक के बाद आखिरकार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने बिहार के राज्यपाल फागूलाल चौहान से मिलकर इस्तीफा सौंपा और कहा कि उन्हें सात पार्टियों का सहयोग प्राप्त है। अपना इस्तीफा देने के साथ ही नीतीश कुमार ने राज्पाल के सामने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया। नीतीश ने कहा हमारे पास 160 विधायकों का समर्थन है।०0०

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