* करणीदानसिंह राजपूत *
राजस्थान पुलिस में भ्रष्टाचार रुकने का नाम नहीं ले रहा नतीजा यह है कि भ्रष्टाचार निरोधक विभाग आए दिन गिरफ्तारियां कर रहा है।
26 अक्टूबर 2020 को एसीबी ने जयपुर के होटल में कानपुर के कारोबारी से 10 लाख की रिश्वत लेते श्री गंगानगर के पुलिस कांस्टेबल को गिरफ्तार किया है और थाना प्रभारी फरार हो गया।
श्री गंगानगर जिला मुख्यालय के जवाहर नगर थाने के एनडीपीएस के एक मुकदमे 224/20 में फंसाने का डर पैदा कर उसमें राहत देने के लिए मांगी गई थी। रिश्वत में 16 लाख पहले ले चुके थे। जोधपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने जयपुर में होटल रेडिसन ब्लू में की कार्रवाई। रिश्वत लेने वाले सिपाही ने हवाई यात्राएं भी की। इतनी बड़ी रकम लेने का यह मामला गंभीर है और अनुसंधान में और भी फंस सकते हैं। अधिकारियों की यह कैसी मोनिटरिंग है। मामले रिश्वत के लिए विचाराधीन रखे जाएं और अधिकारियों को मालूम नहीं हों। एसपी की क्राइम मीटिंग में भी हर मामले की समीक्षा होती है और यह क्राइम मीटिंग एक महीने में एक तो होती ही है।
👌 रिश्वत का यह घटना क्रम *
जयपुर के एक होटल में 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते कांस्टेबल को एंट्री करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया कांस्टेबल श्रीगंगानगर के जवाहर नगर थाने में तैनात है। रिश्वत की यह रकम एनडीपीएस एक्ट के एक मुकदमे में यूपी के एक दवा कारोबारी के भतीजे को आरोपी नहीं बनाने के एवज में मांगी गई थी।
इससे पहले कांस्टेबल कारोबारी से 16 लाख रुपए की रिश्वत ले चुका था। रिश्वत के इस खेल में जवाहर नगर थाना प्रभारी राजेश कुमार सियाग भी शामिल था।
यह कार्रवाई एसीबी जोधपुर टीम के प्रभारी एडिशनल एसपी नरेंद्र सिंह चौधरी व पुलिस इंस्पेक्टर मनीष वैष्णव की अगुवाई में टीम ने की।
कानपुर के दवा व्यापारी को मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाकर मांगी रिश्वत
उत्तरप्रदेश में कानपुर के गोविंद नगर में रहने वाले कारोबारी हरदीप सिंह ने 26 अक्टूबर को एसीबी जोधपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उसकी और उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा की कानपुर में श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा के नाम से दुकान है।
श्रीगंगानगर जिले के सदर थाने में नशीली गोलियां के एनडीपीएस एक्ट के तहत एक मुकदमे 224/ 20 की जांच जवाहर नगर थानाप्रभारी राजेश कुमार सियाग के पास थी।
हरदीप सिंह का कहना था कि नशीली गोलियों के कारोबार में उनकी फर्म श्री गुरु तेगबहादुर फार्मा की कोई भूमिका सामने नहीं आने के बावजूद थानाप्रभारी सियाग ने उनके भतीजे पवन कुमार अरोड़ा को नोटिस दे दिया।
* 18 सितंबर 2020 को जवाहर नगर थाने के कांस्टेबल नरेशचंद मीणा व एएसआई सोहनलाल कानपुर में उनकी दुकान पर पहुंचे। वे दोनों पवन कुमार को दवाइयों के संबंध में पूछताछ के लिए होटल गगन प्लाजा में ले गए। वहां पवन कुमार अरोड़ा को मुकदमे में गिरफ्तारी का डर दिखाया। उसे श्रीगंगानगर ले जाने की बात कहते हुए सिपाही नरेश मीणा ने15 लाख रुपए वसूल कर लिए।
सिपाही नरेशचंद ने रिश्वत लेते समय कहा कि ढाई लाख मेरे ढाई लाख रुपए एएसआई सोहनलाल के और 10 लाख रुपए मुकदमे में जांच अधिकारी राजेश कुमार सियाग के हिस्से के हैं। इसके बाद वे दोनों 15 लाख रुपए लेकर गंगानगर लौट आए।
हरदीप सिंह ने बताया कि 25 सितंबर को दोबारा कांस्टेबल नरेशचंद यूपी में पवन अरोड़ा के घर पहुंच गया। उसे बताया कि थानाप्रभारी राजेश सियाग उनके दवाओं की जानकारी से संतुष्ट नहीं है। वे 25 लाख रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। यदि रुपयों का इंतजाम हो जाएगा तो वे उसे छोड़ देंगे।
* इसके बाद 15 अक्टूबर 2020 को सिपाही फिर कानपुर पहुंचा। रकम का प्रबंध नहीं हुआ। वह 1 लाख रूपये ले आया।
* 22 अक्टूबर को कांस्टेबल नरेशचंद मीणा वापस यूपी पहुंच गया। वहां व्हाट्सएप कॉल से पवन अरोड़ा से बातचीत की। उससे 25 लाख रुपयों की मांग की। तब पवन ने खुद के दिल्ली में होने की बात कही। ऐसे में कांस्टेबल ने पवन को धमकाकर उसका दिल्ली का फ्लाइट टिकट बुक करवाने का दबाव डाला।
तब पवन ने कांस्टेबल नरेशचंद के लिए ऑनलाइन टिकट बुक करवाया। नरेशचंद रिश्वत की रकम लेने फ्लाइट से दिल्ली पहुंच गया। पवन अरोड़ा ने बताया कि वह कोरोना संक्रमित है। अभी रिश्वत की रकम नहीं दे सकेगा। तब कांस्टेबल ने पवन अरोड़ा से 10 लाख रुपए में सौदा तय किया। उस समय 2 हजार रूपये लिए।
* एसीबी जोधपुर के प्रभारी एएसपी नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कांस्टेबल नरेशचंद मीणा ने पवन के चाचा हरदीप सिंह से बातचीत कर 26 अक्टूबर को रिश्वत की रकम लेकर जयपुर बुलाया।
* कल यानी 25 अक्टूबर को हरदीप सिंह जयपुर एयरपोर्ट पर पहुंचे। कांस्टेबल नरेशचंद खुद एक पिकअप लेकर रिश्वत लेकर आए हरदीप सिंह को लेने जयपुर एयरपोर्ट पहुंच गया।
*इसके बाद वे दोनों होटल रेडिसन ब्लू पहुंचे। वहां कांस्टेबल नरेशचंद को हरदीप सिंह ने 10 लाख रुपयों की रिश्वत सौंपी। तभी इशारा मिलते ही एसीबी टीम ने कांस्टेबल नरेशचंद को धरदबोचा। उसकी व्हाट्सएप चैट्स व अन्य तथ्यों के आधार पर एसीबी ने पुलिस इंस्पेक्टर राजेश सियाग को भी आरोपी माना है। लेकिन वह फरार हो गया।
** ट्रेप टीम में अधिकारी- नरेश चौधरी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जोधपुर शहर। निरीक्षक मनीष वैष्णव, हैडकांस्टेबल प्रभुराम, जेठाराम,कांस्टेबल भूरसिंह, दलेशकुमार,भागीरथराम,छैलाराम,ओमप्रकाश,दिलीप कुमार, रूपसिंह, चालक लालाराम थे।
जयपुर में कार्रवाई के बाद श्री गंगानगर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गंगानगर और हनुमान गढ टीमों की कार्रवाई हुई। थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग के आवास और सिपाही नरेश मीणा के पुलिस लाइन आवास में खोज हुई। थानाधिकारी राजेश कुमार सिहाग को मुकदमें में आरोपी होने की भनक लगी और वह फरार हो गया जिसका उल्लेख ब्यूरो ने अपनी कार्रवाई में किया है। फरार थानाधिकारी राजेश की तलाश की जा रही है।
*एनडीपीएस एक्ट में इतनी बड़ी रकम में इनके अलावा भी लिप्त हो सकते हैं। ००
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