शुक्रवार, 28 जून 2019

सूरतगढ़ सीवरेज में 2,78,64,150रू घोटाले का आरोप-2पार्षदों की शिकायत सीएम को*

-- माकपा और कांग्रेस के पार्षदों की शिकायत --


^ करणी दान सिंह राजपूत ^

नगर पालिका सूरतगढ़ के कांग्रेस पार्टी के पार्षद विनोद पाटनी व मार्क्स कम्युनिस्ट पार्टी के पार्षद लक्ष्मण शर्मा  ने मुख्यमंत्री को शिकायत की है कि नगर पालिका सूरतगढ़ ने सीवरेज कार्य निर्माण में 2 करोड़ 78 लाख 64 हजार 150 रू का भारी घोटाला किया है।


 इस घोटाले की जांच करवाने के लिए 27 जून 2019 को यह शिकायत की गई है जिसमें कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जांच कराने की मांग की गई है।

1- आरोप लगाया गया है कि सीवरेज कार्य निर्माण के दौरान 4763 सेफ्टी टैंक समतल कराई गई इस समतलीकरण के नाम पर नगर पालिका के अभियंताओं और प्रशासनिक अधिकारी द्वारा 1 करोड़ 60 लाख 98हजार 940 रू का भुगतान किया गया। मेजरमेंट बुक में कहीं भी कोई जगह दर्ज नहीं की गई और ना ही शहर में कोई सेफ्टी टैंक खाली कराए गए। 

2- सीवरेज कार्य निर्माण के तहत सूरतगढ़ शहर में 31 किलोमीटर पाइप लाइन डालने का भुगतान किया गया। यह भुगतान 96 लाख 42हजार 456 रुपए का है,जबकि शिकायतकर्ताओं का कहना है कि सीवरेज सिस्टम से पहले ही वार्डों में पीने के पानी के पाइप डाले हुए थे।

3- जी आई पाइप 15 एमएम डाया के  14 से 15 किलोमीटर का भुगतान 21 लाख 22 हजार 700 रुपए का किया गया है जबकि शहर के लोगों द्वारा खुद के खर्चे पर जी आई पाइप डलवाए गए।


  इन तीनों पर जांच कराने की मांग की गई है। 

इसकी प्रतिलिपि जिला कलेक्टर श्री गंगानगर, उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ और अधिशासी अधिकारी नगरपालिका सूरतगढ़ को भी दी गई है। शिकायत कर्ताओं में सावित्री स्वामी, किशन स्वामी, मदन ओझा के भी नाम हैं। 


( नगरपालिका के ईओ की स्वीकृति बिना कोई भी भुगतान नहीं होता। मुख्य मंत्री को शिकायत करने के बाद ईओ, उपखंड अधिकारी को प्रति देने का क्या अर्थ है? बोर्ड का कार्य काल दो तीन माह का ही बचा है तब शिकायत हुई है।पहले सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करवाने मेंं साथ रहे।)


सूरतगढ़ में सीवरेज सिस्टम निर्माण में शुरू से लेकर अब तक घोटालों के आरोप और गलत निर्माण के आरोप लगते रहे हैं। अभी भी निर्माण अधूरा सा पड़ा है। सीवरेज के सड़कों से ऊंचे मेनहोल दुर्घटना के कारण बने हुए हैं। कई जगह मेनहोल धरातल से नीचे हैं। 

समाचार पत्रों और चैनलों पर स्पेशल रिपोर्ट कई बार आ चुकी हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को की गई शिकायत पर जांच से असलियत सामने आएगी।

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