सोमवार, 18 दिसंबर 2017

क्या गुजरात की जीत का लाभ भाजपा को राजस्थान में तीन उपचुनावों में मिलेगा?


अजमेर, अलवर में लोकसभा तथा मांडलगढ़ में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं

18 दिसम्बर 2017 को गुजरात और हिमाचल के चुनाव परिणाम हो जाने के बाद अब राजस्थान में होने वाले तीन उपचुनावों की घोषणा कभी भी हो सकती हैं। राजस्थान में अजमेर व अलवर में लोकसभा तथा भीलवाड़ा के मांडलगढ़ के विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। इन तीनों ही स्थानों पर भाजपा के निर्वाचित प्रतिनिधियों के निधन की वजह से उपचुनाव हो रहे हैं।

गुजरात राजस्थान की सीमा से लगा होने के कारण यह माना जा रहा है कि वहां के परिणाम राजस्थान पर असर डालेंगे।

हालांकि राजस्थान में भी 11 माह बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार को इन  तीन उपचुनावों का सामना करना पड़ेगा। 

वर्तमान में राजस्थान विधानसभा की कुल 200 सीटों में से 162 पर भाजपा के विधायक हैं। लेकिन सरकार की स्थिति को अच्छा नहीं माना जा रहा है।

 अब भाजपा के नेता गुजरात की जीत को  यहां उपचुनावों में भुनाने की कोशिश करेंगे। वहीं कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि गुजरात के परिणामों का असर राजस्थान में नहीं पडे़गा। क्योंकि दोनों प्रदेशों की परिस्थितियां अलग अलग हैं। 

राजस्थान में सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर समाज के सभी वर्गो से नाराजगी हैं। उपचुनाव के माध्यम से मतदाता भाजपा को सबक सिखाना चाहते हैं। इस समय भी चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से प्रदेश भर के मरीज परेशान है तो राज्य भर में नए वेतन आयोग को लेकर कर्मचारियों ने भी सरकार के विरुद्ध आंदोलन चला रखा है। आंदनपाल एकाउंटर की वजह से राजपूत और रावणा राजपूत सरकार से नाराज चल रहे हैं।

 भाजपा के विधायकों के घमंडी व्यवहार की वजह से आम लोगों में नाराजगी है। हालांकि सीएम राजे ने उपचुनाव वाले दोनों जिलों में विधानसभा वार जनसंवाद कर नाराजगी को कम करने की कोशिश की है, लेकिन सीएम के यह प्रयास ज्यादा सफल नहीं हो पाते हैं। सत्ता के नशे की वजह से भाजपा के बढ़े नेताओं में आपसी खींचतान भी है। ऐसे में देखना होगा कि राजस्थान में भाजपा गुजरात का कितना फायदा उठा पाती है।

एस.पी.मित्तल) (18-12-17)


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