गुरुवार, 2 नवंबर 2017

राजस्थान के गृह सचिव और महानिदेशक एसीबी को हाईकोर्ट का नोटिस: भ्रष्टाचार की शिकायतों पर नहीं होता मुकदमा दर्ज-

- 2 सप्ताह में जवाब पेश करने का  आदेश -

- एसीबी पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप है- 

- करणीदानसिंह राजपूत -

राजस्थान सरकार को गुरुवार  26.10

2017 को एक बड़ा झटका लगा। भ्रष्टाचारियों को एसीबी द्वारा संरक्षण देने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के गृह सचिव और डीजी एसीबी को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में इस मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं।

ज्ञात रहे कि एसीबी पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के मामले में अधिवक्ता गोवर्धन सिंह की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने यह आदेश जारी किए हैं। 

गोवर्धन सिंह ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में बताया कि सूचना के अधिकार अधिनियम से मिली सूचना के अनुसार एक जनवरी 2०14 से एक मार्च 2०16 तक एसीबी में कुल 16,278 शिकायतें दर्ज हुई। इसमें से एसीबी ने सिर्फ 51 शिकायतों की ही एफआईआर दर्ज की। इसके अलावा 9,985 शिकायतों को संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के लिए भेज दिया गया। 89 शिकायतों पर प्रारंभिक जांच करने का निर्णय लिया गया।

 जबकि उच्चतम न्यायालय तय कर चुका है कि प्राथमिक जांच अधिकतम 15 दिन ही की जा सकती है। अति विशेष मामलों में 6 सप्ताह तक जांच हो सकती है। याचिका में यह तर्क दिया गया कि जब सुप्रीम कोर्ट भी ये आदेश दे चुका है कि एसीबी प्रत्येक शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करेगी, लेकिन आदेशों के बावजूद एसीबी उच्चतम न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं कर रही है। इस तर्क के आधार पर मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और जस्टिस सोमानी की खण्डपीठ ने यह सुनवाई करते हुए गृह सचिव और डीजी एसीबी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

( यह भी जानें कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पास है)

 

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