रविवार, 5 नवंबर 2017

सूरतगढ के वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धु को गोली मारने की धमकी: पूरा समाचार

सूरतगढ। वरिष्ठ वकील पूर्व विधायक हरचंदसिंह सिद्धू को प्रतिपक्ष की पैरवी करने के मामले में गोली मार दिए जाने की धमकी दी गई है जिस पर पुलिस को बार-बार सूचित करने के बावजूद कार्यवाही नहीं हुई और बाद में अदालत में इस्तगासा पेश किया गया जिस पर पुलिस ने FIR दर्ज की मगर अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। 

इसके पीछे मामला भूमि हथियाने का है जिसमें फर्जी दस्तावेज तैयार करने और इस्तेमाल करने का आरोप है।फर्जी दस्तावेज तैयारी करने के आरोप में एक मुकदमा राजियासर पुलिस थाने में दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज करवाने वाले व्यक्ति जगजीतसिंह पुत्र अजायब सिंह की पैरवी वरिष्ठ वकील हरचंद सिंह सिद्धू कर रहे हैं  और उनको इस मुकदमे की पैरवी करने पर गोली मारने की धमकियां दी गई हैं।



वरिष्ठ वकील ने मुकदमा दर्ज करवाया है उसके अनुसार फर्जी दस्तावेज के मुकदमे की तारीख 8 सितंबर 2017 के  दिन 11:00 बजे विजय कुमार ने फोन पर भद्दी भाषा में गोली मारने की धमकी दी। उसने कहा कि अजायब सिंह वगैरा के वारिसान( जगजीतसिंह) की पैरवी छोड़ दो अन्यथा गोली मार दी जाएगी।सिद्धू ने यह बात संबंधित के एडवोकेट श्याम चुग को बताई।

इसके बाद विजय का फोन हरचंद सिंह सिद्धू के कार चालक राजेंद्र के पास आया और उसे भी यही कहा गया कि  सिद्धू ने पैरवी नहीं छोड़ी तो गोली मार दी जाएगी। इसके उपरांत हरचंद सिंह सिद्धू के एक जानकार किशन लाल पुत्र लुणाराम स्वामी को विजय और कन्हैया ने धमकी दी कि हरचंदसिंह ने जगजीतसिंह की पैरवी नहीं छोड़ी तो मार डाला जाएगा।

वरिष्ठ वकील स.हरचंदसिंह सिद्धू ने इसके बाद एक दरख्वास्त पुलिस स्टेशन राजियासर s h o को  और एक दरख्वास्त सूरतगढ़ पुलिस स्टेशन को दी। उनकी प्रतियां राजस्थान के मुख्यमंत्री,गृह मंत्री,पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक,और एसपी को  रजिस्टर्ड डाक से भेजी। 

इतना कुछ होने के बावजूद पुलिस की कोई कार्यवाही नहीं हुई ।

इस पर  सिद्धू ने 18 सितंबर 2017 को सीआरपीसी की धारा 154 (2) के तहत एक दरख्वास्त एसपी को भेजी। SP ने यह राजियासर थाने को भिजवा दी लेकिन इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इसके बाद राजियासर पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दिया गया लेकिन एस एच ओ ने मुकदमा दर्ज करने से इंकार कर दिया। इसके बाद वरिष्ठ वकील ने कानूनी कार्यवाही ना करने के बाद सूरतगढ़ मुंसिफ मजिस्ट्रेट की अदालत में इस्तगासा पेश किया।

अदालत के आदेश पर राजियासर पुलिस ने FIR नंबर 216   4 अक्टूबर 2017 को दर्ज की। भारतीय दंड संहिता की धारा 466 467 468 470 471 और 120 बी के तहत यह मुकदमा दर्ज किया गया । 

इस मुकदमे में कन्हैया लाल पुत्र रेखा राम निवासी खारिया थाना क्षेत्र राजियासर,विजय कुमार पुत्र मुकनाराम जाट निवासी सूरतगढ़, ओम प्रकाश पुत्र काशीराम निवासी कनवाली रावतसर जिला हनुमानगढ़,लक्ष्मण पुत्र काशी राम कनवाली रावतसर जिला हनुमानगढ़, महेंद्र पुत्र काशीराम कनवाली,महेंद्र सिंह पुत्र अरुण सिंह 110 आर डी एल राजियासर,हनुमान पुत्र मूलाराम निवासी अर्जुनसर, रविंद्र कुमार पुत्र साहब राम गुडली, नानू राम पुत्र राजू राम जाट निवासी गुडली पर मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।


वरिष्ठ वकील स. हरचंदसिंह सिंह जिस जगजीतसिंह के मुकदमे की पैरवी कर रहे हैं उसमें क्या है?

 1 - लाधूदास  पुत्र नंददास स्वामी के नाम रोही मिठरिया के खसरा नंबर 158 /15 में तहसीलदार लूणकरणसर ने 1956- 57 में आराजी कास्त भूमी आलौट कर दी थी जो लगातार उसकी मृत्यु 2000 तक उसके कब्जा काश्त में रही जो रिकॉर्ड में इंद्राज है

2- दिनांक 2- 6-1967 को इस भूमि का बैनामा लाधूदास ने बहक रूप सिंह पुत्र गोरा सिंह  व अजायब सिंह पुत्र दरबारा सिंह निवासी हीरे वाला पंजाब के नाम करवाया यह बैनामा 26 1967 गैर खातेदारी करवाया। गैर खातेदारी जमीन का बेचान राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 38 से बाधित है यह किया नहीं जा सकता यह बैनामा अवैध और फर्जी फर्जी दस्तावेज था। 

3- राज्य सरकार ने वास्ते चकबंदी 1968 में उपनिवेशन विभाग को सौंप दिया। उपनिवेशन विभाग ने चकबंदी कर यह रकबा चक 110 आर डी एल में समाहित कर दिया था। सन 1986 में यह रकबा लूणकरणसर से सूरतगढ़ तहसील को राज्य सरकार ने अंतरिम कर दिया व सारा रिकॉर्ड राजस्व तहसील सूरतगढ को सौंप दिया। 

4- दिनांक 25-7 -1985 को  एक  इकरारनामा इसमें से 5 बीघा 4 बिस्वा का अजायब सिंह अजायब सिंह वगैरह ने महेंद्र सिंह को करवा दिया। दिनांक 25-7-1985 को अजायब सिंह वगैरा ने एक मुख्तारनामा आम 20 बीघा 15 बिस्वा का नानूराम पुत्र राजू राम जाट गुडली को करवाया। यह नानूराम साहबराम निवासी गुडली का व्यक्तिगत अंगरक्षक है। 

5- मुखत्यारनामा के आधार पर एक इकरारनामा 1 बीघा का  दिनांक 30-1-1996 को बहक  ओमप्रकाश वगैरहा पिसरान काशीराम के नाम करवा दिया व एक इकरारनामा 30-8-1996 को 10 बीघा 5 बिस्वा का वीरेंद्र कुमार पुत्र साहबराम गुडली के नाम नाम करवा दिया। एक इकरारनामा एक बीघा का हनुमान पुत्र मूलाराम व ओम प्रकाश पुत्र आईदान ब्राह्मण के नाम करवा दिया गया। 

इकरारनामे में स्टांप अनूपगढ़ के ज्ञान चंद मिठीया से खरीद करना बताया गया। स्टांप  बेचान के इंद्राज पर  नानूराम के दस्तखत व उसके नीचे 6 इंच जगह छोड़कर खाली स्टांप पुस्त  पर नानूराम के दस्तखत तथा उसके साईं ओर कन्हैया लाल के दस्तखत किए हैं। जो खाली स्टांप पेपर है इसलिए यह दस्तावेज फर्जी है। 

इतना ही नहीं इकरारनामे में दिनांक 15 -1- 1991 को हनुमान वगैरा ने दर्ज करवाया है। 

अजायब सिंह रुप सिंह ने ₹10000 अग्रिम सौदा लेकर रसीद तैयार कर दे दी अगर ऐसी रसीद उनके कब्जे में है तो वह फर्जी दस्तावेज है।

6-  तमाम फर्जी दस्तावेज इस भू माफिया गिरोह ने जमीन हड़पने की नीयत से तैयार कर,इनका उपयोग यह जानते हुए कि यह फर्जी दस्तावेज है इनका इस्तेमाल बतौर सही के कर रहे हैं।

7-  यह की दिनांक 8-9-2017 को सिविल न्यायालय में इसी प्रकरण की तारीख थी और करीब 11:00 बजे विजय कुमार ने फोन करके स.हरचंदसिंह को धमकी दी।


सिद्धु जगजीतसिंह  की ओर से पैरवी कर रहे हैं। उसके राजियासर थाने में दर्ज मुकदमा नंबर 78/ 2016  में अजी जगजीत सिंह पुत्र अजायब सिंह ने आरोप लगाया है कि उसके पिता स्वर्गीय अजायब सिंह पुत्र दरबारा सिंह और रूप सिंह पुत्र गोरा सिंह चचेरे भाई थे और हीरे वाला तहसील मानसा जिला मानसा पंजाब निवासी थे। पिता भारतीय सेना की आर्मी कोर ऑर्डिनेंस कॉर्पस के रैंक सिपाही में थे। उनकी मृत्यु 19 सितंबर 2003 को बठिंडा में हुई। उसने मुकदमे में लिखा है कि पिता अजायब सिंह व उनके चचेरे भाई रुप सिंह कभी राजस्थान में नहीं आए और जमीन खरीदने का सवाल ही नहीं उठता। फरियादी के दादा दरबारा सिंह व रूप सिंह के पिता गोरासिंह जरूर महेंद्र सिंह पुत्र अरुण सिंह के पास आया करते थे। दोनों पढ़ें लिखे व्यक्ति हस्ताक्षर करते थे। अजायब सिंह व रुप सिंह के नाम जो भूमि दर्ज करवाई गई वह फर्जी रूप में करवाई गई। उनका कभी यहां राजस्थान में आना ही नहीं हुआ। 

जगजीत सिंह ने यह मुकदमा कन्हैयालाल पुत्र रेखा राम चक खारिया थाना राजियासर, विजय कुमार पुत्र मुकनाराम जाट सूरतगढ,महेंद्र सिंह पुत्र अरुण सिंह जट्ट सिख 110 आर डी एल थाना राजियासर, नानूराम पुत्र राजू राम जाट गुडली, ओम प्रकाश पुत्र काशीराम जाट 110 आर डी एल थाना राजियासर, लक्ष्मण पुत्र काशीराम जाट 110 आरडीएल थाना राजियासर, महेंद्र कुमार पुत्र काशी राम जाट 110 आर डी एल राजियासर, वीरेंद्र कुमार पुत्र साहब राम जाट गुडली, दयालु राम पुत्र जयमल राम जाट गुडली,नज्जू सिंधी निवासी 32GB श्रीबिजयनगर के विरुद्ध करवाया। 

वरिष्ठ वकील स.हरचंदसिंह इस जगजीत सिंह की पैरवी कर रहे हैं इसलिए उनको जान से मारने की धमकी दी गई।

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