शुक्रवार, 1 मई 2015

आपातकाल बंदियों का लोकतंत्र रक्षा सेनानी संगठन:


अखिल भारतीय संयोजक पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा:
पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा ने आपातकाल बंदियों का अखिल भारतीय लोकतंत्र रक्षा सेनानी संगठन बनाया

राजस्थान प्रदेश संयोजक प्रभात रांका:


राजस्थान प्रदेश संयोजक प्रभात रांका ने वसुंधरा राजे से शांतिभंग में बंदी रहे लोगों को पेंशन दिए जाने की मांग की
खास खबर- करणीदानसिंह राजपूत
इकतालीस साल पहले आपातकाल सन 1975 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन काल में आपातकाल लगा कर हजारों लोगों को जेलों में ठूंस दिया गया था। उस समय के शासन के विरोध में अनेक लोग प्रदर्शन सभाओं में आंदोलन को उतरे और वे भी जेलों में डाल दिए गये थे।
कुछ प्रदेशों में मीसा व राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में बंदी बनाए गए लोगों को पेंशन देनी शुरू कर दी। जिसमें राजस्थान भी शामिल है।
इसके अलावा हजारों लोग शांतिभंग कानून में गिरफ्तार किए गए थे। ऐसे लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को पेंशन दिए जाने पर विचार भी चल रहा है मगर उसकी गति धीमी है। शांति भंग में गिरफ्तार किए लोगों की उम्र भी आज के समय में साठ से ऊपर तक पहुंच गई है तथा कई लोग तो अनेक परेशानियों में बीमारियों में वृद्धावस्था जीवन जी रहे हैं।
शांतिभंग कानून में बंदी बनाए गए लोगों को पेंशन सुविधा मिले की सोच के साथ कुछ सालों से कार्य तो किया जा रहा है मगर उसकी गति धीमी रही है।
आपातकाल में बंदी रहे पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा ने इसके लिए अखिल भारतीय स्तर पर कई महीनों से कार्य शुरू कर संपर्क किया है और संगठन खड़ा किया है।
अखिल भारतीय स्तर पर इस नए संगठन का नाम अखिल भारतीय आपातकाल लोकतंत्र रक्षा सेनानी संगठन रखा गया है।
राजस्थान में इसके संयोजक प्रभात कुमार रांका भीलवाड़ा को बनाया गया है। रांका भीलवाड़ा व जयपुर में शांतिभंग कानून में बंदी रहे थे।
रांका ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को एक पत्र लिख कर शांति भंग में बंदी रहे लोगों को भी पेंशन दिए जाने की मांग की है।
पत्र में लिखा गया है कि शांति भंग व अन्य किसी धारा में बंदी बनाए गए लोगों के परिवारों पर जो संकट आया व व्यवसाय आदि चौपट हुए थे वे लोग आजतक पनप नहीं सके।
उन लोगों ने देश सेवा के लिए ही कदम उठाए और आपातकाल का विरोध किया था। 

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