सोमवार, 30 अप्रैल 2018

सांसद निहालचंद ने लोहागढ़ हेड व रिलाईनिंग कार्यो का किया अवलोकन

श्रीगंगानगर, 30 अप्रेल। सांसद एवं पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री श्री निहालचंद ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के लोहागढ हेड (496 आरडी) पर चल रहे रिलाईनिंग व निर्माण कार्यां का अवलोकन किया। लोहागढ़ हेड पर 50 मीटर लम्बाई 20 मीटर चौडाई तथा 25 फिट गहराई का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिस पर 4 करोड़ रूपये की लागत आयेगी। इस कार्य में 30 हजार सीमेंट के थैले तथा 110 मैट्रिक टन सरिया लगेगा। श्री निहालंचद ने आरडी 496 से 520 तक चल रहे रिलाईनिंग के कार्यों का अवलोकन किया। इस रिलाईनिंग कार्य पर 72 करोड रूपये की राशि व्यय की जायेगी। इसी प्रकार आरडी 582 पर क्रोस रेगुलेटर निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। क्रोस रेगुलेटर निर्माण पर 30 करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी। मसीतावाली हेड से नीचे की नहर की रिलाईनिंग कार्य को देखा। इस रिलाईनिंग कार्य पर 20 करोड़ रूपये की राशि व्यय होगी। 

निहालचंद ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा इंदिरा गांधी नहर परियोजना के सुदृढ़ीकरण व नवीनीकरण के लिये 3092 करोड़ रूपये की राशि खर्च करने का प्रावधान किया है, जिससे किसानों का भला होगा तथा सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी होगी।





शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

जेल की दीवार फांदकर शाबिर और इरफान 2 कैदी फरार

जेल की दीवार फांदकर शाबिर और इरफान 2 कैदी फरार

जयपुर 27-4-2018.

राजस्थान के दौसा जिले की बांदीकुई की कौलाना जेल से दो कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए। घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और फरार कैदियों को पकडऩे के लिए जेल कर्मचारी भी उनके पीछे भागे लेकिन दोनों कैदी पकड़ में नहीं आए।

दौसा के जेलर राधेश्याम ने बताया कि आज सवेरे लगभग साढ़े छह और सात बजे के बीच जेल में नाश्ते की तैयारी चल रही थी तभी दो कैदी साबिर खां (24) तथा इरशाद (26) जेलकर्मियों की नजर बचाकर दीवार के समीप पहुंच गए और दीवार फांदकर फरार हो गए।

उन्होंने बताया कि इनमें साबिर 24 जनवरी 2018 से तथा इरशाद 26 दिसम्बर 2017 से डकैती के आरोप में विचाराधीन कैदी के रुप में जेल में बंद थे। जेल प्रशासन ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

पहले भी हो चुके हैं फरार 

बताया जा रहा है कि जो कैदी फरार हुए हैं वो पहले भी अन्य जेलों से भी फरार हो चुके हैं। फिलहाल जैसे ही खबर लगी कि दो कैदी फरार हो गए हैं, जेल महकमें में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने के बाद मौके पर एसडीएम, सीओ बांदीकुई, सहित आला अधिकारी पहुंचे। मामले में किस स्तर पर लापरवाही हुई है इसकी जांच पड़ताल चल रही है। वहीं फरार कैदियों की खोजबीन में जगह-जगह दबिश दी जा रही है।

बुधवार, 25 अप्रैल 2018

सूरतगढ़ विधान सभा चुनाव 2013 का संपूर्ण परिणाम

राजनीतिकार और 2018 में चुनाव लड़ने के इच्छुक खुली और छिपी तैयारी कर रहे नेता जाने किसको कितने वोट मिले।


खबर- करणीदानसिंह राजपूत
 सूरतगढ़ विधानसभा के 2013 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के राजेन्द्रसिंह भादू विजयी रहे। बसपा के डूंगर राम गेधर दूसरे और कांग्रेस के गंगाजल मील तीसरे नम्बर रहे। कुल 17 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा जिनके प्राप्त मतों का विवरण इस चित्र मे दिया गया है।



सूरतगढ़, 8 दिसम्बर 2013.
**********************






भाजपा राजेन्द्र भादू सूरतगढ़ के विधायक:खूब जीते


कांग्रेस गंगाजल मील दुबारा नहीं
खा सके मिठाई- 


तीसरे नम्बर पहुंचे

खास रपट- करणीदानसिंह राजपूत
सूरतगढ़, 8 दिसंबर 2013.
भारतीय जनता पार्टी राजेन्द्रसिंह भादू विधायक चुन लिए गए है और उनकी यह जीत खूब हुई है। कांग्रेस के विधायक गंगाजल मील इस चुनाव में बुरी तरह से पिटे हैं कि नगरपालिका सूरतगढ़ के पापुलर अध्यक्ष बनवारीलाल और अन्य पापुलर लोगों का सहारा और साथ भी दुबारा मिठाई नहीं खा सके। यह कैसे हुआ? अब आगे का सारा समय सोचने का ही है।

 
सूरतगढ़ विधानसभा का रिकार्ड रहा है कि लगातार दो बार केवल मनफूलसिंह भादू ही 1962 व 1967 में जीते थे। उसके बाद लगातार कोई दुबारा नहीं जीता। दुबारा चुनाव लड़ा तो पराजय मिली। हां सुनील बिश्रोई दूसरी बार हारने के बाद तीसरी बार खड़े होने पर जीते मगर चौथी बार हार गए थे। उनकी पत्नी 1998 में जीती लेकिन 2003 में दुबारा चुनाव लड़ा तब भाजपा के अशोक नागपाल से बुरी तरह से हारी।गंगाजल मील दुबारा खड़े हुए और हाथ पसार पसार वोट मांगे लेकिन लोगों ने वोट नहीं दिए।
गंगाजल मील मुझे मत दो मुझे मत दो का राग अलापते रहे। प्रार्थना करते रहे। मुझे वोट दो।

लेकिन जनता ने उसका अर्थ अपने हिसाब से लगाया और दुहराया-मत दो..मत दो। यानि कि वोट मत दो।
नतीजा सबके सामने हैं। सताईस हजार की हार कम नहीं होती और उससे भी ज्यादा पीड़ा तीसरे नम्बर पर लगा दिए जाने की जिंदगी भर सालती रहेगी। अब यह इतिहास में लिखा जा चुका है और इसे कोई बदल भी नहीं सकता।
राजेन्द्र भादू को भाजपा के जबरदस्त बहुमत का लाभ मिलेगा और काम करने का अच्छा अवसर जो कई साल की पराजय के बाद मिला है।
उम्मीद की जानी चाहिए कि जनता की आशाओं पर वे खरे साबित होंगे।
राजेन्द्र भादू को काम करते वक्त यह भी ध्यान में रखना होगा कि जनता ने भाजपा की टिकट होते हुए भी रामप्रताप कासनिया को 2008 में और कांग्रेस की टिकट होते हुए भी गंगाजल मील को 2013 में तीसरे नम्बर पर पहुंचा दिया।


राजनीति में यही सच्च है कि जनता चाहती है तब सिर पर बैठाती है और मारती है तब बुरी तरह से मारती है।



-----------------
8-12-2013
अपडेट 29-1-2018.
अपडेट  25-4-2018.
***************************


मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

तहसीलदार व चालक को रिश्वत लेने में एसीबी ने गिरफ्तार किया:

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार 24-4-2018  सोजत के तहसीलदार और उनके ड्राइवर को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। 10 हजार रुपए की रिश्वत की यह रकम जमीन का नामांतरण खोलने की एवज में ली गई थी। एसीबी ने रिश्वत की रकम बरामद कर ली है। एसीबी अजमेर जोन के पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद्र विश्नोई के निर्देशन में यह कार्रवाई भीलवाड़ा एसीबी की टीम ने की।


एसपी कैलाशचंद्र ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सत्यनारायण वर्मा, सोजत तहसीलदार है। जबकि सह आरोपी तहसीलदार का ड्राइवर दुर्गाराम है। उनके खिलाफ स्थानीय व्यक्ति राजमल मेवाड़ा ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने नामांतरण खोलने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन किया था। जिसकी एवज में तहसीलदार सत्यनारायण वर्मा अपने ड्राइवर के मार्फत 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे है। इस पर भीलवाड़ा एसीबी की टीम ने ट्रेप रचा।


सत्यापन के दौरान ली 5 हजार रुपए की रिश्वत


- जिसमें एसीबी सत्यापन के दौरान आरोपियों ने 5000 रुपए की रिश्वत ली। शेष रकम 10 हजार रुपए लेकर परिवादी राजमल को मंगलवार को बुलाया।

 तहसीलदार सत्यनारायण के ड्राइवर दुर्गाराम ने ज्योंही रिश्वत की रकम ली। तभी आसपास मौजूद एसीबी टीम ने दुर्गाराम को धरदबोचा।

इसके बाद रिश्वत में लिप्त आरोपी सत्यनारायण वर्मा को भी एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।

( आपसे मांग रहा है कोई रिश्वत तो संपर्क करें नजदीकी एसीबी से)

सोमवार, 23 अप्रैल 2018

सूरतगढ में मुख्यमंत्री के हाथ में दी गई शिकायतों का भी निस्तारण नहीं-राज का डर नहीं रहा


* करणीदानसिंह राजपूत की स्पेशल रिपोर्ट *

सूरतगढ 23 अप्रेल 2018.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथ में सूरतगढ में  सौंपी गई शिकायतों परिवेदनाओं को निस्तारण नहीं किया जा रहा जबकि 1 महीना होने को आया है। विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों का सर्विस रूल के तहत कड़ी कार्यवाही का भय निकल चुका है और वे लापरवाह हो चुके हैं। मुख्यमंत्री को प्रस्तुत शिकायतों पर कार्यवाही नहीं हो तो राजकाज और व्यवस्था का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। यह लापरवाही सरकारी रिपोर्ट में उजागर हुई है। मुख्यमंत्री  को 27 मार्च 2018 को सूरतगढ़ दौरे के दौरान आमजन द्वारा प्रस्तुत परिवेदनाओं, शिकायतों के विधिनुसार निस्तारण हेतु संबंधित विभागों को भिजवाया गया था। परन्तु संबंधित विभागों द्वारा परिवादों का अभी तक निस्तारण किया जाकर रिपोर्ट उपखण्ड अधिकारी सूरतगढ़ को प्रस्तुत नही की गई है। 

एसडीएम सूरतगढ की कलक्टर को प्रस्तुत रिपोर्ट में खुलासा हुआ है।

उपखंड अधिकारी ने परिवादों को निम्न अधिकारियों को निस्तारण के लिए भिजवाया मगर निस्तारण नहीं हुआ। 

1.सचिव कृषि उपज मंडी समिति सूरतगढ

2.एसडीओ, बीएसएनएल सूरतगढ़, 3.प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय सूरतगढ,

4. मैनेजर केन्द्रीय सहकारी बैंक सूरतगढ,

5. ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी सूरतगढ

6.ईओ नगरपालिका सूरतगढ

7. रसद निरीक्षक सूरतगढ़, 

8.अधिशाषी अभियंता जोधपुर डिस्काम सूरतगढ, 

9.अधिशाषी अभियंता पीएचईडी सूरतगढ,

10. पुलिस उपअधीक्षक सूरतगढ़, 11.डाकपाल डाकघर सूरतगढ़,

12.अधिशाषी अभियंता पीडब्ल्यूडी सूरतगढ़, 

13.रेलवे सूरतगढ़,

14. तहसीलदार सूरतगढ़, 

15.परिवहन उपनिरीक्षक सूरतगढ़, 16.अधिशाषी अभियंता, जल संसाधन सूरतगढ़, 

17.क्षेत्रीय वन अधिकारी सूरतगढ़, 18.सीडीपीओ सूरतगढ

19.श्रम निरीक्षक गंगानगर,

20. विकास अधिकारी पंचायत समिति सूरतगढ, 

21.बीसीएमओ सूरतगढ

22.राजस्थान रोडवेज श्रीगंगानगर, 23.प्रधानाचार्य, सेठ रामदयाल राठी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरतगढ।

उपखंड अधिकारी की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि इनको बार-बार पत्र जारी करने एवं दूरभाष पर निर्देशित किये जाने के उपरांत भी परिवादों के निस्तारण की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत नही की गई है। 

अब अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि इनके कार्यालय, जिला कार्यालय में लम्बित परिवादों का 24 अप्रेल 2018 को दोपहर 2 बजे तक निस्तारित कर एसडीएम सूरतगढ़ को आवश्यक रूप से सूचित करेगें। 

विदित रहे कि जिला कलेक्टर ने जिला स्तरीय हर सप्ताह होने वाली दो बैठकों में परिवेदनाओं को निस्तारण करने के निर्देश दिए मगर निस्तारण नहीं होने पर उपखंड अधिकारी सूरतगढ़ से 2 दिन में जवाब मांगा तब जिला कलक्टर को उपखंड अथिकारी की ओर से यह जवाब दिया गया।

**************************





शनिवार, 21 अप्रैल 2018

रिश्वत लेते अपर लोक अभियोजक को ACB टीम ने पकड़ा


एसीबी टीम के  साथ धक्का-मुक्की और मारपीट का भी मुकदमा


चूरू। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की चूरू टीम ने शुक्रवार को सुजानगढ़ एडीजे कोर्ट के अपर अभियोजक कुंभाराम आर्य को उसके घर से 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इस दौरान आरोपी ने एसीबी टीम के साथ मारपीट भी की।

एसीबी प्रभारी रमेश चंद्र माचरा के अनुसार गांव चाडवास के परिवादी सुरेश कुमार सोनी ने ब्यूरो में शिकायत दर्ज करवाई थी कि कुछ माह पूर्व उसकी बहन को एक गांव का ही अमन नाम का युवक परेशान करता था। इससे तंग आकर  बहन ने सुसाइड कर लिया था।

इस मामले में अमन की शुक्रवार 20-4-2018 को कोर्ट में पेशी थी। लोक अभियोजक कुंभाराम आर्य ने परिवादी से संपर्क कर अमन की जमानत खारिज करने की एवज में 5000 की रिश्वत मांगी। शिकायत मिलके के बाद मामले का सत्यापन गुरूवार को कर ट्रेप का आयोजन किया गया।

शुक्रवार को एपीपी कुंभाराम ने परिवादी को रिश्वत ₹5000 घर पर ही देने की बात कही। टीम ने रसायन पावडर लगा नोट देकर परिवादी को कुंभाराम के घऱ भेजा। 

 परिवादी ने जैसे हीआरोपी को पैसे दिए एसीबी टीम ने उसे दबोच लिया। इस दौरान एसीबी टीम के साथ आरोपी कुंभाराम वहां से धक्का-मुक्की कर भागने का प्रयास करने लगा और उसके परिजनों ने मारपीट शुरू कर दी। लेकिन जाप्ते के साथ पहुंची टीम ने उसे दबोच लिया। 

एसीबी प्रभारी रमेश माचरा ने बताया कि इस बाबत सुजानगढ़ थाने में राजकार्य में बाधा डालने और टीम के साथ मारपीट करने के आरोप में अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया है। साथ ही आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।


क्या बददुआ सच्च में लग जाती है? वैज्ञानिक युग में क्या सोचते हैं?

* करणीदानसिंह राजपूत *

अनेक बार कई लोग खुद के बारे में,अपने ही लोगों के लिए या दूसरों के बारे में नकारात्मक सोच रखते हुए या अचानक गुस्सा आने पर,किसी प्रकार से दुखी होने पर बददुआ कह डालते हैं। 

लोग अपने ही घर परिवार के लोगों या दोस्तों के बारे में गलत सोचते या बोलते वक्त सोचते नहीं। लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम रहता है कि  किसी समय में निकले बोल या सोच विनाशकारी हो सकती है। इसका बुरा असर खुद पर भी हो जाए।

प्राचीनकाल में ऋषि मुनि किसी व्यक्ति या देवताओं को शाप या आशीर्वाद दे देते थे जो तत्काल ही फलीभूत हो जाता था। 

 वे शाप देते मगर क्षमा मांगने पर या अन्य कारण से मुक्ति का समाधान भी बता देते थे। 

ऐसा माना जाता है कि आज भी आशीर्वाद और शाप फलीभूत होते हैं।

 सामान्य मनुष्य के शाप या आशीर्वाद असामान्य असाधारण रुप में  फलीभूत हो जाए तो आश्चर्य नहीं।

हालांकि एक समय विशेष में दिए गए शाप निश्चित ही फलीभूत हो जाते हैं इसलिए कहा जाता है कि निर्बल की हाय मत लो। सब कुछ होते हुए भी व्यक्ति निर्बल हो सकता है,पीड़ित लाचार हो सकता है।


आप मानें कि परिवार के ही व्यक्ति के मुंह से या मन के भीतर से  किसी तरह से दुखी पीड़ित होने पर अपमानित होने पर परिवार के ही किसी भाई बंधु बहन या अन्य सदस्य के प्रति निकली बददुआ,हाय,दुराशीस का फल अनेक बार बहुत जल्दी प्रगट हो जाता है कि पुरानी घटना से नई घटना अपने आप जुड़ जाती है। ऐसी घटनाओं पर सत्ताधारी नेता,अपार संपत्ति के मालिक और उच्च पदाधिकारी सरकारी गैरसरकारी अधिकारी नजदीकी संगी साथी भी कुछ नहीं कर पाते। ऐसी हालत या घटना पर कहा जाता है। भगवान को यही मंजूर था। विधि के विधान को कोई टाल नहीं सकता। भगवान के आगे किसी की नहीं चलती। बस! इन शब्दों से दिलासा सांत्वना दी जाती है। सभी जाधते हैं कि यह सब कुछ दिन चलता है और प्रभावित को तो जीवन भर भोगना पड़ता है।पने या दूसरों के बच्चों को गालियां न दें, ना ही कोसें। 

 माता-पिता भी अनेक बार बच्चों को कहना न मानने पर, न पढ़ने पर कह देते हैं कि तू न ही होता तो अच्छा था, या घर से चला जा, मर जा।

घर परिवार में वाद विवाद पर मर जाने तक का कह देना।

नाश हो जाने या विनाश हो जाने की कल्पना करना, इसके बारे में सोचना या अपने ही घर परिवार के विनाश का शाप देना बहुत ही विनाशकारी साबित होता है। आप जो कहते हैं वही आपकी ओर लौट कर आता है।

बहुत ज्यादा गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति के बारे में कुछ लोग यह भी बोलते रहते हैं कि अच्छे है कि भगवन इसे जल्दी उपर उठा ले। 

ऐसे लोगों को 'काली जुबान' का कहा जाता है जो अक्सर दूसरों के बारे में बुरा-बुरा ही बोलते रहते हैं। ऐसे लोगों से यदि आपका विवाद हो जाए तो वे तुरंत ही आपको शाप देने लगेंगे। 

वे अक्सर कहते हैं कि फलां  फलां  व्यक्ति का कभी भला नहीं होगा, वो तो तड़फ-तड़फ कर मरेगा, वो तो कुत्ते की मौत मरेगा। अरे वो तो जिंदगी में कुछ नहीं कर सकता। ऐसे लोगों की सोच नकारात्मक होती है। लोग खुद शापित होते हैं और दूसरों को भी शाप देते रहते हैं।

 तूझे तेरे किए का दंड अवश्य मिलेगा।भयानक दंड मिलने की चेतावनी दे दी जाती है।

यदि आपने किसी गरीब, भिखारी, अबला या बच्चे का दिल दुखाया है तो उसके दिल से आपके लिए जो बद्दुआ निकलेगी उससे आपको कोई नहीं बचा सकता।

जितना असर उसकी दुआ में होता है उतना ही असर उसकी बद्दुआ में होता है। 

ऐसा भी माना जाता है कि कई बार बददुआ उलट कर लौटती है और बददुआ देने वाले पर ही लग जाती है। दूसरों को गड्ढे में गिराने के लिए अपने ही घर के आगे खोदे गड्ढे में दूसरा गिरे या न गिरे खुद गिर जाते हैं।

कभी सोच कर देखा जाए किसी को पति मरने की बददुआ उलटी लौटे तब क्या होता है? किसी को भी बददुआ देने से पहले सोचा जाए और यह भी किसी को पीड़ित न किया जाए।

वैसे तो विज्ञान का युग है। शब्द की शक्ति को इस तरह से माना जाए या न माना जाए।

सोमवार, 16 अप्रैल 2018

विमल पटावरी ने सचिन पायलट के समक्ष कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की

सूरतगढ़ 16 अप्रैल 2018.

 वाणिज्य कर विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त आयुक्त विमल कुमार पटावरी ने आज जयपुर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व  राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे के समक्ष कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

  इस अवसर पर अजमेर के सांसद रघु शर्मा अलवर के सांसद डॉक्टर करण सिंह यादव नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी उपाध्यक्ष व मीडिया चेयरपर्सन डॉक्टर अर्चना शर्मा जयपुर शहर जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास आदि उपस्थित थे।






गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

FIR- लड़की को करीबी महिला ले गई थी विधायक सेंगर के पास, फिर हुआ रेप


बलात्कार पीड़िता की मां ने तहरीर में कहा है कि उनकी बेटी की पैदाइश 2002 की है। चार जून 2017 को मुहल्ले की शशि नामक महिला उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर विधायक के ठिकाने पर ले गई। जहां विधायक ने बलात्कार किया। विरोध करने पर उन्होंने बेटी को पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। बलात्कार के वक्त आरोपी महिला आंगन में थी।


जनसत्ता ऑनलाइनApril 12, 2018 


उन्नाव के कथित गैंगरेप की घटना में नौ महीने बाद पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ केस दर्ज किया। बलात्कार पीड़िता के पिता की पिटाई से मौत की घटना के बाद मामले ने तूल पकड़ा। सत्ताधारी दल के विधायक से जुड़ा मामला होने के कारण राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने से शासन भी दबाव में आया। जिसके बाद एक्शन होना शुरू हुआ। पीड़िता की मां ने पुलिस को जो तहरीर सौंपी है, उसके मुताबिक बेटी की उम्र महज 16 साल है।एसआईटी के साथ इस मामले की जांच सीबीआई को सौपी गई है।


एफआईआर की क्या है कहानीः


बलात्कार पीड़िता की मां ने तहरीर में कहा है कि उनकी बेटी की पैदाइश 2002 की है। चार जून 2017 को मुहल्ले की शशि नामक महिला उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर विधायक के ठिकाने पर ले गई। जहां विधायक ने बलात्कार किया। विरोध करने पर उन्होंने बेटी को पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी। बलात्कार के वक्त आरोपी महिला आंगन में थी। पीड़िता की मां ने कहा कि उसी वक्त वह थाने में केस दर्ज कराने गई मगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इस तहरीर पर उन्नाव जिले की माखी थाने की पुलिस ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और बलात्कार में कथित तौर पर सहयोग करने वाली महिला शशि के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 363 और 506 के तहत केस दर्ज किया है। प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी के मुताबिक मुकदमा दर्ज करने के बाद विवेचना सीबीआई के हवाले कर दी गई है।

उन्नाव घटना में अब तक हुई कार्रवाईःउन्नाव की घटना में बलात्कार पीड़िता के पिता की मौत के मामले में डीआईजी कारागार और उन्नाव के जिलाधिकारी के स्तर से दो अलग-अलग जांच कराई गई। रिपोर्ट में बलात्कार पीड़िता के पिता के इलाज में लापरवाही उजागर होने पर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. डीके द्वेदी, इमरजेंसी मेडिकल अफसर डॉ. प्रशांत उपाध्याय को जहां निलंबित कर दिया गया, वहीं डॉ. मनोज कुमार, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई। वहीं सीओ, दारोगा सहित आधे दर्जन पुलिसकर्मी भी इस घटना में अब तक सस्पेंड हो चुके हैं।

यह ब्लॉग खोजें