गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

हिमाचल मे सरकार की हार के बाद त़ो जे.पी.नड्डा अध्यक्ष पद त्यागें.हार पर हार.

 

* करणीदानसिंह राजपूत *


हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार की विधानसभा चुनाव 2022 में बड़ी हार होने पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नैतिक जिम्मेवारी मानते हुए अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। हिमाचल जेपी नड्डा का घर है।यह हार घर में हुई है और इस जिम्मेवारी से जेपी नड्डा मुकर नहीं सकते।

 भारतीय जनता पार्टी अन्य पार्टियों से नैतिकता के नाम पर अनेक बार त्यागपत्र देने की मांग कर चुकी है। जब दूसरे दलों से त्यागपत्र देने की मांग करते रहे हैं तो अपनी इस बहुत बड़ी हार की जिम्मेदार लेते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने पद से त्यागपत्र तुरंत देना चाहिए था लेकिन भारतीय जनता पार्टी की कार्यप्रणाली से यह दृष्टिगोचर होता है कि अपने लिए अलग दूसरे के लिए अलग नियम हैं। 

भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के राहुल गांधी को विभिन्न नामों से पुकारते हुए उसको बालक साबित करने की कोशिश करती रही है।भारतीय जनता पार्टी इसी तरह से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को भी अनेक नामों से पुकारते हुए कोसते हुए बुरा बताते हुए प्रचारित करती रही है। लेकिन कांग्रेस खत्म नहीं हुई और ना ही आम आदमी पार्टी खत्म हुई। आम आदमी पार्टी ने तो भारतीय जनता पार्टी की नाक में दम कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी देश में खुद को ही सिरमौर समझती है। सत्ता के अहंकार में अपने कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं तक से नेता विधायक सांसद पार्टी पदाधिकारी सीधे मुंह बात नहीं करते। आपातकाल लोकतंत्र सेनानियों का तिरस्कार करते रहे हैं।


 सबसे बड़ी पार्टी संस्कारवान पार्टी में अनेक खामियां हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को कांग्रेस से मुक्त करने का आह्वान किया था लेकिन कांग्रेसियों को अपनी ही पार्टी में शामिल करके भाजपा को कांग्रेस युक्त करते रहे हैं। आश्चर्य यह है कि जब तक कोई व्यक्ति कांग्रेस में रहे तब तक वह भ्रष्ट बेईमान है और भारतीय जनता पार्टी में आने के बाद में वह शुद्ध और पवित्र हो जाता है। भारतीय जनता पार्टी की इस प्रकार की दोहरी नीति है।

इस दोहरी नीति के और राहुल गांधी अरविंद केजरीवाल को हर समय अमर्यादित भाषाओं में कोसने मैं आगे रही है। संघ और भाजपा के समर्थक राहुल गांधी व अरविंद केजरीवाल को कोसने में कभी पीछे नहीं रहे। भाजपा वाले दोनों की राजनीति को खत्म करना चाहते थे लेकिन उल्टा होता चला गया। 


भाजपा ने अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी को बहुत कोसा लेकिन उसने दिल्ली जीती और उसके बाद में पंजाब और जीत लिया। यह जीत आगे भी जारी रही और आम आदमी पार्टी ने जेपी नड्डा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में एमसीडी चुनाव भी फतह कर लिया। एमसीडी में भारतीय जनता पार्टी का 15 साल से राज चल रहा था।वहां पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की। दिल्ली के अंदर विधानसभा में जीतना और एमसीडी में जितना आम आदमी पार्टी के लिए बहुत बड़ी जीत है और भारतीय जनता पार्टी के लिए बहुत बड़ी शर्मनाक हार है।

हिमाचल के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सरकार हार गई।वहां पर कांग्रेस पार्टी जीत गई।भारतीय जनता पार्टी की सरकार के हारने का जिम्मेदार किसको ठहराया जाएगा? जब बार-बार हार होती रहे तब नैतिकता कहती है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को तुरंत अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए। लेकिन भारतीय जनता पार्टी जो अपने आप को संस्कारवान पार्टी कहती रही है वह नैतिक जिम्मेवारी से भाग रही है।  भारतीय जनता पार्टी ने हिमाचल में चुनाव जीतने के लिए कोई कमी नहीं रखी लेकिन सवाल तो है जनता का दिल जीतने का। सरकार होते हुए भी वहां पर भारतीय जनता पार्टी की  हार हो गई। वहां के मुख्यमंत्री क्या करते रहे? वहां पर जेपी नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष क्या करते रहे? यह समीक्षा और दिल्ली में एमसीडी में हारने की समीक्षा आखिर भाजपा को करनी ही पड़ेगी? 

प्रजातंत्र में किसी भी पार्टी का स्थाईत्व नहीं होता। प्रजातंत्र में सत्ता का आना और जाना पार्टियों के कर्मों के ऊपर होता है।भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली गंवाई। हिमाचल प्रदेश गंवाया। पंजाब हाथ नहीं आया।

यह बहुत बड़ी हार मानी जानी चाहिए।

 भारतीय जनता पार्टी कहती रही है कि मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है। मोदी के होते हुए दिल्ली  जीत नहीं सके और हिमाचल में भारतीय जनता पार्टी की हार क्यों हुई? पंजाब के अंदर भारतीय जनता पार्टी क्यों नहीं जीत पाई? मोदी के नाम पर मोदी के चेहरे को भारतीय जनता पार्टी कब तक इस्तेमाल करती रहेगी। ऐसा लग रहा है कि लोग यह नाम सुन सुन कर थक चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी गुजरात जीत का जश्न मना रही है। गुजरात तो पहले से ही भारतीय जनता पार्टी के पास था वहां पर सीटें बढ़ी है और जीत हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गुजरात को बचाने के लिए गुजरात में जमे रहे। अनेक मंत्री भी गुजरात में जमे रहे। गुजरात नाक का बाल बना हुआ था। ईज्जत का सवाल था। इस हालत में गुजरात को बचाने के दिन रात के प्रयास में हिमाचल हाथ से निकल गया। हिमाचल भाजपा की सत्ता से निकल गया। 

भा ज पा के लोग कहते रहते थे कि देश में कांग्रेस के केवल 2 राज्य हैं और इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस की सत्ता खत्म हो जाएगी लेकिन उल्टा हुआ है। हिमाचल में कांग्रेस की सरकार आ गई।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री गृहमंत्री अहंकार में डूबे हुए भाषा में बात करते रहे,वक्तव्य देते रहे। अब नैतिक जिम्मेवारी है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देने की घोषणा करें।०0०


8 दिसंबर 2022.


करणी दान सिंह राजपूत,

 स्वतंत्र पत्रकार,

(58 वर्ष पत्रकारिता अनुभव)

राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत.

 सूरतगढ़ (राजस्थान)

94143 81356.

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