गुरुवार, 29 दिसंबर 2022

आपातकाल1975 में श्यामलाल चिलाना व गुरनामसिंह से सूरतगढ़ पुलिस की क्रूरता:भारतजन 1977.


* करणीदानसिंह राजपूत *

इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री काल में लगाए गए आपातकाल में विरोध करने वालों को क्रूर यातनाएं देने में पुलिस और प्रशासन आगे रहा था। 

इंदिरा गांधी की सत्ता के विरुद्ध बाबू जयप्रकाश नारायण ने आवाज उठाई थी। सूरतगढ़ में आपातकाल लगने के पहले दिन राजस्थान की पहली आमसभा विरोध में 26 जून 1975 को हुई। 

उसका परिणाम तो आना ही था। सूरतगढ़ सदा संघर्षशील रहा। सूरतगढ़ से गिरफ्तारियां हुई और गिरफ्तारियां दी भी गई।

* आपातकाल का विरोध करने के लिए सूरतगढ़ के व्यापारी श्यामलाल चिलाना और सरदार गुरनाम सिंह कम्बोज ने बाबू जय नारायण जयप्रकाश नारायण जे पी जिंदाबाद के नारे लगाते हुए 22 जुलाई 1975 को  रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर  गिरफ्तार दी। इनको सूरतगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया।  रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हुए भी दोनों नारे लगा रहे थे। श्यामलाल को रोकने के लिए पुलिस ने उसके मुंह पर मुक्का मारा जिससे उनका दांत टूट गया लेकिन वे रुके नहीं। जीप में बिठाए गए गुरनाम सिंह नारा लगा रहे थे तो उनकी पगड़ी गिराई गई उनकी दाढ़ी नोची गई। दोनों को थाने में लाकर बुरी तरह से मारा गया। श्यामलाल चिलाना को इतना मारा गया कि उनके मुंह पर पहले से लगी मार की चोट से खून बहने लगा। वे बेहोश हो गए। उनको फेंक दिया गया। उनके मुंह से निकलते खून पर चीटियां आने लगी तो गुरनाम सिंह ने चिंटियों को हटाने के लिए कोशिश की तो गुरनाम सिंह को बहुत पीटा गया। कोई दया पुलिस के दिल में नहीं थी। श्यामलाल के रिश्ते में भाई कुशालचंद चिलाना को भी पकड़ा गया था। उनके सगे भाई भगवानदास चिलाना को पकड़ने के लिए जीप भेजी गई। उसी जीप में थाने में प्रधान बीरबल भादू और सरपंच सतपाल ताखड़   आए और कहा कि यह बाहर कैसे बैठे हैं हवालात के अंदर डालो। पुलिस ने दोनों आंदोलनकारियों को पहले दिन रोटी नहीं दी दूसरे दिन भी भूखा रखा। एसडीएम के आगे पेश करके हनुमानगढ़ जेल भेजा गया वहां पर पहले दिन बची हुई जली हुई  रोटियां मिली।  आपातकाल के अंदर भयानक यातनाएं भोगनी पड़ी थी।

मेरा साप्ताहिक भारत जन पहले सेंसर होने लगा। सरकार की अनुमति के बिना कोई समाचार छापा नहीं जा सकता था। सरकारी विज्ञापनों को रोक दिया गया। बाद में मुझ संपादक की गिरफ्तारी भी हुई और अखबार जब्त कर लिया गया। 

* आपातकाल खत्म होने के बाद में जब केंद्र व राजस्थान में जनता पार्टी का राज आया तब  घटनाक्रम बदला और सेंसर खत्म हुआ। 

तब 'भारत जन'  के 25 जुलाई 1977 के अंक में श्याम लाल चिलाना और स.गुरनामसिंह के साथ हुई क्रूरता को प्रकाशित किया गया। भारतजन का उक्त मेरे संग्रह में है। इस अंक का फोटो यहां प्रस्तुत है।

* स.गुरनामसिंह कम्बोज अति वृद्धावस्था करीब 88 वर्ष पूरे कर चुके हैं। सूरतगढ़ में बिजली बोर्ड के ठीक सामने की गली में उनका निवास है। श्यामलाल चिलाना का स्वर्गवास हो चुका है। श्याम जी के पुत्र किशनलाल चिलाना सूरतगढ़ में वैरायटी स्टोर चलाते हैं। *




29 दिसंबर 2022.

करणीदानसिंह राजपूत.

77 वर्ष पूर्ण।

स्वतंत्र पत्रकार,

* आपातकाल में जेलबंदी*

( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)

सूरतगढ़ ( राजस्थान )

94143 81356

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