बुधवार, 28 सितंबर 2022

राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग: अचानक राजनीति गरमाई

 




 * करणीदानसिंह राजपूत *


राजस्थान  जाट मुख्यमंत्री बनाए जाने की अचानक हुई मांग से बहुत बड़े बदलाव की संभावनाएं है। राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों में भी बहुत बड़ा उलटफेर हो सकता है। राजस्थान में इस समय कांग्रेस पार्टी में बहुत बड़ा घमासान मचा हुआ है और इसी घमासान के बीच राजस्थान जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने 28 सितंबर 2022 को राहुल गांधी को पत्र लिखकर बहुत बड़ा दबाव डाल दिया है।

 इस पत्र की प्रतियां मलिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन को भी भेजी गई है।

 

 जाट महासभा के अध्यक्ष राजाराम मील ने राहुल गांधी को भेजे पत्र में स्पष्ट चेतावनी जैसी भाषा इस्तेमाल की है कि जाटों को उपेक्षित रखने के कारण कांग्रेस पार्टी कमजोर होती रही है। 

जाट महासभा के अध्यक्ष में लिखा है कि राजस्थान में जाटों का प्रतिशत 20% के करीब है। राजस्थान के 18 जिलों में जाटों का बाहुल्य है और वहां जनसंख्या 35 से 40% के करीब है। अन्य जिलों में भी जाटों का अच्छी संख्या है। 

👍पत्र में लिखा गया है कि जाटों की उपेक्षा से सरकारें परिवर्तित होती रही है।कांग्रेस ने जाटों को वाजिब हक नहीं दिया  है और 75 वर्ष में राजस्थान के अंदर जाट मुख्यमंत्री नहीं बनाया। इस वजह से दोनों पार्टियों से जाट समुदाय नाराज  है।



अध्यक्ष ने लिखा है कि जाट मुख्यमंत्री बनाने से आगामी विधानसभा चुनाव में 200 में से कांग्रेस को 130 सीटें मिल सकती हैं और राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से 18 सीटें लोकसभा की जीत सकते हैं। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सत्ता रिपीट हो सकती है।राजस्थान में जाट मुख्यमंत्री बनाए जाने से पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश गुजरात हिमाचल आदि में भी कांग्रेस मजबूत होगी यह दावा भी किया गया है।👍 यह मांग तो कांग्रेस में उठी है लेकिन इसका असर भाजपा पर भी पड़ेगा और उसमें भी आगामी विधानसभा चुनाव में जाट दबाव की प्रक्रिया को अपनाएंगे।


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